रांचीः राजधानी रांची के जगन्नाथपुर इलाके में पिस्टल की नोक पर हुई कारोबारी निकेश मिश्रा से 1.25 करोड़ रुपये लूट मामले में पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं. इस मामले में पुलिस की जांच खुद से रची गई एक साजिश की ओर बढ़ रही है. हालांकि अभी तक पुलिस ने मामले को लेकर अधिकारिक रूप से कोई भी पुष्टि नहीं की है.
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छह हिरासत में
पुलिस फिलहाल कारोबारी उनके स्टाफ और कुछ संदिग्धों से पूछताछ कर रही है. इस मामले में पुलिस ने छह को हिरासत में लिया है. सभी संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस का मानना है कि इस लूटकांड में निकेश मिश्रा का तार जुड़ा हो सकता है.
हालांकि पुलिस किसी ठोस निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई है. गौरतलब है कि सोमवार की सुबह करीब साढ़े पांच बजे इंडिका कार से आये पांच अपराधियों ने तब लूटपाट कर ली थी, जब कारोबारी, और उनके साथ मौजूद कर्मी पैसा लेकर ओडिशा जाने की तैयारी कर रहे थे.
लूट के बाद अपराधी कार से खूंटी की ओर भाग निकले. अपराधियों ने इस वारदात को हटिया टीओपी से करीब 50 मीटर की दूरी पर अंजाम दिया था.
इस मामले का खुलासा के लिए एसएसपी द्वारा गठित एसआईटी लगातार छापेमारी कर रही है. खूंटी सहित अन्य इलाकों में छापेमारी की गई है.
हालांकि घटना में इस्तेमाल की गई इंडिका कार और अपराधी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए हैं. इस मामले में लूट की एफआईआर शुभम अग्रवाल के बयान पर दर्ज की गई है.
पीएलएफआई कनेक्शन को ध्यान में रखकर जांच
इस लूटकांड में पीएलएफआई कनेक्शन को ध्यान में रखकर पुलिस जांच कर रही है. पुलिस आशंका जता रही है कि घटना को अंजाम देने में पीएलएफआई उग्रवादियों का भी हाथ रहा है. चूंकि लूटपाट के शिकार निकेश मिश्रा का पीएलएफआई उग्रवादियों से कनेक्शन रहा है.
पूर्व में पीएलएफआई से संबंध होने के कई मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि पुलिस इस बिंदु पर गहनता से जांच में जुटी है. फिलहाल स्पष्ट तौर पर पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है.
योजनाबद्ध तरीके से घटना को दिया अंजाम
घटना को जिस तरह से अंजाम दिया गया है इससे स्पष्ट है कि घटना में शामिल अपराधी सब कुछ जान रहे थे कि कितना पैसा कहां से निकलना है. किस गाड़ी में रखा जाना है और कहां भेजा जाना है. अपराधियों के इस प्लानिंग में पुलिस आशंका जाहिर कर रही है कि जिन कारोबारियों से लूट हुई है उन्हीं में से कोई भेदी है जिसके द्वारा अपराधियों तक पूरी सूचना दी गई है और जानबूझकर लूट करवाया गया है.