रांचीः झारखंड के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने में इन दिनों शिक्षा विभाग जुटा हुआ है. शैक्षणिक कार्य से लेकर स्कूलों में मिलने वाले मध्याह्न भोजन में किसी स्तर पर गड़बड़ी नहीं है. इसको लेकर बीईओ को निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है.
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राज्य सरकार के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने इसके लिए अधिकारियों की टीम गठित की है, जो हर महीने दो बार किसी स्कूलों का निरीक्षण करेगी. योजना के मुताबिक झारखंड में जितने भी सरकारी स्कूल हैं, उनका नियमित निरीक्षण किया जाएगा. इसको लेकर झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से एक टीम गठित की गई है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के समग्र शिक्षा की विभिन्न गतिविधियों के साथ-साथ मध्याह्न भोजन का निरीक्षण के दौरान जांच की जाएगी.
शिक्षा विभाग के सचिव के रवि कुमार ने कहा है कि स्कूलों का औचक निरीक्षण करने का काम शुरू कर दिया गया है. लेकिन तीन जिलों में पदाधिकारियों द्वारा स्कूलों का निरीक्षण नहीं शुरू किया गया है. इन जिलों के संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा गया है. इन अधिकारियों को अगली समीक्षा बैठक में यह बताना होगा कि ससमय निरीक्षण करना शुरू क्यों नहीं किया गया.
सचिव ने कहा कि निरीक्षण के बाद स्कूलों में हो रहे बदलाव की भी समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि निरीक्षण टीम द्वारा मध्याह्न भोजन योजना, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय पोशाक वितरण योजना, विद्यालय विकास अनुदान की राशि का उपयोग, परियोजना आदि अपडेट जायजा लेंगे. इसके साथ ही क्षेत्रीय कार्यालयों और प्रखंड कार्यालयों का भी औचक निरीक्षण किया जाएगा. निरीक्षण अनुश्रवण समीक्षा कार्य 30 जनवरी तक चलेगा.
सचिव ने कहा कि 7 फरवरी को इसकी समीक्षा की जाएगी. प्रत्येक जांच दल द्वारा हर महीने 2 जिलों का भ्रमण किया जाना है. जांच दल में विभागीय सचिव से लेकर जिला स्तर के पदाधिकारी शामिल होंगे. राज्य शिक्षा परियोजना कार्यालय में पदस्थापित पदाधिकारी और कर्मियों को भी निरीक्षण कार्य में शामिल किया गया है.