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Dengue in Jharkhand: डेंगू के डंक से परेशान झारखंड! एक हफ्ते में चार मौत, दो महीने में मरीजों की संख्या में 10 गुना इजाफा - डेंगू के मरीज

झारखंड में डेंगू लगातार पांव पसार रहा है. आलम ऐसा है कि पिछले दो महीनों में डेंगू के मरीजों की संख्या में 10 गुना वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं पिछले एक हफ्ते में 4 लोगों को डेंगू ने अपना शिकार बनाया है. डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा अलर्ट है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 5, 2023, 6:24 PM IST

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रांची: राज्य में लगातार बारिश की वजह से डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. प्रदेश के कई जिलों से लगातार डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में डेंगू के कुल मरीजों की संख्या 676 हैं, जिनमें से 478 मरीज सिर्फ जमशेदपुर में है.

इसे भी पढ़ें- सावधान! झारखंड में डेंगू के साथ-साथ चिकनगुनिया के भी मिल रहे हैं केस, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

राजधानी रांची में अब तक 56 मरीजों को चिन्हित किया जा चुका है. पिछले दो महीने के भीतर राज्य में डेंगू के मरीजों की संख्या 10 गुना वृद्धि हुई है. वहीं एक सप्ताह के भीतर राज्य में चार मरीजों की मौत डेंगू से हो गई है. ये सभी जमशेदपुर के ही रहने वाले हैं. पूरे राज्य में जमशेदपुर की स्थिति सबसे खतरनाक बनी हुई है जहां पर चार लोगों की मौत हो गई है जबकि 478 मरीज जमशेदपुर में अब तक चिन्हित किया जा चुके हैं.

झारखंड की बात करें तो जमशेदपुर के बाद सबसे ज्यादा मरीज राजधानी रांची में हैं. जिनकी कुल संख्या 56 है, सरायकेला में 40, साहिबगंज में 30, पश्चिमी सिंहभूम में 6, पलामू में 12, बोकारो में 4, चतरा में 6, देवघर में 8, धनबाद में 4, दुमका में 2, गढ़वा में 4, गिरिडीह में 8, गुमला में 3, हजारीबाग में 6, जामताड़ा और कोडरमा में एक-एक मरीज चिन्हित किए गए हैं. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है और सभी जिला के उपायुक्तों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है.

राजधानी रांची 56 मरीज विभिन्न अस्पताल में इलाजरत हैं. रिम्स में 18 मरीज जबकि तीन मरीज सदर अस्पताल में भी भर्ती हुए हैं. निजी अस्पताल और सीएचसी स्तर के अस्पतालों में भी डेंगू के मरीज भर्ती हैं. जांच के आधार पर आई रिपोर्ट के अनुसार राजधानी रांची में करीब 50 से ज्यादा डेंगू मरीज ग्रस्त हैं. इस मामले में सबसे अधिक केस जमशेदपुर से देखने को मिल रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी डॉ. बीके सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जमशेदपुर में अब तक चार लोगों की मौत हो गई है. इसीलिए स्वास्थ्य विभाग के ज्यादातर कर्मचारी और पदाधिकारी को जमशेदपुर में पदस्थापित किया गया है ताकि वहां पर लोगों को जागरूक कर डेंगू के प्रकोप को कम किया जा सके. उन्होंने आगे बताया कि राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों को स्वास्थ्य विभाग के वेक्टर बॉर्न डिजीज विभाग की तरफ से दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही सभी मल्टीपर्पस वर्कर को डेंगू की रोकथाम के लिए काम पर लगा दिया गया है.

वहीं रिम्स में डेंगू के मरीज भर्ती हैं, उनके लिए स्पेशल वार्ड बनाए गए हैं. जहां अभी 18 मरीज भर्ती हैं. रिम्स में की गई तैयारी को लेकर रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि 50 बेड की क्षमता वाले डेंगू वार्ड को तैयार कर दिया गया है. इसके साथ दवा की भी आपूर्ति स्टोर रूम में कर दी गई है और मरीजों के इलाज के लिए रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सकों को कई जिम्मेदारियां भी दी गई हैं. जिसमें डॉक्टर विद्यापति, डॉक्टर संजय सिंह, डॉक्टर अजीत डुंगडुंग और डॉक्टर बी कुमार को तैनात किया गया है. यहां इलाज कराने आए डेंगू मरीजों के परिजनों का कहना है कि अस्पताल में व्यवस्था अच्छी है.

