रांची: वित्तीय वर्ष 2022-23 की तरह वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट भी तीन मार्च को ही सदन पटल पर रखा जाएगा. 2022 का बजट सत्र भी 17 दिन का था. वर्तमान सत्र भी 17 दिन का ही है. ऐसा पहली बार होगा जब बतौर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव चौथी बार बजट पेश करेंगे. इससे पहले लगातार पांच बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व सीएम सह वित्त मंत्री रघुवर दास के नाम था. अब सवाल है कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में आने वाले बजट में क्या खास होगा. इसका खुलासा तो 3 मार्च हो ही होगा लेकिन जानकारों का मानना है कि सरकार लोकलुभावन मुद्दों पर ज्यादा फोकस करेगी.
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जानकार कहते हैं कि पिछले साल सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और ईडी की कार्रवाई के बाद यहां की राजनीति में कड़वापन का लेप चढ़ा है. सरकार जनता के विश्वास पर खरा उतरने की कोशिश में नियोजन, स्थानीयता, आरक्षण, ओपीएस समेत कई बड़े फैसले ले चुकी है. यह अलग बात है कि नियोजन नीति हाईकोर्ट की चौखट पर धराशायी हो गई है. इसको नया रूप देकर सरकार विवादों को पाटना चाहेगी. जाहिर सी बात है कि राज्य में नियोजन की प्रक्रिया रोकने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराकर विपक्ष घेरने की पूरी कोशिश करेगा. साथ ही अपनी ही सरकार से नाराज चल रहे झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम और चमरा लिंडा नई मुसीबत खड़ी कर सकते हैं.
आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि सरकार ने यहां के लोगों के सेंटीमेंट से जोड़ने के लिए बजट को ' हमीन कर बजट ' नाम दिया है. राज्य की तीन चौथाई आबादी खेती-किसानी पर आश्रित है. इसलिए इस सेक्टर पर ज्यादा फोकस देखने को मिल सकता है. एक बैलेंस बजट तभी बन सकता है जब ढांचागत विकास पर बजट का आधा हिस्सा खर्च हो. शेष 50 प्रतिशत हिस्से में 30 प्रतिशत राज्य की जरूरतों और 20 प्रतिशत को अन्य देनदारियों में खर्च करना चाहिए. एक अनुमान के मुताबिक इस बार 1 लाख 11 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट आ सकता है.
बजट सत्र में किस दिन क्या होगा: 27 फरवरी से झारखंड विधान सभा को बजट सत्र की शुरूआत हो रही है. बजट सत्र के पहले दिन से लेकर अंतिम दिन तक क्या क्यो होगा उसकी पूरी रुप रेखा निम्न है.
- 27 फरवरी को भारत के संविधान के अनुच्छेद 176(1) के तहत 11.30 बजे विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण होगा. अगर अध्यादेशों की प्रमाणिकृत कॉपी होगी तो उसे पटल पर रखा जाएगा. इसके बाद शोक प्रकाश कर कार्यवाही स्थगित हो जाएगी.
- 28 फरवरी को प्रश्नकाल और राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और वाद-विवाद होगा.
- 1 मार्च को प्रश्नकाल के बाद वित्तीय वर्ष 2022-23 का तृतीय अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. फिर राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और वाद-विवाद के बाद सरकार का उत्तर और मतदान होगा.
- 2 मार्च को प्रश्नकाल के बाद अनुपूरक बजट पर वाद-विवाद, मतदान होगा. फिर विनियोग विधेयक को सभी पटल पर रखा जाएगा
- 3 मार्च को प्रश्नकाल के बाद वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव वित्तीय वर्ष 2023-24 का आय-व्ययक यानी बजट को सभी पटल पर रखेंगे. उनका बजट भाषण होगा.
- 4 मार्च यानी शनिवार को प्रश्नकाल के बाद बजट पर सामान्य विवाद-विवाद होगा. इसके बाद होली के मद्देनजर सभी कार्यवाही 5 मार्च से 12 मार्च तक स्थगित रहेगी.
- 13 मार्च को प्रश्नकाल के बाद बजट पर सामान्य वाद-विवाद और उत्तर होगा.
- 14 मार्च को प्रश्नकाल के बाद बजट के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर और मतदान होगा.
- 15 मार्च को प्रश्नकाल के बाद बजट के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर और मतदान होगा.
- 16 मार्च को प्रश्नकाल के बाद बजट के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर और मतदान होगा.
- 17 मार्च को प्रश्नकाल के बाद बजट के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर और मतदान होगा.
- 18 मार्च को प्रश्नकाल के बाद बजट के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर और मतदान होगा.
- 19 मार्च को रविवार होने की वजह से बैठक नहीं होगी
- 20 मार्च को प्रश्नकाल के बाद बजट के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर और मतदान होगा.
- 21 मार्च को प्रश्नकाल के बाद बजट के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर और मतदान होगा.
- 22 मार्च को प्रश्नकाल के बाद बजट के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद, सरकार का उत्तर और मतदान होगा. इसके बाद विनियोग विधेयक का उपस्थापन होगा.
- 23 मार्च को प्रश्नकाल के बाद राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्यों का निपटारा होगा
24 मार्च को प्रश्नकाल के बाद राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य निपटाए जाएंगे. गैर सरकारी संकल्प लिए जाएंगे. माननीयों के लिए यह खास होता है. लेकिन 24 मार्च को सरहुल की वजह से इस दिन कार्यवाही स्थगित किए जाने की संभावना है. इसकी वजह शनिवार को कार्यवाही रखी जा सकती है. लेकिन इसका फैसला कार्यमंत्रणा की बैठक में होगा.