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विधायकों को इज्जत नहीं देते हैं पदाधिकारी, सदन में गूंजा मामला, स्पीकर बोले- लिखेंगे पत्र

झारखंड विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान मंगलवार को सदन में पदाधिकारियों की मनमानी का मामला उठा. कांग्रेस विधायक अनूप सिंह ने कहा कि ट्रैफिक इंस्पेक्टर रमेश गिरी ने एडीजी मीणा की गाड़ी को पास कराने के लिए विधायकों की गाड़ी रोक दी. इस पर स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि इस मामले में अधिकारी को पत्र लिखकर हिदायत देंगे.

issue of arbitrariness of office bearers in Jharkhand assembly
issue of arbitrariness of office bearers in Jharkhand assembly
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Published : Mar 22, 2022, 3:53 PM IST

Updated : Mar 22, 2022, 4:25 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा में आज पदाधिकारियों की मनमानी का मामला जोर-शोर से उठा. बेरमो से कांग्रेस विधायक जय मंगल उर्फ अनूप सिंह ने कहा कि 21 मार्च को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री और मंत्री समेत सभी विधायकों को राजभवन में रात्रि भोज पर आमंत्रित किया था. सम्मान के लिए सभी विधायक आभारी हैं, लेकिन वहां तैनात पदाधिकारियों ने कई विधायकों को अपमानित किया. कई विधायकों को बैठने की जगह नहीं मिली. उन्हें आम लोगों के बीच बिठा दिया गया. यही नहीं कार्यक्रम संपन्न होने के बाद जब राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष रवाना हो गए, तब विधायकों की कतारबद्ध गाड़ियों को ट्रैफिक इंस्पेक्टर रमेश गिरी में इसलिए रोक दिया क्योंकि उस वक्त एडीजी मीणा की गाड़ी आ रही थी.

ये भी पढ़ें- सुखदेव नगर थाना प्रभारी ममता कुमारी पर चलेगा विशेषाधिकार हनन का मामला, स्पीकर के पास दिया गया आवेदन

विधायक अनूप सिंह ने कहा कि यह ना सिर्फ प्रोटोकॉल का उल्लंघन है, बल्कि विधायकों का अपमान भी है. इसके पक्ष में कई विधायकों ने अपनी अपनी बात रखी. भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि इस पर निंदा प्रस्ताव लाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आलम यह है कि पदाधिकारीगण अब फोन को भी रिसीव नहीं करते हैं.

इस पर स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि यह बेहद दुखद है. मैं इस पीड़ा को समझ रहा हूं. उन्होंने कहा कि वह राज्य के आला अधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराएंगे और हिदायत देंगे कि पदाधिकारीगण आचरण में सुधार लाएं. इसपर अंबा प्रसाद ने कहा कि पिछले दिनों उनके साथ देवघर में एसडीओ ने दुर्व्यवहार किया था. फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

सदन में पदाधिकारियों की मनमानी का मामला: जब बात एडीजी मीणा की हुई तो भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि वह एक घटिया अधिकारी हैं. उन्होंने कहा कि एक समय उन्होंने एक सिपाही के ट्रांसफर को लेकर उनसे पैरवी की थी. ताकि वह अपने बेटे का इलाज करवा सके. लेकिन एडीजी मीणा ने उस सिपाही को मदद करने के बजाय धमकाया था. सीपी सिंह ने कहा कि रांची के डीसी को सभी जानते हैं. जब वह कोडरमा में थे तब पेड़ कटवाया था. उनके पास मैंने एक रिवाल्वर के लाइसेंस के लिए पैरवी की थी. लेकिन उन्होंने उस शख्स की कोई मदद नहीं की. थक हारकर उस शक्स ने जब तीन लाख रुपए दिए तो रिवाल्वर का लाइसेंस बन गया. हालांकि सीपी सिंह ने इन आरोपों से जुड़े कोई भी साक्ष्य पेश नहीं किए हैं.

रांची: झारखंड विधानसभा में आज पदाधिकारियों की मनमानी का मामला जोर-शोर से उठा. बेरमो से कांग्रेस विधायक जय मंगल उर्फ अनूप सिंह ने कहा कि 21 मार्च को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री और मंत्री समेत सभी विधायकों को राजभवन में रात्रि भोज पर आमंत्रित किया था. सम्मान के लिए सभी विधायक आभारी हैं, लेकिन वहां तैनात पदाधिकारियों ने कई विधायकों को अपमानित किया. कई विधायकों को बैठने की जगह नहीं मिली. उन्हें आम लोगों के बीच बिठा दिया गया. यही नहीं कार्यक्रम संपन्न होने के बाद जब राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष रवाना हो गए, तब विधायकों की कतारबद्ध गाड़ियों को ट्रैफिक इंस्पेक्टर रमेश गिरी में इसलिए रोक दिया क्योंकि उस वक्त एडीजी मीणा की गाड़ी आ रही थी.

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विधायक अनूप सिंह ने कहा कि यह ना सिर्फ प्रोटोकॉल का उल्लंघन है, बल्कि विधायकों का अपमान भी है. इसके पक्ष में कई विधायकों ने अपनी अपनी बात रखी. भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि इस पर निंदा प्रस्ताव लाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आलम यह है कि पदाधिकारीगण अब फोन को भी रिसीव नहीं करते हैं.

इस पर स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने कहा कि यह बेहद दुखद है. मैं इस पीड़ा को समझ रहा हूं. उन्होंने कहा कि वह राज्य के आला अधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराएंगे और हिदायत देंगे कि पदाधिकारीगण आचरण में सुधार लाएं. इसपर अंबा प्रसाद ने कहा कि पिछले दिनों उनके साथ देवघर में एसडीओ ने दुर्व्यवहार किया था. फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

सदन में पदाधिकारियों की मनमानी का मामला: जब बात एडीजी मीणा की हुई तो भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि वह एक घटिया अधिकारी हैं. उन्होंने कहा कि एक समय उन्होंने एक सिपाही के ट्रांसफर को लेकर उनसे पैरवी की थी. ताकि वह अपने बेटे का इलाज करवा सके. लेकिन एडीजी मीणा ने उस सिपाही को मदद करने के बजाय धमकाया था. सीपी सिंह ने कहा कि रांची के डीसी को सभी जानते हैं. जब वह कोडरमा में थे तब पेड़ कटवाया था. उनके पास मैंने एक रिवाल्वर के लाइसेंस के लिए पैरवी की थी. लेकिन उन्होंने उस शख्स की कोई मदद नहीं की. थक हारकर उस शक्स ने जब तीन लाख रुपए दिए तो रिवाल्वर का लाइसेंस बन गया. हालांकि सीपी सिंह ने इन आरोपों से जुड़े कोई भी साक्ष्य पेश नहीं किए हैं.

Last Updated : Mar 22, 2022, 4:25 PM IST
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