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डेंगू के लक्षण

पलामू से आए मरीज के परिजन ने कहा कि दवा की आपूर्ति और डॉक्टर की देखरेख समुचित रूप से की जा रही है. लेकिन अस्पताल के बाथरूम और वार्ड के आसपास गंदगी कहीं ना कहीं समस्या उत्पन्न कर रही है. हालांकि मरीजों को सुरक्षित रखने के लिए वार्ड में मच्छरदानी भी लगाए गए हैं. इसके अलावा समय-समय पर डॉक्टर लगातार निगरानी भी कर रहे हैं ताकि उनकी स्थिति में किसी भी तरह की कोई गिरावट ना आ सके. वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. जिसमें लोगों को बताया जा रहा है कि घर में साफ या गंदा पानी जमा न करें. कई बार लोग घरों में उपयोग होने वाले कूलर और गमले में जमा हुए पानी को छोड़ देते हैं. जो डेंगू के मच्छरों को जन्म देता है और वहीं मच्छर घर में काट ले तो लोगों को डेंगू की बीमारी हो जाती है.

डेंगू के लक्षणः

  • तेज बुखार, खांसी, पेट दर्द और बार-बार उल्टी होना.
  • सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी और चिड़चिड़पन.
  • मुंह, होंठ और जीभ का सूखना.
  • आंखें लाल और हाथ-पांव ठंडे होना.
  • शरीर के कई हिस्सों में चकते पड़ जाना.
  • कई बार त्वचा के रंग में भी बदलाव होना.

कैसे करें डेंगू से बचाव:

  • घर के कूलर और गमलों में पानी जमा ना होने दें.
  • शरीर पर फुल स्लीव वाले कपड़े ही पहनें, पूरे शरीर को ढक कर रखें.
  • बारिश के मौसम में घर और कार्यालय के खिड़की पर जाली का प्रयोग करें.
  • अपने घर के आसपास मच्छर मारने वाले स्प्रे का समय-समय पर छिड़काव करें.
  • सोते वक्त हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें.

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रांची: राज्य में लगातार बारिश की वजह से डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. प्रदेश के कई जिलों से लगातार डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में प्रदेश में डेंगू के कुल मरीजों की संख्या 676 हैं, जिनमें से 478 मरीज सिर्फ जमशेदपुर में है.

इसे भी पढ़ें- सावधान! झारखंड में डेंगू के साथ-साथ चिकनगुनिया के भी मिल रहे हैं केस, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

राजधानी रांची में अब तक 56 मरीजों को चिन्हित किया जा चुका है. पिछले दो महीने के भीतर राज्य में डेंगू के मरीजों की संख्या 10 गुना वृद्धि हुई है. वहीं एक सप्ताह के भीतर राज्य में चार मरीजों की मौत डेंगू से हो गई है. ये सभी जमशेदपुर के ही रहने वाले हैं. पूरे राज्य में जमशेदपुर की स्थिति सबसे खतरनाक बनी हुई है जहां पर चार लोगों की मौत हो गई है जबकि 478 मरीज जमशेदपुर में अब तक चिन्हित किया जा चुके हैं.

झारखंड की बात करें तो जमशेदपुर के बाद सबसे ज्यादा मरीज राजधानी रांची में हैं. जिनकी कुल संख्या 56 है, सरायकेला में 40, साहिबगंज में 30, पश्चिमी सिंहभूम में 6, पलामू में 12, बोकारो में 4, चतरा में 6, देवघर में 8, धनबाद में 4, दुमका में 2, गढ़वा में 4, गिरिडीह में 8, गुमला में 3, हजारीबाग में 6, जामताड़ा और कोडरमा में एक-एक मरीज चिन्हित किए गए हैं. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है और सभी जिला के उपायुक्तों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है.

