रांची: राजधानी के ओरमांझी स्थित भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में पहले दिनभर लोगों की चहल-पहल लगी रहती थी, लेकिन कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन की घोषणा से पहले ही बर्ड फ्लू के कारण इसे बंद कर दिया गया था. बाद में लॉकडाउन की वजह से यह पूरी तरह से बंद कर दिया गया.
उद्यान में प्रवेश की अनुमति
कोरोना महामारी को लेकर उद्यान में विशेष सावधानियां बरती जा रही है. यहां अंदर प्रवेश करने से पहले ही आने जाने वाले कर्मचारियों से लेकर सभी लोगों को पूरी तरह से सेनेटाइज किया जाता है. उसके बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जाती है, ताकि किसी प्रकार का संक्रमण जानवरों में न फैले. लोगों को इसके खुलने का बेसब्री से इंतजार है.
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कोरोना को लेकर उद्यान में बढ़ी सावधानियां
उछल-कूद कर अपने साथ लोगों का भी मनोरंजन करने वाले जानवर अब अकेला महसूस कर रहे हैं. इसी बीच जैविक उद्यान से खुशी की खबर आई थी, जब पता चला था कि अनुष्का ने तीन स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है. जिसके बाद से वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर उद्यान में सावधानियां और भी बढ़ गई है. पशुओं की विशेष देखभाल की जा रही है. इंसानों के साथ-साथ उद्यान के जानवरों में यह संक्रमण ना फैले इसको लेकर उद्यान को सरकारी गाइडलाइन के हिसाब से जानवरों के केज को सैनिटाइज किया जा रहा है.
कर्मचारियों की नियमित स्वास्थ्य जांच
उद्यान के निदेशक वी वेंकटेश्वरलू ने बताया कि जैविक उद्यान में काम करने वाले कर्मचारियों का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है. उद्यान में काम करने वाले कर्मचारियों को गेट पर पहुंचते ही उसके हाथ-पैर को सैनिटाइज किया जा रहा है. उसके बाद ही प्रवेश कराई जाती है. कर्मचारियों की नियमित स्वास्थ्य की जांच कराई जा रही है. 6 कर्मचारी, जिनके घर के आसपास के लोगों को क्वारेंनटाइन किया गया है उन कर्मचारियों को सुरक्षा की दृष्ट्री से काम पर आने को मना कर दिया गया है, साथ ही प्राधिकरण की गाइडलाइन के मुताबिक बाघ, शेर और चीता जैसे जानवरों की 24 घंटे निगरानी केज के पास लगाए गए सीसीटीवी के माध्यम से की जा रही है.
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सीमित संसाधनों के साथ मनोरंजन
बिरसा मुंडा जैविक उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ अजय कुमार बताते हैं कि अमेरिका के चिड़ियाघर में एक बाघिन में कोरोना की पुष्टि होने के बाद उद्यान में जानवरों का खास ख्याल रखा जा रहा है. इसके लिए जानवरों के केज को बार-बार सैनिटाइज किया जा रहा है. इसके अलावा खाने-पीने का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है. मांसाहारी जानवरों को फ्रेश मीट दिया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार का संक्रमण उद्यान के जानवरों में ना फैले. राज्य में लॉक डाउन होने और जैविक उद्यान बंद होने के कारण लोग अपने परिवार के साथ घरों में बंद है. हर घरों में लोग सीमित संसाधनों के साथ अपना मनोरंजन कर समय बिता रहे हैं.