रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ लगे आरोप पर सियासत तेज हो गयी है. झारखंड भाजपा का शिष्टमंडल राजभवन पहुंचा है. राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर भाजपा शिष्टमंडल द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पद का दुरुपयोग करने संबंधी ज्ञापन सौंपा है. जिसमें बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बसंत सोरेन को बर्खास्त कर आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की गयी है.
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राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा शिष्टमंडल ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति लेने का आरोप लगाया है. मुलाकात के दौरान भाजपा नेताओं ने कहा कि खनन पट्टा की स्वीकृति के लिए हेमंत सोरेन 2008 से ही प्रयासरत थे. उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद पत्रांक 615 M दिनांक 16/06/2021 द्वारा पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति हेतु सैद्धांतिक सहमति के आशय का पत्र विभाग ने जारी कर दिया. जिला खनन कार्यालय द्वारा पत्रांक 106 दिनांक 10/07/ 2021 को खनन योजना की स्वीकृति दी गई और उसके बाद हेमंत सोरेन ने दिनांक 09/09/ 2021 को स्टेट लेवल इंवायरमेंटट इंपेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी को आवेदन भेजा जो 14 से 18 सितंबर 2021 को हुई बैठक में पर्यावरण स्वीकृति की अनुशंसा की गई. मुख्यमंत्री द्वारा किया गया यह कार्य गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी मंत्रियों के लिए आचार संहिता का उल्लंघन है.
हेमंत सोरेन और बसंत सोरेन पर चले आपराधिक मुकदमाः राज्यपाल से मिलने के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1)D के तहत आपराधिक कृत्य करने का आरोप लगाया है. केंद्र सरकार का यह कोड ऑफ कंडक्ट मंत्रियों एवं राज्य सरकार के मंत्रियों पर लागू होता है क्योंकि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री के पद को पिछले 2 साल से ज्यादा समय से संभाल रहे हैं और सरकारी सेवक के रूप में आते हैं इसलिए यह असंवैधानिक कार्य है. मुख्यमंत्री जिसके अंदर खनन विभाग है वही विभाग उन्हें पत्थर खनन की स्वीकृति के लिए सैद्धांतिक सहमति का पत्र जारी करता है और जिला कार्यालय उनकी खनन योजना को स्वीकृत करता है. मुख्यमंत्री के अंदर का एक विभाग पर्यावरण स्वीकृति की अनुशंसा भी देता है यह भ्रष्ट आचरण का प्रमाण है और धारा 7(ए) भ्रष्टाचार निरोधक कानून अंतर्गत दंडनीय अपराध भी है.
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आईपीसी की धारा 169 का भी स्पष्ट उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने जिस जमीन की माइनिंग लीज दी है वह सरकारी संपत्ति है और मुख्यमंत्री एक सरकारी सेवक हैं, इस नाते उनके द्वारा लीज लेना गैरकानूनी है. इसलिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बर्खास्त कर आपराधिक मुकदमा चलनी चाहिए. बाबूलाल मरांडी ने बसंत सोरेन पर लगे आरोप पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बड़े मियां तो बड़े मियां छोटे मियां सुहान अल्लाह हैं. उन्होंने पाकुड़िया में ग्रैंड माइनिंग कंपनी में बसंत सोरेन की भागीदारी का आरोप लगाते हुए कहा कि ग्रैंड माइनिंग कंपनी के डायरेक्टर बसंत सोरेन हैं जो अवैध खनन में लगा हुआ है जिसपर जुर्माना भी हो चुका है. संवैधानिक रुप से विधायक का लाभ के पद पर दूसरे जगह होना गैरकानूनी है. इस मामले में बसंत सोरेन की सहभागिता को देखते हुए अविलंब उनकी सदस्यता समाप्त की जाए. उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन परिवार भ्रष्टाचार के दलदल में है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद लूटने के साथ साथ राज्य को लुटवा भी रहे हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर पत्थर के कारोबार में शामिल होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. भाजपा नेताओं का एक हाईलेवल शिष्टमंडल राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बसंत सोरेन को बर्खास्त कर आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की है. शुक्रवार शाम राजभवन पहुंचे भाजपा शिष्टमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी, भाजपा विधायक और पूर्व स्पीकर सीपी सिंह, विधायक नवीन जायसवाल, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष गंगोत्री कुजूर, भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य साहु और प्रदेश प्रवक्ता योगेंद्र प्रताप शामिल रहे.