रांची: झारखंड के चर्चित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन सिंह की रिमांड अवधि आज यानी 20 मई को समाप्त हो रही है.अब पूजा सिंघल और सुमन सिंह जेल जाएंगे या फिर उन्हें फिर से रिमांड पर लिया जाएगा यह ईडी की विशेष अदालत तय करेगी. मिली जानकारी के अनुसार आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की रिमांड अवधि एक बार फिर से बढ़ सकती है. कानून के जानकार बताते हैं कि सीए सुमन कुमार ने अपने रिमांड की अधिकतम अवधि को पूरा कर लिया है इसलिए उनका जेल जाना लगभग तय माना जा रहा है. सुमन सिंह 9 मई से जबकि पूजा सिंघल 12 मई से ईडी के रिमांड पर है
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7 मई को छापेमारी 9 मई को पूजा गिरफ्तार: मनरेगा घोटाले मामले में 7 मई को पूजा सिंघल के कई ठिकानों पर एक साथ ईडी की टीम ने छापेमारी की थी. सात मई को इस मामले में पहली गिरफ्तारी सीए सुमन सिंह की हुई. जिसके बाद सबूत मिलने पर आठ मई को समन देकर सबसे पहले अभिषेक झा को ईडी दफ़्तर पूछताछ के लिए बुलाया गया. सुमन और अभिषेक से पूछताछ के बाद 9 मई को पूजा सिंघल को पूछताछ के लिए बुलाया गया और उसी दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद ईडी ने पूजा को अदालत में पेश कर पहले पांच दिन के रिमांड पर लिया. फिर पांच दिन की पूछताछ के बाद दुबारा ईडी ने पूजा सिंघल को चार दिनों के रिमांड पर लिया.
कई बड़े-बड़े नामों का खुलासा: पूजा सिंघल के रिमांड पर आने के बाद इस केस में लगातार बड़े बड़े खुलासे हो रहे हैं. कई लोगों के नाम भी सामने आ रहे हैं ईडी की टीम ने अब तक आधा दर्जन लोगों से इस मामले में पूछताछ की है. कभी झारखंड मुक्ति मोर्चा के कोषाध्यक्ष रहे रवि केजरीवाल से भी ईडी की टीम पूछताछ कर चुकी है रवि केजरीवाल ने भी शेल कंपनियों को लेकर बड़े खुलासे किए हैं. वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री के बेहद करीबी माने जाने वाले पंकज मिश्रा का नाम भी ईडी के जांच में उछला है. ईडी के सूत्र बताते हैं कि पूछताछ में पूजा सिंघल सहित सभी डीएमओ ने यह स्वीकार किया है कि अवैध खनन में पंकज मिश्रा की बड़ी भूमिका है. वही पूरे मामले की जांच कर रही ईडी के सामने कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल व प्रेम प्रकाश का भी नाम सामने आया है. अमित अग्रवाल भी माइनिंग सिंडिकेट में अहम सदस्य थे. वहीं पूजा सिंघल व सुमन के बयान में इन नामो के बारे में जानकारी मिली है.
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रेलवे ट्रांसपोर्टिंग करने वाली कंपनियां रडार पर: ईडी पूरे मामले में उन कंपनियों की भूमिका की जांच कर रही है, जो रेलवे ट्रांसपोर्टिंग से जुड़ी हैं. पाकुड़ की कंपनी ओटन दास एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, स्टोन इंडिया व एनएसएस एंड कंपनी के द्वारा ट्रासंपोर्टिंग की बात सामने आयी है. एक कंपनी में इलाके के एक बड़े जनप्रतिनिधि भी निदेशक थे. कंपनी भी मनी लाउंड्रिंग मे संलिप्त बतायी जा रही है. हालांकि इसकी विस्तृत जांच ईडी आगे करेगी.
साहिबगंज डीएमओ का इंतजार: दो डीएमओ के बयान में पंकज मिश्रा की भूमिका की बात बतायी गई है। जांच में यह बात सामने आयी है कि साहिबगंज के डीएमओ विभूति कुमार ने भी भारी रकम पूजा सिंघल तक पहुंचायी थी. साथ ही पंकज मिश्रा समेत कई अन्य लोगों को उन्होंन खनन पट्टा भी दिया है. ईडी ने विभूति कुमार को पूछताछ के लिए नोटिस किया था, लेकिन 17 फरवरी को बेटी की शादी होने की वजह से वह हाजिर नहीं हो पाए थे. ईडी के अधिकारियों को उम्मीद है कि वह 20 या 21 मई को एजेंसी के समक्ष हाजिर होंगे.