राजधानी रांची 56 मरीज विभिन्न अस्पताल में इलाजरत हैं. रिम्स में 18 मरीज जबकि तीन मरीज सदर अस्पताल में भी भर्ती हुए हैं. निजी अस्पताल और सीएचसी स्तर के अस्पतालों में भी डेंगू के मरीज भर्ती हैं. जांच के आधार पर आई रिपोर्ट के अनुसार राजधानी रांची में करीब 50 से ज्यादा डेंगू मरीज ग्रस्त हैं. इस मामले में सबसे अधिक केस जमशेदपुर से देखने को मिल रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी डॉ. बीके सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जमशेदपुर में अब तक चार लोगों की मौत हो गई है. इसीलिए स्वास्थ्य विभाग के ज्यादातर कर्मचारी और पदाधिकारी को जमशेदपुर में पदस्थापित किया गया है ताकि वहां पर लोगों को जागरूक कर डेंगू के प्रकोप को कम किया जा सके. उन्होंने आगे बताया कि राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों को स्वास्थ्य विभाग के वेक्टर बॉर्न डिजीज विभाग की तरफ से दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही सभी मल्टीपर्पस वर्कर को डेंगू की रोकथाम के लिए काम पर लगा दिया गया है.

वहीं रिम्स में डेंगू के मरीज भर्ती हैं, उनके लिए स्पेशल वार्ड बनाए गए हैं. जहां अभी 18 मरीज भर्ती हैं. रिम्स में की गई तैयारी को लेकर रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन ने बताया कि 50 बेड की क्षमता वाले डेंगू वार्ड को तैयार कर दिया गया है. इसके साथ दवा की भी आपूर्ति स्टोर रूम में कर दी गई है और मरीजों के इलाज के लिए रिम्स के वरिष्ठ चिकित्सकों को कई जिम्मेदारियां भी दी गई हैं. जिसमें डॉक्टर विद्यापति, डॉक्टर संजय सिंह, डॉक्टर अजीत डुंगडुंग और डॉक्टर बी कुमार को तैनात किया गया है. यहां इलाज कराने आए डेंगू मरीजों के परिजनों का कहना है कि अस्पताल में व्यवस्था अच्छी है.

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डेंगू के लक्षण

पलामू से आए मरीज के परिजन ने कहा कि दवा की आपूर्ति और डॉक्टर की देखरेख समुचित रूप से की जा रही है. लेकिन अस्पताल के बाथरूम और वार्ड के आसपास गंदगी कहीं ना कहीं समस्या उत्पन्न कर रही है. हालांकि मरीजों को सुरक्षित रखने के लिए वार्ड में मच्छरदानी भी लगाए गए हैं. इसके अलावा समय-समय पर डॉक्टर लगातार निगरानी भी कर रहे हैं ताकि उनकी स्थिति में किसी भी तरह की कोई गिरावट ना आ सके. वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जन जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है. जिसमें लोगों को बताया जा रहा है कि घर में साफ या गंदा पानी जमा न करें. कई बार लोग घरों में उपयोग होने वाले कूलर और गमले में जमा हुए पानी को छोड़ देते हैं. जो डेंगू के मच्छरों को जन्म देता है और वहीं मच्छर घर में काट ले तो लोगों को डेंगू की बीमारी हो जाती है.

डेंगू के लक्षणः

  • तेज बुखार, खांसी, पेट दर्द और बार-बार उल्टी होना.
  • सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी और चिड़चिड़पन.
  • मुंह, होंठ और जीभ का सूखना.
  • आंखें लाल और हाथ-पांव ठंडे होना.
  • शरीर के कई हिस्सों में चकते पड़ जाना.
  • कई बार त्वचा के रंग में भी बदलाव होना.

कैसे करें डेंगू से बचाव:

  • घर के कूलर और गमलों में पानी जमा ना होने दें.
  • शरीर पर फुल स्लीव वाले कपड़े ही पहनें, पूरे शरीर को ढक कर रखें.
  • बारिश के मौसम में घर और कार्यालय के खिड़की पर जाली का प्रयोग करें.
  • अपने घर के आसपास मच्छर मारने वाले स्प्रे का समय-समय पर छिड़काव करें.
  • सोते वक्त हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें.
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