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ईटीवी भारत से बोले वशिष्ठ नारायण- नीतीश कुमार पर BJP का नहीं है कोई दबाव

जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने ईटीवी भारत को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू (Vashisht Narayan Singh Exclusive Interview) में बिहार में चल रहे तमाम सियासी कयासों पर विराम लगा दिया है. उन्होंने साफ कहा कि नीतीश कुमार पर किसी तरह का कोई दबाव बीजेपी की तरफ से नहीं है. हमारे बीच तमाम मुद्दों पर समझौते के साथ सरकार चल रही है. सरकार की शिफ्टिंग होने वाली नहीं है.

JDU Leader Vashisht Narayan Singh Exclusive Interview with ETV Bharat
JDU Leader Vashisht Narayan Singh Exclusive Interview with ETV Bharat
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Published : Apr 26, 2022, 4:56 PM IST

पटनाः बिहार में नीतीश कुमार को लेकर इन दिनों कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. सीएम नीतीश के लालू परिवार की इफ्तार पार्टी में शिरकत करने के बाद से कई कयास भी लगाए जा रहे हैं. इसके बाद 7 सर्कुलर रोड बंगला में भी शिफ्ट होना और इन सबके बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सांसद वशिष्ठ नारायण से मुलाकात करना. ये तमाम घटनाक्रम बिहार की सियासत (Politics Of Bihar) में हीट वेव की तरह काम कर रहे हैं. इन तमाम चर्चाओं और राजनीतिक परिदृश्य (Vashisht Narayan On Bihar Politics Scenario) पर हमारे संवाददाता अविनाश ने वशिष्ठ नारायण सिंह से बातचीत की. जानतें हैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेता ने इन तमाम मुद्दों पर क्या कुछ कहा-

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री से कई मुद्दों पर बात हुई है. लेकिन मुख्य रूप से स्वास्थ्य का हाल-चाल लेने आए थे. मुख्यमंत्री जब दिल्ली में हेल्थ चेक अप कराने गए थे, उस समय सत्र चल रहा था इसलिए बातचीत नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि यहां पटना आए तो मुख्यमंत्री आवास में मैनें टेलीफोन किया था, मिलने के लिए. लेकिन मुख्यमंत्री खुद यहां आ गए. वशिष्ठ नारायण सिंह ने नीतीश पर बीजेपी के तरफ से दबाव से भी इनकार किया है. इस दौरान उन्होंने सीएम के आरजेडी की इफ्तार पार्टी में जाने से लेकर बंगला चेंज करने और कॉमन सिविल कोड तक पर अपनी बात रखी.

वशिष्ठ नारायण सिंह से खास बातचीत

मुख्यमंत्री नीतीश के आरजेडी की इफ्तार पार्टी में शिरकत करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो मुझे जानकारी है, उसके अनुसार मुख्यमंत्री इफ्तार पार्टी में आमंत्रण पर गए थे और यह सामान्य प्रक्रिया है. कोई निमंत्रण देता है, तो लोग जाते हैं. तेजस्वी यादव विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं, तो उनके आमंत्रण पर मुख्यमंत्री गए थे. इसमें किसी तरह की कोई राजनीति की बात नहीं है. इफ्तार पार्टी में तो बीजेपी के लोग भी गए थे. इसलिए मुख्यमंत्री का इफ्तार पार्टी में जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं है और इसका कोई गलत अर्थ नहीं निकालना चाहिए. यहां कोई सियासी शिफ्टिंग नहीं होगी.

वहीं, बंगला शिफ्ट करने के सवाल पर वशिष्ठ नारायण ने कहा- आवास चेंज करने को लेकर जहां तक मुझे जानकारी है, मुख्यमंत्री आवास में कार्य होना है और पहले भी नीतीश कुमार 7 सर्कुलर रोड बंगला में रह चुके हैं. इसलिए वहीं चले गए. यही रूटीन जैसा ही है, इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है.

कॉमन सिविल कोड के सवाल पर जेडीयू के वशिष्ठ नेता का कहना है कि बीजेपी का यह पुराना मुद्दा है. पहले भी इसे वो उठाते रहे हैं. हर पार्टी का अपना एजेंडा होता है, हम लोग भी अपनी बात कहते रहे हैं और उसे रिपीट भी करते रहे हैं. हम लोग तो समझौते के तहत कोलिशन गवर्नमेंट चला रहे हैं. लेकिन अभी कॉमन सिविल कोड पर कुछ बोलना सही नहीं होगा, क्योंकि क्या प्रारूप आता है. उसे देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

बीजेपी की ओर से दबाव बनाने के सवाल पर उन्होंने ने कहा- बीजेपी नेताओं के बयान के आधार पर कयास लगाए जाते हैं कि दबाव है. लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है. वहीं उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा पर वशिष्ठ नारायण सिंह ने साफ कहा कि ये पूरी तरह निराधार है और मुख्यमंत्री ने खुद इसका खंडन किया है.

बता दें कि जेडीयू और बीजेपी के बीच बिहार में लंबे समय से गठबंधन है और दोनों पार्टियों के बीच विवादित मुद्दों को लेकर एक तरह से अब तक समझौता भी रहा है. लेकिन ये भी रिकॉर्ड है कि नीतीश कुमार अपनी हर बात मनवाते रहे हैं. लेकिन बदली परिस्थितियों में जब बीजेपी विधानसभा में सबसे बड़े दल के रूप में है. बीजेपी में मुख्यमंत्री के चेहरा से लेकर जनसंख्या नियंत्रण कानून, जातीय जनगणना और योगी मॉडल को लेकर बीजेपी नेता के दिए गए बयान नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहे हैं. हालांकि जदयू के तरफ से भी कई मुद्दों पर अपना रुख रखा जाता है.वहीं, जेडीयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह का भी साफ कहना है कि किसी तरह का कोई दबाव बीजेपी के तरफ से नहीं है.

