रांची: प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना के पांच वर्ष पूरे होने पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा रांची के ऑड्रे हाउस में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें राज्य के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, रांची की मेयर आशा लकड़ा, स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह सहित कई गणमान्य मौजूद रहे. इस दौरान मौजूद सभी वक्ताओं ने जन औषधि योजना का गरीबों के लिए लाभकारी बताया और योजना को शहर से लेकर गांवों तक ले जाने की अपील की.
राज्य के हर कस्बे में खोलें जन औषधि केंद्रः कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि जब आर्थिक रूप से कमजोर कोई व्यक्ति बीमार होता है तो इलाज में काफी खर्च होने से वह काफी परेशान हो जाता है. डॉक्टरों के द्वारा लिखी गई दवा महंगी होती है. इस कारण आम लोगों के बजट गड़बड़ा जाता है. ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई जन औषधि योजना गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति को सीधा लाभ पहुंचा रहा है.इसलिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र को राज्य के हर कस्बे में शुरू करना है, ताकि राज्य में रह रहे गरीब आदिवासियों को इसका लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के परिपेक्ष्य में यह योजना काफी लाभकारी है. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सुझाव देते हुए कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर इस व्यवस्था को मजबूती से क्रियान्वयन करें, ताकि लोगों को सस्ती दर पर दवा मिल सके.
जन औषधि केंद्र को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरतः कार्यक्रम में मौजूद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि इस दिवस का बेहतर परिणाम आना चाहिए. इसके प्रति जनजागृति लाने की जरूरत है. राज्य के सुदूर और लाचार लोगों को यह बताने की आवश्यकता है कि महंगी से महंगी दवा सस्ती दर पर उन्हें उपलब्ध हो सकती है. उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि गरीब हो या अमीर आज के भाग-दौड़ के इस दौर में हर कोई अपनी आमदनी की मोटी रकम स्वास्थ्य पर खर्च करता है, ऐसे में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लोगों के लिए एक वरदान है.वहीं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि जिस प्रकार से लोग अपनी आय का बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य में खर्च कर रहे हैं. ऐसे में जेनेरिक दवाओं का उपयोग स्वास्थ्य के क्षेत्र में जन क्रांति लाने का काम करेगा.
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र गरीबों के लिए वरदानः कार्यक्रम में मौजूद रांची की महापौर डॉ आशा लकड़ा ने कहा कि जन औषधि दवा केंद्र में किसी भी दवा की कीमत 50% कम होती है. इसलिए लोग जन औषधि केंद्र पर पहुंचते हैं. मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि जब भी वे जन औषधि केंद्रों का उद्घाटन करने जाती हैं तो लोग इन केंद्रों के प्रति उत्साहित रहते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जनजाति और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा जन औषधि केंद्र खोलने का प्रयास किया जाएगा. आज के समय में किसी भी बीमारी के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों की दवा डॉक्टरों के द्वारा प्रेफर किए जाते हैं. जिसकी कीमत हजारों में होती है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू की गई जन औषधि केंद्र पर सभी महंगी दवाइयों का जेनेरिक सैंपल उपलब्ध होती है, जो मरीजों को सस्ती दर पर मिल जाती है और उसका असर भी मरीज के बीमारी पर पड़ता है.
पंचायतों में जन औषधि केंद्र खोलने का है लक्ष्यः कार्यक्रम में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले समय में सभी पंचायतों में जन औषधि केंद्र खोला जाए. उन्होंने बताया कि इसके अलावा लोगों को सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए अमृत फार्मेसी दुकानों की भी स्थापना की जा रही है. स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि जन औषधि दवाइयों का इस्तेमाल करने से राज्य को 32 करोड़ रुपए की बचत हुई है. साथ ही मरीजों को भी इसका सीधा लाभ मिलता है. इस मौके पर जनऔषधि कार्यक्रम के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों, जन औषधि केंद्रों एवं लाभुकों को भी सम्मानित किया गया.