ETV Bharat / state

जैक मैट्रिक की परीक्षा हो सकती है रद्द, ICSE और CBSE की तर्ज पर शिक्षा विभाग ले सकता है निर्णय

author img

By

Published : May 20, 2021, 9:28 PM IST

झारखंड एकेडमिक काउंसिल सीबीएसई और आईसीएसई की तर्ज पर मैट्रिक की परीक्षा रद्द कर सकती है. दरअसल कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार यह फैसला ले सकती है.

jharkhand academic council may cancel matriculation examination
झारखंड एकेडमिक काउंसिल

रांचीः झारखंड एकेडमिक काउंसिल सीबीएसई और आईसीएसई की तर्ज पर मैट्रिक की परीक्षा रद्द कर सकती है. इसे लेकर स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग मंथन कर रही है. कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए और तीसरी लहर के मद्देनजर यह बड़ा निर्णय सरकार ले सकती है.

इसे भी पढ़ें- 10वीं की परीक्षा की तैयारीः शिक्षक स्कूल प्रबंधक संबंधित बोर्ड परीक्षार्थियों को दे रहे हैं परामर्श

मैट्रिक बोर्ड का एग्जाम रद्द होने की संभावना
पहले ही सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड ने दसवीं की परीक्षा आयोजित नहीं करने का फैसला ले लिया है. यह दोनों बोर्ड नौवीं और दसवीं के अंकों के आधार पर मैट्रिक का रिजल्ट तैयार करने में जुटा है. जून या फिर जुलाई के प्रथम सप्ताह तक आईसीएसई ओर सीबीएसई बोर्ड की दसवीं का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा. ऐसे में जैक पिछड़ न जाए इसी के मद्देनजर मैट्रिक का एग्जाम भी रद्द किए जाने को लेकर झारखंड स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग मंथन कर रहा है. हालांकि राज्य सरकार के कुछ एक्सपर्ट कहते हैं कि परीक्षा लेना जरूरी है. लेकिन जून में परीक्षा का संचालन होने की संभावना ना के बराबर है. अगर 2 महीने बाद परीक्षा का आयोजन होता भी है तो रिजल्ट का प्रकाशन करने में काफी देरी होगी और इंटरमीडिएट प्लस टू में नामांकन भी शुरू हो जाएगा. इस स्थिति में झारखंड बोर्ड के बच्चों को काफी नुकसान हो सकता है. ऐसे ही तमाम विषय वस्तुओं की जानकारी लेते हुए शिक्षा विभाग मैट्रिक बोर्ड का एग्जाम रद्द करने पर विचार कर रहा है.

नौवीं क्लास के रिजल्ट के आधार पर मैट्रिक का निकाला जा सकता है रिजल्ट
नौवीं क्लास के रिजल्ट के आधार पर विद्यार्थियों को पास किया जा सकता है. अगर मैट्रिक की परीक्षा रद्द हो जाती है तो फिर इंटरमीडिएट की परीक्षा पर शिक्षा विभाग का ध्यान होगा और कोरोना के मामले कम होने पर अगस्त तक इंटरमीडिएट का एग्जाम लिया जा सकता है. परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव का संकेत है. इंटरमीडिएट की परीक्षा लेना जरूरी है क्योंकि विश्वविद्यालय में नामांकन के लिए इंटरमीडिएट में पास होना अति आवश्यक है.

14 महीने से बंद है स्कूल
कोरोना महामारी के कारण पिछले 14 महीने से स्कूल का संचालन नहीं हुआ. ऐसे में मैट्रिक की परीक्षा को लेकर विद्यार्थी पूरी तरह तैयार भी नहीं है. कोरोना वायरस के कारण उनकी मानसिक स्थिति भी सही नहीं है. ऐसे में सरकार इस दिशा में पहल कर सकती है. जानकारी के मुताबिक जून महीने में ही इस पर फैसला आने की पूरी संभावना है.

रांचीः झारखंड एकेडमिक काउंसिल सीबीएसई और आईसीएसई की तर्ज पर मैट्रिक की परीक्षा रद्द कर सकती है. इसे लेकर स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग मंथन कर रही है. कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए और तीसरी लहर के मद्देनजर यह बड़ा निर्णय सरकार ले सकती है.

इसे भी पढ़ें- 10वीं की परीक्षा की तैयारीः शिक्षक स्कूल प्रबंधक संबंधित बोर्ड परीक्षार्थियों को दे रहे हैं परामर्श

मैट्रिक बोर्ड का एग्जाम रद्द होने की संभावना
पहले ही सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड ने दसवीं की परीक्षा आयोजित नहीं करने का फैसला ले लिया है. यह दोनों बोर्ड नौवीं और दसवीं के अंकों के आधार पर मैट्रिक का रिजल्ट तैयार करने में जुटा है. जून या फिर जुलाई के प्रथम सप्ताह तक आईसीएसई ओर सीबीएसई बोर्ड की दसवीं का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा. ऐसे में जैक पिछड़ न जाए इसी के मद्देनजर मैट्रिक का एग्जाम भी रद्द किए जाने को लेकर झारखंड स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग मंथन कर रहा है. हालांकि राज्य सरकार के कुछ एक्सपर्ट कहते हैं कि परीक्षा लेना जरूरी है. लेकिन जून में परीक्षा का संचालन होने की संभावना ना के बराबर है. अगर 2 महीने बाद परीक्षा का आयोजन होता भी है तो रिजल्ट का प्रकाशन करने में काफी देरी होगी और इंटरमीडिएट प्लस टू में नामांकन भी शुरू हो जाएगा. इस स्थिति में झारखंड बोर्ड के बच्चों को काफी नुकसान हो सकता है. ऐसे ही तमाम विषय वस्तुओं की जानकारी लेते हुए शिक्षा विभाग मैट्रिक बोर्ड का एग्जाम रद्द करने पर विचार कर रहा है.

नौवीं क्लास के रिजल्ट के आधार पर मैट्रिक का निकाला जा सकता है रिजल्ट
नौवीं क्लास के रिजल्ट के आधार पर विद्यार्थियों को पास किया जा सकता है. अगर मैट्रिक की परीक्षा रद्द हो जाती है तो फिर इंटरमीडिएट की परीक्षा पर शिक्षा विभाग का ध्यान होगा और कोरोना के मामले कम होने पर अगस्त तक इंटरमीडिएट का एग्जाम लिया जा सकता है. परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव का संकेत है. इंटरमीडिएट की परीक्षा लेना जरूरी है क्योंकि विश्वविद्यालय में नामांकन के लिए इंटरमीडिएट में पास होना अति आवश्यक है.

14 महीने से बंद है स्कूल
कोरोना महामारी के कारण पिछले 14 महीने से स्कूल का संचालन नहीं हुआ. ऐसे में मैट्रिक की परीक्षा को लेकर विद्यार्थी पूरी तरह तैयार भी नहीं है. कोरोना वायरस के कारण उनकी मानसिक स्थिति भी सही नहीं है. ऐसे में सरकार इस दिशा में पहल कर सकती है. जानकारी के मुताबिक जून महीने में ही इस पर फैसला आने की पूरी संभावना है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.