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पटनाः बिहार में नीतीश कुमार को लेकर इन दिनों कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं. सीएम नीतीश के लालू परिवार की इफ्तार पार्टी में शिरकत करने के बाद से कई कयास भी लगाए जा रहे हैं. इसके बाद 7 सर्कुलर रोड बंगला में भी शिफ्ट होना और इन सबके बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा के सांसद वशिष्ठ नारायण से मुलाकात करना. ये तमाम घटनाक्रम बिहार की सियासत (Politics Of Bihar) में हीट वेव की तरह काम कर रहे हैं. इन तमाम चर्चाओं और राजनीतिक परिदृश्य (Vashisht Narayan On Bihar Politics Scenario) पर हमारे संवाददाता अविनाश ने वशिष्ठ नारायण सिंह से बातचीत की. जानतें हैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेता ने इन तमाम मुद्दों पर क्या कुछ कहा-

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री से कई मुद्दों पर बात हुई है. लेकिन मुख्य रूप से स्वास्थ्य का हाल-चाल लेने आए थे. मुख्यमंत्री जब दिल्ली में हेल्थ चेक अप कराने गए थे, उस समय सत्र चल रहा था इसलिए बातचीत नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि यहां पटना आए तो मुख्यमंत्री आवास में मैनें टेलीफोन किया था, मिलने के लिए. लेकिन मुख्यमंत्री खुद यहां आ गए. वशिष्ठ नारायण सिंह ने नीतीश पर बीजेपी के तरफ से दबाव से भी इनकार किया है. इस दौरान उन्होंने सीएम के आरजेडी की इफ्तार पार्टी में जाने से लेकर बंगला चेंज करने और कॉमन सिविल कोड तक पर अपनी बात रखी.

वशिष्ठ नारायण सिंह से खास बातचीत

मुख्यमंत्री नीतीश के आरजेडी की इफ्तार पार्टी में शिरकत करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो मुझे जानकारी है, उसके अनुसार मुख्यमंत्री इफ्तार पार्टी में आमंत्रण पर गए थे और यह सामान्य प्रक्रिया है. कोई निमंत्रण देता है, तो लोग जाते हैं. तेजस्वी यादव विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं, तो उनके आमंत्रण पर मुख्यमंत्री गए थे. इसमें किसी तरह की कोई राजनीति की बात नहीं है. इफ्तार पार्टी में तो बीजेपी के लोग भी गए थे. इसलिए मुख्यमंत्री का इफ्तार पार्टी में जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं है और इसका कोई गलत अर्थ नहीं निकालना चाहिए. यहां कोई सियासी शिफ्टिंग नहीं होगी.

वहीं, बंगला शिफ्ट करने के सवाल पर वशिष्ठ नारायण ने कहा- आवास चेंज करने को लेकर जहां तक मुझे जानकारी है, मुख्यमंत्री आवास में कार्य होना है और पहले भी नीतीश कुमार 7 सर्कुलर रोड बंगला में रह चुके हैं. इसलिए वहीं चले गए. यही रूटीन जैसा ही है, इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है.

कॉमन सिविल कोड के सवाल पर जेडीयू के वशिष्ठ नेता का कहना है कि बीजेपी का यह पुराना मुद्दा है. पहले भी इसे वो उठाते रहे हैं. हर पार्टी का अपना एजेंडा होता है, हम लोग भी अपनी बात कहते रहे हैं और उसे रिपीट भी करते रहे हैं. हम लोग तो समझौते के तहत कोलिशन गवर्नमेंट चला रहे हैं. लेकिन अभी कॉमन सिविल कोड पर कुछ बोलना सही नहीं होगा, क्योंकि क्या प्रारूप आता है. उसे देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

बीजेपी की ओर से दबाव बनाने के सवाल पर उन्होंने ने कहा- बीजेपी नेताओं के बयान के आधार पर कयास लगाए जाते हैं कि दबाव है. लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है. वहीं उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा पर वशिष्ठ नारायण सिंह ने साफ कहा कि ये पूरी तरह निराधार है और मुख्यमंत्री ने खुद इसका खंडन किया है.

बता दें कि जेडीयू और बीजेपी के बीच बिहार में लंबे समय से गठबंधन है और दोनों पार्टियों के बीच विवादित मुद्दों को लेकर एक तरह से अब तक समझौता भी रहा है. लेकिन ये भी रिकॉर्ड है कि नीतीश कुमार अपनी हर बात मनवाते रहे हैं. लेकिन बदली परिस्थितियों में जब बीजेपी विधानसभा में सबसे बड़े दल के रूप में है. बीजेपी में मुख्यमंत्री के चेहरा से लेकर जनसंख्या नियंत्रण कानून, जातीय जनगणना और योगी मॉडल को लेकर बीजेपी नेता के दिए गए बयान नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहे हैं. हालांकि जदयू के तरफ से भी कई मुद्दों पर अपना रुख रखा जाता है.वहीं, जेडीयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह का भी साफ कहना है कि किसी तरह का कोई दबाव बीजेपी के तरफ से नहीं है.

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