रांचीः डुमरी विधानसभा उपचुनाव एनडीए के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है. शायद यही वजह है कि आजसू और बीजेपी नेताओं का जमावड़ा उपचुनाव की घोषणा होने के साथ यहां लगा हुआ हुआ है. बीजेपी के एक दर्जन से अधिक नेता लगातार डुमरी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा कर रहे हैं.
सोमवार को बीजेपी के झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी की कई चुनावी सभाएं हुईं. मंगलवार को भी डुमरी की जनता के बीच लक्ष्मीकांत बाजपेयी रहेंगे. भाजपा प्रदेश कार्यालय द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश प्रभारी डॉक्टर लक्ष्मीकांत बाजपेयी सुबह 10 बजे ईसरी के निजी होटल में मीडियाकर्मियों को संबोधित करेंगे. इसके बाद 11:30 डुमरी में बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया गया है. जिसमें डॉक्टर लक्ष्मीकांत बाजपेयी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास संबोधित करेंगे.
इसके बाद दोपहर 12 बजे ऊपर घाट मंडल बूथस्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. जिसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. 12 बजे ही एक दूसरे कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सांसद दीपक प्रकाश तेलो मंडल बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं.
डुमरी विधानसभा उपचुनाव के लिए 5 सितंबर को वोटिंगः 5 सितंबर को होने वाले डुमरी विधानसभा उपचुनाव में एनडीए की ओर से आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी चुनाव मैदान में हैं. दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से दिवंगत शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो की पत्नी एवं राज्य की उत्पाद मंत्री बेबी देवी चुनाव लड़ रही हैं. आजसू प्रत्याशी यशोदा देवी 2019 के विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रही थीं. उस समय आजसू और बीजेपी अलग-अलग चुनाव लड़ा था, जिस वजह से वोटों का बिखराव हुआ था.
एनडीए को उम्मीद है कि रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव की तरह डुमरी में भी एनडीए की एकजुटता रंग लाएगी और यशोदा देवी झामुमो के गढ़ माने जाने वाले डुमरी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कर करने में सफल होगी. इधर डुमरी विधानसभा चुनाव को जितने में जुटे झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद चुनाव मैदान में लगातार जनसभा कर रहे हैं. पार्टी को उम्मीद है कि दिवंगत शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो की छवि को ध्यान में रखकर जनता बेबी देवी को जीत का माला पहनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. बहरहाल हार-जीत का फैसला तो डुमरी की जनता के हाथों में है जो 5 सितंबर को मतदान के जरिए प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला करेगी.