रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. आज शीतकालीन सत्र के चौथे दिन कांग्रेस विधायक ने सदन के बाहर बीजेपी के तीन निलंबित विधायकों के धरना स्थल के पास जाकर उन्होंने जो चौपाई कही, इससे वे फिर चर्चा में आ गए. डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि उनके दादाजी कहा करते थे कि 'जस करनी तस भोग विधाता....नरक जाता तब पछताता.'
निलंबन की कार्रवाई को ठहराया सही: इरफान अंसारी ने कहा कि अब ये लोग(बीजेपी के निलंबित विधायक) विधानसभा के अंदर नहीं जा पाएंगे क्योंकि उन्होंने कर्म ही ऐसा किया है. इससे पहले उन्होंने बीजेपी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण, सचेतक जयप्रकाश भाई पटेल और भानु प्रताप शाही के खिलाफ कल की गयी निलंबन की कार्रवाई को सही ठहराया. इरफान अंसारी ने कहा कि अगर और भी बीजेपी विधायकों ने सदन में खलल डालने की कोशिश की तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि जब से दलित अमर बाउरी को बीजेपी ने नेता प्रतिपक्ष बनाया है, ये लोग उन्हें पचा नहीं पा रहे हैं और जानबूझकर हंगामा कर रहे हैं.
'बीजेपी यहां के मूल निवासियों को भगाना चाहती है': पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे तीनों भाजपा विधायकों के लिए रजाई की व्यवस्था पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये लोग नहीं चाहते कि सरकार युवाओं, आदिवासियों और मूलनिवासियों के लिए स्थानीयता और नियोजन की नीति लाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी के ये लोग यहां के मूल निवासियों को भगाना चाहते हैं और बाहरी लोगों को यहां बसाना चाहते हैं.
हेमंत सोरेन सरकार में वरिष्ठ मंत्री चंपई सोरेन ने बीजेपी के तीन विधायकों के निलंबन को स्पीकर का फैसला बताया और कहा कि जब इन लोगों ने सदन नहीं चलने दिया तो स्पीकर को ये फैसला लेना पड़ा. इस पर वह क्या टिप्पणी कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें: शीतकालीन सत्र का चौथा दिन: बिस्तर लेकर विधानसभा पहुंचे भाजपा के निलंबित विधायक, इरफान अंसारी ने किया पलटवार
यह भी पढ़ें: बीजेपी विधायकों का निलंबन हो वापस, नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर से किया आग्रह
यह भी पढ़ें: शीतकालीन सत्र का चौथा दिन: 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति संबंधी विधेयक लायेगी हेमंत सरकार