रांचीः झारखंड पुलिस में आधुनिकीकरण का काम लंबे अरसे से बाधित है. पुलिस आधुनिकीकरण के लिए राजधानी में साल 2018 में ही हाई रिजोल्यूशन कैमरे, स्पीड गन कैमरे की खरीद होनी थी, लेकिन बार-बार टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी कैमरों की खरीद नहीं हुई.
साल 2019 में भी स्पीड गन कैमरे जिसमें ध्वनि प्रदूषण की भी जांच हो पाती की खरीद का प्रस्ताव बना, लेकिन यंत्रों की खरीद का मामला तकनीकी पेंच के कारण फंस गया. मार्च 2021 के पहले फंड का इस्तेमाल नहीं हुआ तो इस मद के पैसे लैप्स कर जाएंगे. ऐसे में नए सिरे से खरीद का प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय ने शुरु किया है.
किन-किन चीजों की होनी है खरीद
राज्य पुलिस द्वारा स्पीड गन कैमरों के साथ साथ बॉडी वॉर्न कैमरों की खरीद की जानी है. बॉडी वॉर्न कैमरे वर्दी पर लगे होंगे. कभी भी ट्रैफिक नियम तोड़ने वाला कोई शख्स पुलिस से उलझेगा तो इसकी रिकॉर्डिंग होगी. हालांकि पूर्व में रांची ट्रैफिक पुलिस द्वारा भी बटन कैमरों की खरीद की गई थी, ये कैमरे फिलहाल बेकार हो चुके हैं.
आधुनिकीकरण का कौन कौन सा काम हो रहा प्रभावित
केंद्र सरकार द्वारा यूनिफाइड डायल 112 शुरू की गई है. झारखंड सरकार इस योजना को अब तक लागू नहीं कर पाया है. पुलिस की आपातकालीन सेवाओं, एम्बुलेंस, अग्निशमन के लिए 112 सेवा लांच की जानी है. अक्टूबर और नवंबर 2020 में दो बार यूनिफाइड डायल चालू करने की तारीख तय हुई, लेकिन अब इस सेवा को राज्य में कब शुरू किया जाएगा, यह तय नहीं हो पाया है.
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इसी तरह राज्य में सभी थानों को जोड़ने की सीसीटीएनएस परियोजना भी अधूरी है. राज्य के 72 थानों में भी अभी तक सीसीटीएनएस के लिए कर्मियों की तैनाती हुई है. सीसीटीएनएस के तहत राज्य के सभी 500 थानों को जोड़ना है. सभी थाने में दर्ज केस, अपराधियों की डोजियर, फिंगरप्रिंट डेटा समेत अन्य जानकारियां दर्ज करायी जानी थी.
थानों में नहीं हुई सीसीटीवी की मॉनिटरिंग
इलाके में प्रमुख चौक चौराहों पर लगी सीसीटीवी की मॉनिटरिंग के लिए थानेदार के कक्ष में स्क्रीन लगाया गया था, लेकिन सीसीटीवी की मॉनिटरिंग का काम शुरू नहीं हो पाया. वहीं थानेदारों के कक्ष में लगे स्क्रीन अब बेकार पड़े हैं.
एडीजी आधुनिकीकरण का पद खाली
झारखंड पुलिस में एडीजी आधुनिकीकरण का पद मार्च 2020 से खाली है. एडीजी के तौर पर आरके मल्लिक की विशेष शाखा में पोस्टिंग हुई थी, तब से इस पद पर किसी अधिकारी की पोस्टिंग नहीं हुई.