रांचीः हेमंत सोरेन सरकार को दोबारा गिराने की साजिश मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस साजिश की हर पेंच सुलझाने की चुनौती रांची पुलिस की है, लेकिन जांच का जिम्मा संभालने वाले हटिया एएसपी का तबादला हो गया है. इस स्थिति में नये आने वाले डीएसपी को जांच करना होगा. इससे मामले की जांच अटकने की संभावना है.
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क्या है पूरा मामला
12 अक्टूबर को घाटशिला विधायक रामदास सोरेन ने इस मामले में जो केस दर्ज कराया है, उसमें झामुमो के निष्काषित कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल और अशोक अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है. लेकिन, एफआईआर में इस चीज का जिक्र नहीं है कि रवि केजरीवाल और अशोक अग्रवाल कब उनके आवास पर आए थे. रामदास सोरेन ने एफआईआर में दो से तीन बार रवि केजरीवाल की कॉल का जिक्र किया है. लेकिन कॉल कब किया गया, इसका विस्तृत वर्णन नहीं किया गया है.
पुलिस सीडीआर और कॉल डंप के जरिए लगाएगी पता
रवि केजरीवाल ने विधायक रामदास सोरेन को कब कॉल किया था. यह जानकारी जुटाने के लिए आने वाले नये डीएसपी को रवि केजरीवाल, अशोक अग्रवाल और रामदास सोरेन के मोबाइल का सीडीआर निकलवाना होगा. इसके साथ ही कॉल डंप के जरिए ये पता लगाया जाएगा कि धुर्वा स्थित विधायक आवास पर कब दोनों आए थे.
रवि और अशोक को भेजा जाएगा नोटिस
धुर्वा थाना में दर्ज केस के अनुसंधानक नये डीएसपी होंगे, जो रवि केजरीवाल और अशोक अग्रवाल को 41ए के तहत नोटिस जारी करेंगे. पुलिस अधिकारी सूत्रों ने बताया कि नोटिस जारी होने के एक हफ्ते के भीतर दोनों को अपना पक्ष रखना होगा.
एफआईआर में देरी की वजह का जिक्र नहीं
रामदास सोरेन ने धुर्वा थाना में दर्ज केस में देरी की वजह नहीं बताई है. मिली जानकारी के मुताबिक रामदास सोरेन ने तकरीबन 25 से 30 दिन पहले रवि केजरीवाल की ओर से प्रलोभन दिए जाने की बात की है, तो शिकायत करने मे देरी क्यों की गई. इसका भी जिक्र दर्ज प्राथमिकी में नहीं है.
एएसपी के तबादले से लटकेगा मामला
झारखंड सरकार गिराने की साजिश से जुड़े दूसरे केस का अनुसंधान आईपीएस विनीत कुमार के तबादले से लटक जाएगा. 2017 बैच के आईपीएस विनीत कुमार को वायरलेस एसपी बनाया गया है. विनीत कुमार ही रामदास सोरेन की ओर से दर्ज केस की जांच कर रहे थे. विनीत कुमार के तबादले के बाद हटिया में एएसपी रैंक में किसी अधिकारी की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है. पीसी एक्ट में दर्ज प्राथमिकी की जांच एएसपी रैंक के अधिकारी ही करेंगे. इससे मामला लटकने की संभावना है.
राज्यसभा केस की भी जांच कर रहे हटिया एएसपी
2016 राज्यसभा चुनाव केस की जांच भी हटिया एएसपी कर रहे थे. इनके तबादले के बाद किसी अन्य अधिकारी की पोस्टिंग नहीं होने से यह केस भी लटकेगा.