रांची: कोविड संक्रमण से बचाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे सघन जांच अभियान का स्वागत करते हुए फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इन्डस्ट्रीज (एफजेसीसीआई) ने कहा है कि व्यवसायी वर्ग भी इस दिशा में जिला प्रशासन का सहयोग देने के लिए तत्पर है, व्यवसायी प्रत्येक स्तर पर जिला प्रशासन द्वारा जारी सुरक्षा मानकों को पालन कराने के लिए प्रतिबद्धता दिखा रहे हैं, लेकिन जांच अभियान के नाम पर केवल दुकानदारों को ही साॅफ्ट टार्गेट करना उचित नहीं है.
इसे भी पढे़ं: केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा कोरोना पॉजिटिव, सीएम ने की जल्द स्वस्थ होने की कामना
चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा ने कहा कि संक्रमण की दूसरी लहर से व्यवसायी हतोत्साहित हैं और इसे नियंत्रित करने के लिए दुकानदारों द्वारा सभी एसओपी का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है, हम इस बात को भलिभांति समझते हैं कि जान है तो जहान है, लेकिन चेकिंग अभियान के दौरान केवल दुकानदारों को एसओपी का पालन नहीं करने के नाम पर दुकानें सील कर देना न्यायसंगत नहीं है, एसओपी का पालन केवल दुकानों में ही नहीं हो रहा है, ऐसी बात नहीं है, क्या दुकान सील कर देने से महामारी से निजात पाया जा सकता है? अगर ऐसा है तो सभी व्यवसायी स्वेच्छा से ही अपनी दुकानें बंद करने को तैयार हैं.
नियमों का पालन कराने की सख्ती बरतने की जरूरत
जिला प्रशासन को ऐसे सभी जगहों जहां भीड-भाड अधिक है, वहां पर भी कोविड के नियमों का पालन कराने की सख्ती दिखानी चाहिए, वर्तमान में मामलों की अधिकता को देखते हुए सघन जांच अभियान की आवश्यकता है, इस बात को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह जांच सभी स्तर पर यहां तक कि रास्ते पर चलते हुए लोगों तक भी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि चेकिंग के दौरान व्यापारियों को उनके कर्मचारियों की आरटीपीसीआर टेस्ट कराने के लिए बाध्य किया जा रहा है, लेकिन इस जांच के लिए किसी भी निजी या सरकारी संस्थान में उचित व्यवस्था उपलब्ध नहीं है, ऐसे में इस जांच के लिए व्यापारियों को बाध्य करना कहां तक उचित है. उन्होंने सुझाया कि जिस व्यक्ति को जांच की अधिक आवश्यकता है, केवल उसे ही इस जांच के लिए अनिवार्य किया जाय, न कि सभी लोगों के लिए.
इसे भी पढे़ं: झारखंड में सरकार ने लगाई कई पाबंदियां, सीएम ने कहा- हालात नहीं सुधरे, तो लेने होंगे कड़े फैसले
जांच की सम्पूर्ण व्यवस्था की जाय
वर्तमान में समस्या कोई व्यक्ति संक्रमित है या नहीं इसकी जांच की आवश्यकता है. ऐसी स्थिति में जब काफी संख्या में लोग बैकलाॅग में है और जांच की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, तो इस बाध्यता के नाम पर व्यवसायियों को प्रताड़ित करना उचित नहीं है. जांच कराने के लिए सभी लोग तैयार हैं. ऐसे में कहां पर जांच की सम्पूर्ण व्यवस्था है. यह भी व्यापारियों को बताया जाय, ताकि लोग जांच करा सके.