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झारखंड: लॉकडाउन के चलते नक्सलियों के सामने भोजन की आफत, डीजीपी ने दिया सरेंडर का ऑफर

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Published : Apr 10, 2020, 9:49 AM IST

झारखंड में कोरोना इफेक्ट के कारण सभी वर्ग प्रभावित हो रहे हैं. लॉकडाउन के कारण नक्सलियों के सामने भोजन मिलने की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.

नक्सलियों के सामने भोजन की आफत
नक्सलियों के सामने भोजन की आफत

रांची: कोरोना वायरस संक्रमण के कारण नक्सलियों को रसद मिलना बंद हो गया है. देशव्यापी लॉकडाउन के कारण नक्सलियों को अनाज की सप्लायी बिल्कुल बंद हो गई है. ऐसे में राज्य के अलग अलग हिस्सों में नक्सलियों का दस्ता गांवों में अपनी ठौर तलाश रहा. इस हालात में झारखंड पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी ने नक्सलियों को सरेंडर कर मुख्य धारा में शामिल होने का ऑफर दिया है.

सरेंडर करें ,खाना खिलाएगी पुलिस

झारखंड पुलिस के डीजीपी एमवी राव ने कहा है कि नक्सली इस घड़ी में सरेंडर करें, पुलिस उन्हें खाना जरूर खिलाएगी, लेकिन अगर नक्सली अपने इरादे नहीं बदलेंगे तो पुलिस उनके खिलाफ लगातार अभियान चलाकर करारा जवाब देगी.

इस तरह पुलिस ने चाईबासा और गिरिडीह में नक्सलियों को जवाब दिया भी है. डीजीपी ने नक्सलियों से अपील की है कि वह ऐसी परिस्थिति में संगठन छोड़ मुख्यधारा से जुड़ें.

बड़े नक्सलियों भी संगठन छोड़ने की अपील डीजीपी ने की है. पड़ोस के दो राज्यों में सीजफायर झारखंड के दो पड़ोसी राज्यों में भाकपा माओवादियों ने सीजफायर की घोषणा की है.

ओडिसा और छतीसगढ़ में भाकपा माओवादियों ने सीजफायर का ऐलान कर दिया है. हालांकि झारखंड में नक्सलियों के शीर्ष कमान ने ऐसा कोई ऐलान नहीं किया है. कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी राज्य में नक्सली वारदात हुई हैं.

लेवी का सिस्टम पड़ा ठप्प

कोरोना लॉकडाउन के कारण भाकपा माओवादियों और दूसरे स्पलिंटर ग्रुप द्वारा लेवी वसूली का पूरा सिस्टम ठप पड़ा है. विकास योजनाओं के बंद हो जाने के कारण नक्सलियों को लेवी नहीं मिल रहा है.

वहीं तेंदुपत्ता, कोयला खनन, क्रशर, पत्थर खदानों के बंद हो जाने के कारण नक्सलियों को मिलने वाली लेवी नहीं मिल रही है. राज्य की खुफिया एजेंसी को इस बात की जानकारी भी मिली है.

गांवों की शरण ले रहे हैं नक्सली

झारखंड में पूर्ण लॉकडाउन के दौरान जंगल के इलाकों में नक्सलियों द्वारा गांव की शरण ली जा रही है, जो सूचनाएं मिली हैं उसके मुताबिक, नक्सलियों का छोटा-छोटा दस्ता अपने नजदीकी गांवों में ठौर तलाश रहा है, ताकि खाने पीने की दिक्कते न हो. बूढ़ापहाड़, सारंडा में आसपास के गांवों में नक्सलियों के ठौर की सूचना भी मिली है.

रांची: कोरोना वायरस संक्रमण के कारण नक्सलियों को रसद मिलना बंद हो गया है. देशव्यापी लॉकडाउन के कारण नक्सलियों को अनाज की सप्लायी बिल्कुल बंद हो गई है. ऐसे में राज्य के अलग अलग हिस्सों में नक्सलियों का दस्ता गांवों में अपनी ठौर तलाश रहा. इस हालात में झारखंड पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी ने नक्सलियों को सरेंडर कर मुख्य धारा में शामिल होने का ऑफर दिया है.

सरेंडर करें ,खाना खिलाएगी पुलिस

झारखंड पुलिस के डीजीपी एमवी राव ने कहा है कि नक्सली इस घड़ी में सरेंडर करें, पुलिस उन्हें खाना जरूर खिलाएगी, लेकिन अगर नक्सली अपने इरादे नहीं बदलेंगे तो पुलिस उनके खिलाफ लगातार अभियान चलाकर करारा जवाब देगी.

इस तरह पुलिस ने चाईबासा और गिरिडीह में नक्सलियों को जवाब दिया भी है. डीजीपी ने नक्सलियों से अपील की है कि वह ऐसी परिस्थिति में संगठन छोड़ मुख्यधारा से जुड़ें.

बड़े नक्सलियों भी संगठन छोड़ने की अपील डीजीपी ने की है. पड़ोस के दो राज्यों में सीजफायर झारखंड के दो पड़ोसी राज्यों में भाकपा माओवादियों ने सीजफायर की घोषणा की है.

ओडिसा और छतीसगढ़ में भाकपा माओवादियों ने सीजफायर का ऐलान कर दिया है. हालांकि झारखंड में नक्सलियों के शीर्ष कमान ने ऐसा कोई ऐलान नहीं किया है. कोरोना लॉकडाउन के दौरान भी राज्य में नक्सली वारदात हुई हैं.

लेवी का सिस्टम पड़ा ठप्प

कोरोना लॉकडाउन के कारण भाकपा माओवादियों और दूसरे स्पलिंटर ग्रुप द्वारा लेवी वसूली का पूरा सिस्टम ठप पड़ा है. विकास योजनाओं के बंद हो जाने के कारण नक्सलियों को लेवी नहीं मिल रहा है.

वहीं तेंदुपत्ता, कोयला खनन, क्रशर, पत्थर खदानों के बंद हो जाने के कारण नक्सलियों को मिलने वाली लेवी नहीं मिल रही है. राज्य की खुफिया एजेंसी को इस बात की जानकारी भी मिली है.

गांवों की शरण ले रहे हैं नक्सली

झारखंड में पूर्ण लॉकडाउन के दौरान जंगल के इलाकों में नक्सलियों द्वारा गांव की शरण ली जा रही है, जो सूचनाएं मिली हैं उसके मुताबिक, नक्सलियों का छोटा-छोटा दस्ता अपने नजदीकी गांवों में ठौर तलाश रहा है, ताकि खाने पीने की दिक्कते न हो. बूढ़ापहाड़, सारंडा में आसपास के गांवों में नक्सलियों के ठौर की सूचना भी मिली है.

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