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रांची नगर निगम मेयर पद के आरक्षित होने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, जनहित याचिका दायर

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Published : Nov 22, 2022, 8:33 PM IST

रांची नगर निगम के मेयर का पद अनुसूचित जनजाति से हटाकर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है (Issue of reservation of post of Mayor of RMC in HC). इसके खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है.

Issue of reservation of post of Mayor of RMC in HC
Issue of reservation of post of Mayor of RMC in HC

रांची: रांची नगर निगम के मेयर का पद अनुसूचित जनजाति से हटाकर अनुसूचित जाति के व्यक्ति के लिए किए जाने के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है (Issue of reservation of post of Mayor of RMC in HC). लक्ष्मीनारायण मुंडा ने याचिका दायर किया है जिसमें कहा गया है कि पांचवीं अनुसूची के तहत अनुसूचित जिले में मेयर या अध्यक्ष का पद एसटी के लिए ही आरक्षित करने का प्रावधान है, लेकिन चुनाव आयोग ने नियमों का उल्लंघन करते हुए इस बार एससी के लिए मेयर का पद आरक्षित कर दिया है.

याचिका में कहा गया है झारखंड में पांचवी अनुसूची लागू है. इसके तहत 13 अनुसूचित जिले हैं. इसमें रांची भी शामिल हैं. अनुसूचित जिलों में मेयर, अध्यक्ष के पद आदिवासी के लिए आरक्षित किया जाता है. झारखंड में पेसा कानून भी लागू है. इस कानून के तहत राज्य सरकार ने अनुसूचित जिलों में मुखिया और अन्य पदों को एसटी के लिए आरक्षित किया है. इससे पहले सरकार ने अन्य नीतियों में भी इसका पालन किया है, लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने रोटेशन के आधार पर अनुसूचित जिलों के पद को एससी के लिए आरक्षित कर दिया है जो कि गलत है. याचिका में सरकार से रांची नगर निगम में मेयर का पद एसटी के लिए ही रखने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है.

रांची: रांची नगर निगम के मेयर का पद अनुसूचित जनजाति से हटाकर अनुसूचित जाति के व्यक्ति के लिए किए जाने के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है (Issue of reservation of post of Mayor of RMC in HC). लक्ष्मीनारायण मुंडा ने याचिका दायर किया है जिसमें कहा गया है कि पांचवीं अनुसूची के तहत अनुसूचित जिले में मेयर या अध्यक्ष का पद एसटी के लिए ही आरक्षित करने का प्रावधान है, लेकिन चुनाव आयोग ने नियमों का उल्लंघन करते हुए इस बार एससी के लिए मेयर का पद आरक्षित कर दिया है.

याचिका में कहा गया है झारखंड में पांचवी अनुसूची लागू है. इसके तहत 13 अनुसूचित जिले हैं. इसमें रांची भी शामिल हैं. अनुसूचित जिलों में मेयर, अध्यक्ष के पद आदिवासी के लिए आरक्षित किया जाता है. झारखंड में पेसा कानून भी लागू है. इस कानून के तहत राज्य सरकार ने अनुसूचित जिलों में मुखिया और अन्य पदों को एसटी के लिए आरक्षित किया है. इससे पहले सरकार ने अन्य नीतियों में भी इसका पालन किया है, लेकिन इस बार चुनाव आयोग ने रोटेशन के आधार पर अनुसूचित जिलों के पद को एससी के लिए आरक्षित कर दिया है जो कि गलत है. याचिका में सरकार से रांची नगर निगम में मेयर का पद एसटी के लिए ही रखने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है.

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