रांची: कांग्रेस पार्टी से निष्कासित नेताओं ने स्टेट गेस्ट हाउस में रविवार (30 अप्रैल) को संवाददाता सम्मेलन कर झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष सहित कई नेताओं पर भड़ास निकाली. निलंबित कांग्रेसी नेता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि उदयपुर चिंतन शिविर में 'एक व्यक्ति -एक पद' का संकल्प को दोहराया गया था, पार्टी के अंदर एक व्यक्ति एक पद को सख्ती से लागू करने की बात कही गई थी. लेकिन झारखंड में इसे लागू नहीं किया जा रहा है.
कार्यकर्ताओं के लिए मापदंड की मांग: निलंबित कांग्रेस नेता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने राजेश ठाकुर को अपरिपक्व नेता बताते हुए कहा कि उन्हें संगठन चलाने का कोई अनुभव नहीं है. उन्होंने कहा कि उसे पूर्व प्रभारी ने साजिशन प्रदेश की बागडोर सौंप दी थी. पिछले कई महीनों से यह चर्चा आम रही है कि राज्य सरकार में बोर्ड, निगम, आयोग में महागठबंधन में शामिल दलों के पार्टी कार्यकर्ताओं को स्थान दिया जाएगा. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता विधायक दल के नेता के सुझाव पर पार्टी हाई कमान द्वारा इसकी सूची मुख्यमंत्री को सौंप दी गई है. उन्होंने कहा कि संभावित नाम सूची में शामिल है उसकी चर्चा होते ही पार्टी में बवाल शुरू हो गया है.
राजेश ठाकुर को अपरिपक्व नेता बताते हुए लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि उन्हें संगठन चलाने का कोई अनुभव नहीं है. पूर्व प्रभारी ने साजिशन प्रदेश की बागडोर सौंप दी थी. लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि हम सब पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं. हम पार्टी हाईकमान से मांग करते हैं कि बोर्ड, निगमज़ आयोग के गठन के पूर्व उसके लिए चयनित पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक मापदंड बनाई जाए.
प्रदेश अध्यक्ष पर लगाए ये आरोप: आलोक दुबे ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने उतरे तो सर्वप्रथम उन्होंने राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा दिया और पार्टी के सिद्धांतों का पालन किया. वहीं आलोक दुबे ने कहा कि झारखंड प्रदेश अध्यक्ष के बारे में कहा कि वर्तमान में राजेश ठाकुर को प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए झारखंड सरकार में मंत्री का दर्जा प्राप्त है. सरकार की ओर से एक मंत्री के रूप में मिलने वाली सारी सुविधाओं का लाभ अध्यक्ष ले रहे हैं.
कांग्रेस के निलंबित पूर्व प्रदेश महासचिव राजेश गुप्ता ने कहा कि वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष, संगठन के लिए बोझ बन गए हैं. वह पार्टी का इस्तेमाल सिर्फ अपने हितों के लिए कर रहे हैं. कहा कि मंत्री का दर्जा प्राप्त करते ही अध्यक्ष पद छोड़ देना चाहिए था, लेकिन ऐसा उन्होंने नहीं किया. राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस में प्रतिशोध की राजनीति चल रही है. रायपुर अधिवेशन में बतौर AICC डेलीगेट्स हम चार लोग शामिल नहीं हों, इसलिए आनन-फानन में हम सबों पर निलंबन करने की कार्रवाई की गई.