रांची: सोमवार को झारखंड विधानसभा चुनाव का चौथा चरण समाप्त हो गया. इस दौरान 4 जिलों के 15 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई वहीं मतदान प्रतिशत 62.54 रहा. मतदान को लेकर सबसे ज्यादा उत्साह दिव्यांगों में रहा और लगभग 92 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस दौरान हालांकि लोगों में मतदान को लेकर खासा उत्साह रहा लेकिन 2014 के मुकाबले इन 15 सीटों पर मतदान 2.12 प्रतिशत कम रहा.
दिव्यांग वोटरों ने जीता सबका दिल
सोमवार को हुए विधानसभा चुनाव की सबसे खास बात रही कि मतदान बेहद ही शांतिपूर्ण रहा. उग्रवाद प्रभावित इलाकों में भी मतदाता बेखौफ घर से निकले और अपने अधिकार का प्रयोग किया. गिरिडीह के पांचों विधानसभा सीट उग्रवाद प्रभावित होने के बावजूद बूथ पर लोगों की लंबी कतार लगी रही. इस दौरान फर्स्ट टाइम वोटर मतदान को लेकर काफी उत्सुक दिखे तो वहीं उम्र का सैंकड़ा पार कर चुके मतदाता भी पीछे नहीं रहे. बोकारो में तो 105 साल की बुजुर्ग महिला भी मतदान केंद्र तक पहुंची और अपने अधिकार का प्रयोग किया. वहीं प्लेटफॉर्म में रात गुजारने वाले बुजुर्ग राजकुमार प्रसाद ने मतादधिकार का प्रयोग कर सबका दिल जीत लिया. वे भले ही चलने में समर्थ थे, लेकिन उनके दिल में लोकतंत्र को चलाने का भरपूर जज्बा दिखा.वहीं सिंदरी और गिरिडीह में भी वैसे दिव्यांग मतदान केंद्र तक पहुंचे जिनकी आंखों में भले ही रोशनी नहीं थी, लेकिन उनकी चाहत थी कि लोकतंत्र का दीया हमेशा जलता ही रहे.
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आम के साथ खास लोगों में भी दिखा उत्साह
इस दौरान आम लोगों के साथ-साथ मतदान को लेकर खास लोग भी खासा उत्साहित रहे. शिबू सोरेन हो या नारायण दास, ढुल्लू महतो, अरूप चटर्जी, बिरंची नारायण, राज सिन्हा सभी ने लोकतंत्र में अपने अधिकार का प्रयोग किया तो वहीं अपनी-अपनी जीत का दावा भी किया.
बता दें कि 15 विधानसभा सीटों पर 221 प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं. इस दौरान ईटीवी भारत के संवाददाता सभी सीटों से पल-पल की खबरें आप तक पहुंचाते रहे. सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है. अब 23 दिसंबर को पता चलेगा कि जनता ने उनकी किस्मत में हार लिखी है या जीत.