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इंश्योरेंस कंपनियां किसानों के लंबित 811 करोड़ का करेगी भुगतान- कृषि मंत्री

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Published : Dec 3, 2022, 9:43 AM IST

Updated : Dec 3, 2022, 9:52 AM IST

पीएम फसल बीमा योजना (PM Fasal Bima Yojana in Jharkhand) से जुड़े किसानों के लिए अच्छी खबर है. इंश्योरेंस कंपनियां किसानों का बकाया 811 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए तैयार है. इंश्योरेंस कंपनियां 7 दिनों को अंदर किसानों के खाते में देय राशि का भुगतान करेंगी. यह जानकारी कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने दी.

PM Crop Insurance Scheme
PM Crop Insurance Scheme

रांची: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का वर्ष 2017-18 से 2020 तक का बकाया क्लेम का भुगतान (PM Fasal Bima Yojana in Jharkhand) होने के आसार बनते दिख रहे हैं. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की अध्यक्षता में शुक्रवार देर शाम तक चली बैठक में राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया कि वह अपने हिस्से का राज्यांश देने को तैयार है, बशर्ते बीमा कंपनियां अपनी तरफ से शपथ पत्र दें कि वह राज्य के किसानों के बर्बाद हुए फसल के लिए बीमा राशि का भुगतान कर देगी. राज्य के कृषि मंत्री ने भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सीईओ रितेश चौहान और इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में नेपाल हाउस स्थित सभागार में कही.

यह भी पढ़ें: हेमंत सोरेन सरकार के तीन साल पूरा होने पर सुखाड़ग्रस्त प्रखंड के किसानों को मिलेगा पैसा, ऐसे करना होगा आवेदन

मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य सरकार बीमा कंपनियों को लगातार 2015-16 से राशि तो दे रही है. लेकिन किसानों को उस मात्रा में इंश्योरेंस का लाभ नहीं मिल पाता है. ऐसे में बीमा कंपनियों के द्वारा जैसे ही शपथ पत्र दिया जाएगा राज्य सरकार अपने हिस्से की राशि तुरंत रिलीज कर देगी. इसे लेकर केंद्र सरकार से आई टीम ने स्पष्ट तौर से बीमा कंपनियों को शपथ पत्र देने के निर्देश दे दिए हैं.

देखें पूरी खबर


कृषि मंत्री ने इसके बाद विभागीय सचिव अबु बकर सिद्दीकी से कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा से जुड़ी इंश्योरेंस कंपनियों को राज्यांश की राशि देने की पहल शुरू करें. राज्यांश और केन्द्रांश की राशि मिलते ही प्रभावित किसानों को क्लेम की राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जायेगी. उन्होंने केन्द्र सरकार के प्रतिनिधियों से कहा कि राज्य में किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिये बीमा कंपनियों के द्वारा किसानों के लंबित दावे का भुगतान जल्द से जल्द कराया जाए. कृषिमंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य के बिरसा किसानों के प्रति मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन काफी संवदेनशील हैं और योजनाओं का क्षेत्रीय स्तर पर क्रियान्वित किया जा रहा है.


कृषि मंत्री ने कहा कि झारखंड के किसानों के लिए यह खुशी की बात होगी कि उन्हें जल्द ही बीमा की राशि मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियां हमारे किसानों को 811 करोड़ रुपए रिलीज करने को तैयार हो गई है. राज्य सरकार भी 352 करोड़ राज्यांश देने को तैयार है. अन्य प्रदेशों की तरह तकनीक का सहारा लिया जायेगा. ऐसा करने पर प्रीमियम भी कम आएगा.

उन्होंने कहा कि यह बिरसा का प्रदेश है, बिरसा किसानों के हित में जो भी केंद्र सरकार सहयोग करेगी राज्य सरकार भी पूरी तत्परता के साथ काम करने को तैयार है. इस संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा क्लेम को लेकर कुछ आशंकाएं थी. उस वक्त एक कंपनी को छोड़कर किसी भी कंपनी ने क्लेम का भुगतान नहीं किया था. बीमा कंपनियों से झारखंड सरकार के बीच क्लेम को लेकर जो विवाद था, बैठक के माध्यम से सुलझा लिया गया है. अब कंपनियां शपथ पत्र देने को तैयार हो गई हैं. इन सब बातों को मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा.


प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सीईओ रितेश चौहान ने कहा कि भारत सरकार पूरे देश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है. झारखंड के किसान जो पीएम फसल बीमा योजना के तहत रजिस्टर्ड हैं और जिनका 2017-18 से 2020 तक का क्लेम सेटलमेंट नहीं हुआ है. उन किसानों को जल्द ही क्लेम का भुगतान सुनिश्चित किया जायेगा. राज्य सरकार के द्वारा जैसे ही राशि रिलीज की जाएगी इंश्योरेंस कंपनियां किसानों के लंबित दावे 811 करोड़ की राशि का भुगतान 7 दिनों के अंदर करेगी. उन्होंने बताया कि किसानों को बकाया का भुगतान पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा और लापरवाही बरतने वाली कंपनी के उपर पैनाल्टी लगाने का प्रावधान भी किया गया है.


