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झारखंड कांग्रेस के नेता केएन त्रिपाठी की मांग-केंद्र सरकार के निर्णय का इंतजार न करें सीएम हेमंत, झारखंड में खुद कराएं जातीय जनगणना

झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केएन त्रिपाठी ने हेमंत सरकार से झारखंड में खुद ही जातीय जनगणना (caste census) कराने की मांग की है. उन्होंने हेमंत सरकार को सुझाव दिया कि दलितों में महादलित, रविदास समाज इत्यादि के कितने लोग हैं यह पता चलना चाहिए और इसका आंकड़ा सामने आना चाहिए.

Jharkhand Congress leader KN Tripathi demand get caste census state government itself
झारखंड कांग्रेस के नेता केएन त्रिपाठी की मांग
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Published : Oct 18, 2021, 8:58 PM IST

Updated : Oct 18, 2021, 9:11 PM IST

नई दिल्लीः झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केएन त्रिपाठी ने हेमंत सरकार से झारखंड में खुद ही जातीय जनगणना (caste census) कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना जितना जल्द हो उतना अच्छा रहेगा. यह झारखंड सहित पूरे देश में होनी चाहिए. किसकी कितनी संख्या है यह पता चलना चाहिए. दलितों में महादलित, रविदास समाज इत्यादि के कितने लोग हैं यह पता चलना चाहिए. आदिवासियों में अन्य आदिवासी जातियां कितनी हैं यह सब आंकड़ा सामने आना चाहिए.

ये भी पढ़ें-रामोजी फिल्म सिटी घूमने आए पर्यटकों में दिखा उत्साह, रंगारंग प्रस्तुतियों से हुए मंत्रमुग्ध

केएन त्रिपाठी ने कहा कि जातीय जनगणना (caste census) हो जाएगी तो कमजोर वर्ग की वास्तविक संख्या के आधार पर विकास योजनाओं को बनाने में मदद मिलेगी. सरकारी योजनाओं का लाभ सभी कमजोर वर्ग के लोगों तक पहुंच सकेगी. उन्होंने कहा कि मैं सीएम हेमंत से मांग करता हूं कि केंद्र सरकार के निर्णय का इंतजार करने की जरूरत नहीं है. झारखंड में झारखंड सरकार इसको खुद कराए. देश के सभी मुख्यमंत्रियों को अपने-अपने राज्यों में इसको कराना चाहिए. केंद्र सरकार इस मुद्दे पर गुमराह कर रही है.

देखें पूरी खबर


और क्या कहा त्रिपाठी ने

केएन त्रिपाठी ने कहा कि झारखंड में झारखंड सरकार इसको खुद कराएगी तो कोई दिक्कत नहीं होगी. क्योंकि शिक्षक, सरकारी कर्मचारी हैं, गांव में अधिकारी हैं. कहीं कोई समस्या नहीं होगी. आसानी से जाति जनगणना हो जाएगी.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की थी मुलाकात

बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और जातीय जनगणना कराने की मांग की थी. हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से झारखंड सरकार को इस पर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है. केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि 2021 के जनगणना में अनुसूचित जाति, जनजाति की गणना होगी. बीजेपी का तर्क है कि जातीय जनगणना से समाज में तनाव बढ़ेगा.

मोदी सरकार हर वर्ग के लोगों का विशेष ख्याल रख रही है. जातीय जनगणना की जरूरत नहीं है. वहीं यह मुद्दा देश में जोर शोर से उठ रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ इस मुद्दे पर पीएम मोदी से मुलाकात की थी.

नई दिल्लीः झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केएन त्रिपाठी ने हेमंत सरकार से झारखंड में खुद ही जातीय जनगणना (caste census) कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना जितना जल्द हो उतना अच्छा रहेगा. यह झारखंड सहित पूरे देश में होनी चाहिए. किसकी कितनी संख्या है यह पता चलना चाहिए. दलितों में महादलित, रविदास समाज इत्यादि के कितने लोग हैं यह पता चलना चाहिए. आदिवासियों में अन्य आदिवासी जातियां कितनी हैं यह सब आंकड़ा सामने आना चाहिए.

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केएन त्रिपाठी ने कहा कि जातीय जनगणना (caste census) हो जाएगी तो कमजोर वर्ग की वास्तविक संख्या के आधार पर विकास योजनाओं को बनाने में मदद मिलेगी. सरकारी योजनाओं का लाभ सभी कमजोर वर्ग के लोगों तक पहुंच सकेगी. उन्होंने कहा कि मैं सीएम हेमंत से मांग करता हूं कि केंद्र सरकार के निर्णय का इंतजार करने की जरूरत नहीं है. झारखंड में झारखंड सरकार इसको खुद कराए. देश के सभी मुख्यमंत्रियों को अपने-अपने राज्यों में इसको कराना चाहिए. केंद्र सरकार इस मुद्दे पर गुमराह कर रही है.

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और क्या कहा त्रिपाठी ने

केएन त्रिपाठी ने कहा कि झारखंड में झारखंड सरकार इसको खुद कराएगी तो कोई दिक्कत नहीं होगी. क्योंकि शिक्षक, सरकारी कर्मचारी हैं, गांव में अधिकारी हैं. कहीं कोई समस्या नहीं होगी. आसानी से जाति जनगणना हो जाएगी.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की थी मुलाकात

बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और जातीय जनगणना कराने की मांग की थी. हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से झारखंड सरकार को इस पर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है. केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि 2021 के जनगणना में अनुसूचित जाति, जनजाति की गणना होगी. बीजेपी का तर्क है कि जातीय जनगणना से समाज में तनाव बढ़ेगा.

मोदी सरकार हर वर्ग के लोगों का विशेष ख्याल रख रही है. जातीय जनगणना की जरूरत नहीं है. वहीं यह मुद्दा देश में जोर शोर से उठ रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ इस मुद्दे पर पीएम मोदी से मुलाकात की थी.

Last Updated : Oct 18, 2021, 9:11 PM IST
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