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घंटी आधारित सहायक प्राध्यापकों का धरना-प्रदर्शन, नियमित करने की मांग

झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ का धरना जारी है. कुलाधिपति और मुख्यमंत्री के ध्यानाकर्षण कार्यक्रम के पांचवें दिन राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों ने पांचवें दिन प्रदर्शन किया.

Jharkhand Assistant Professor Contract Association dharana
घंटी आधारित सहायक प्राध्यापकों का धरना
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Published : Aug 1, 2022, 10:35 PM IST

Updated : Aug 1, 2022, 11:03 PM IST

रांची : झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ द्वारा आयोजित किए जा रहे राज्यपाल सह कुलाधिपति और मुख्यमंत्री के ध्यानाकर्षण कार्यक्रम के पांचवें दिन राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों, अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों ने अपने मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ें-मानदेय मांगा तो नौकरी से हटा दिया, फफक कर दिव्यांग ने सुनाई आपबीती


इस मौके पर डॉ. रीझू नायक ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों, अंगीभूत महाविद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी थी, उस समय उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से हम घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों की नियुक्ति 2018 में की गई थी. हमलोग लगातार साढ़े चार वर्षों से शिक्षा में गुणवत्ता लाने का अथक प्रयास कर रहे हैं. लेकिन सरकार हम प्राध्यापकों पर तनिक भी ध्यान नहीं दे रही है. आज तक मानदेय में एक रुपये वृद्धि नहीं की गई, नतीजा हमलोगों को आज सड़कों पर धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है.

शोषण कर रही है सरकारः डॉ. अंजना सिंह ने घंटी बजाओ, सरकार जगाओ कार्यक्रम के बारे में कहा कि कुल मिलाकर ये नियुक्ति काफी शोषणकारी है. सरकार हम लोगों का लगातार शोषण कर रही है. शोषणकारी व्यवस्था के विरुद्ध मजबूर होकर एकत्रित होना पड़ रहा है ताकि राज्यपाल सह कुलाधिपति और मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों का ध्यानाकर्षण किया जा सके. उनकी मांग है कि सरकार घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों को रेगुलराइज करे, यूजीसी ग्रेड के अनुसार निश्चित मासिक मानदेय तय करे और हमारे टर्मीनेट शिक्षकों की सेवा बहाल करे.

रांची : झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ द्वारा आयोजित किए जा रहे राज्यपाल सह कुलाधिपति और मुख्यमंत्री के ध्यानाकर्षण कार्यक्रम के पांचवें दिन राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों, अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों ने अपने मांगों को लेकर प्रदर्शन किया.

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इस मौके पर डॉ. रीझू नायक ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों, अंगीभूत महाविद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी थी, उस समय उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के उद्देश्य से हम घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों की नियुक्ति 2018 में की गई थी. हमलोग लगातार साढ़े चार वर्षों से शिक्षा में गुणवत्ता लाने का अथक प्रयास कर रहे हैं. लेकिन सरकार हम प्राध्यापकों पर तनिक भी ध्यान नहीं दे रही है. आज तक मानदेय में एक रुपये वृद्धि नहीं की गई, नतीजा हमलोगों को आज सड़कों पर धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है.

शोषण कर रही है सरकारः डॉ. अंजना सिंह ने घंटी बजाओ, सरकार जगाओ कार्यक्रम के बारे में कहा कि कुल मिलाकर ये नियुक्ति काफी शोषणकारी है. सरकार हम लोगों का लगातार शोषण कर रही है. शोषणकारी व्यवस्था के विरुद्ध मजबूर होकर एकत्रित होना पड़ रहा है ताकि राज्यपाल सह कुलाधिपति और मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों का ध्यानाकर्षण किया जा सके. उनकी मांग है कि सरकार घंटी आधारित अनुबंध शिक्षकों को रेगुलराइज करे, यूजीसी ग्रेड के अनुसार निश्चित मासिक मानदेय तय करे और हमारे टर्मीनेट शिक्षकों की सेवा बहाल करे.

Last Updated : Aug 1, 2022, 11:03 PM IST
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