इस बैठक में मुख्य रूप से कृषि सचिव अबु बकर सिद्दीकी, सहकारिता निबंधक मृत्युंजय वर्णवाल, ज्वाइंट सेक्रेट्री गोपाल तिवारी विशेष सचिव प्रदीप हजारे केन्द्र सरकार की ओर से असिस्टेंट कमिश्नर सुनील कुमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे.

रांची: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का वर्ष 2017-18 से 2020 तक का बकाया क्लेम का भुगतान (PM Fasal Bima Yojana in Jharkhand) होने के आसार बनते दिख रहे हैं. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख की अध्यक्षता में शुक्रवार देर शाम तक चली बैठक में राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया कि वह अपने हिस्से का राज्यांश देने को तैयार है, बशर्ते बीमा कंपनियां अपनी तरफ से शपथ पत्र दें कि वह राज्य के किसानों के बर्बाद हुए फसल के लिए बीमा राशि का भुगतान कर देगी. राज्य के कृषि मंत्री ने भारत सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सीईओ रितेश चौहान और इंश्योरेंस कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में नेपाल हाउस स्थित सभागार में कही.

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मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य सरकार बीमा कंपनियों को लगातार 2015-16 से राशि तो दे रही है. लेकिन किसानों को उस मात्रा में इंश्योरेंस का लाभ नहीं मिल पाता है. ऐसे में बीमा कंपनियों के द्वारा जैसे ही शपथ पत्र दिया जाएगा राज्य सरकार अपने हिस्से की राशि तुरंत रिलीज कर देगी. इसे लेकर केंद्र सरकार से आई टीम ने स्पष्ट तौर से बीमा कंपनियों को शपथ पत्र देने के निर्देश दे दिए हैं.

देखें पूरी खबर


कृषि मंत्री ने इसके बाद विभागीय सचिव अबु बकर सिद्दीकी से कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा से जुड़ी इंश्योरेंस कंपनियों को राज्यांश की राशि देने की पहल शुरू करें. राज्यांश और केन्द्रांश की राशि मिलते ही प्रभावित किसानों को क्लेम की राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जायेगी. उन्होंने केन्द्र सरकार के प्रतिनिधियों से कहा कि राज्य में किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिये बीमा कंपनियों के द्वारा किसानों के लंबित दावे का भुगतान जल्द से जल्द कराया जाए. कृषिमंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य के बिरसा किसानों के प्रति मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन काफी संवदेनशील हैं और योजनाओं का क्षेत्रीय स्तर पर क्रियान्वित किया जा रहा है.


कृषि मंत्री ने कहा कि झारखंड के किसानों के लिए यह खुशी की बात होगी कि उन्हें जल्द ही बीमा की राशि मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियां हमारे किसानों को 811 करोड़ रुपए रिलीज करने को तैयार हो गई है. राज्य सरकार भी 352 करोड़ राज्यांश देने को तैयार है. अन्य प्रदेशों की तरह तकनीक का सहारा लिया जायेगा. ऐसा करने पर प्रीमियम भी कम आएगा.

उन्होंने कहा कि यह बिरसा का प्रदेश है, बिरसा किसानों के हित में जो भी केंद्र सरकार सहयोग करेगी राज्य सरकार भी पूरी तत्परता के साथ काम करने को तैयार है. इस संबंध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा क्लेम को लेकर कुछ आशंकाएं थी. उस वक्त एक कंपनी को छोड़कर किसी भी कंपनी ने क्लेम का भुगतान नहीं किया था. बीमा कंपनियों से झारखंड सरकार के बीच क्लेम को लेकर जो विवाद था, बैठक के माध्यम से सुलझा लिया गया है. अब कंपनियां शपथ पत्र देने को तैयार हो गई हैं. इन सब बातों को मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा.


प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सीईओ रितेश चौहान ने कहा कि भारत सरकार पूरे देश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही है. झारखंड के किसान जो पीएम फसल बीमा योजना के तहत रजिस्टर्ड हैं और जिनका 2017-18 से 2020 तक का क्लेम सेटलमेंट नहीं हुआ है. उन किसानों को जल्द ही क्लेम का भुगतान सुनिश्चित किया जायेगा. राज्य सरकार के द्वारा जैसे ही राशि रिलीज की जाएगी इंश्योरेंस कंपनियां किसानों के लंबित दावे 811 करोड़ की राशि का भुगतान 7 दिनों के अंदर करेगी. उन्होंने बताया कि किसानों को बकाया का भुगतान पोर्टल के माध्यम से किया जायेगा और लापरवाही बरतने वाली कंपनी के उपर पैनाल्टी लगाने का प्रावधान भी किया गया है.


इस बैठक में मुख्य रूप से कृषि सचिव अबु बकर सिद्दीकी, सहकारिता निबंधक मृत्युंजय वर्णवाल, ज्वाइंट सेक्रेट्री गोपाल तिवारी विशेष सचिव प्रदीप हजारे केन्द्र सरकार की ओर से असिस्टेंट कमिश्नर सुनील कुमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे.

Last Updated : Dec 3, 2022, 9:52 AM IST
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