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रांची का एक युवा बदल रहा है किसानों का भाग्य, कंपनी को वोकल बनाने की तैयारी में इनोवेशन लैब - Innovation lab starts preparations for local to vocal in ranchi

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकल से वोकल बनाकर खुद को आत्मनिर्भर बनाने का नारा दिया था, जिसका असर अब दिखने लगा है. झारखंड सरकार के आईटी विभाग के अधीन संचालित इनोवेशन लैब ने इसके लिए झारखंड की तीन कंपनियों का चयन किया है, जिसमें फीडको एग्रोकार्ट भी शामिल है, जिन्हें भारत के मानचित्र पर स्थापित किया जाएगा. ईटीवी भारत की टीम ने फीडको एग्रोकार्ट के काम करने के तौर तरीके की मौके पर पहुंचकर पड़ताल की है.

impact of vocal for local, Innovation lab starts preparations in ranchi
लोकल को वोकल बनाने की तैयारी शुरू
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Published : Jun 3, 2020, 10:52 PM IST

रांची: कोरोना संक्रमण के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकल को वोकल बनाकर खुद को आत्मनिर्भर बनाने का जो नारा दिया था, उसको अमलीजामा पहनाने की कवायद इनोवेशन लैब ने शुरू कर दी है. झारखंड सरकार के आईटी विभाग के अधीन संचालित इनोवेशन लैब ने इसके लिए झारखंड की तीन कंपनियों का चयन किया है, जिन्हें भारत के मानचित्र पर स्थापित किया जाएगा. इन तीन कंपनियों के नाम हैं- प्यूरेश मिल्क, फीडको एग्रोकार्ट और ओपन सोर्स कम्युनिटी बिल्डर्स. इनमें से एक कंपनी फीडको एग्रोकार्ट के काम करने के तौर तरीके की पड़ताल ईटीवी भारत की टीम ने रांची के नगड़ी प्रखंड पहुंचकर की है.

ग्राउंड जीरो पर ईटीवी भारत की टीम

ईटीवी भारत से फीडको एग्रोकार्ट कंपनी के संचालक सतीश महतो ने बताया कि पढ़ाई पूरी करने के बाद उनकी दिली तमन्ना थी कि वह कुछ ऐसा करें, जिससे किसानों को फायदा हो, इसके लिए उन्होंने इनोवेशन लैब से 2016 में संपर्क साधा और रास्ता बनता चला गया, आज वह अपनी कंपनी के जरिए रांची जिला के करीब 400 किसानों से जुड़े हुए हैं, उनकी कंपनी किसानों से खेत पर पहुंचकर सब्जी खरीदती है और 25% ज्यादा दाम के साथ उसे मार्केट मेंं सेल करती है.

फीडको एग्रोकार्ट कंपनी के संचालक से बातचीत

कोरोना काल में मिला इसका सबसे ज्यादा फायदा

लॉकडाउन के दौरान जब सब कुछ बंद था और किसानों को घरों से बाहर निकलने पर रोक लगी थी, तब खेतों में ही सब्जियां बर्बाद हो रही थी, लेकिन जो किसान सतीश महतो की कंपनी के साथ जुड़े थे उनकी सब्जियों को उचित दाम मिलता रहा, इससे न सिर्फ किसानों को फायदा हुआ बल्कि कंपनी के कारोबार में 100 फीसद इजाफा भी हुआ. अब क्योंकि लोकल को वोकल बनाने की बात चली है, लिहाजा इनोवेशन लैब इन कंपनियों को एक ब्रांड के रूप में तब्दील करने की तैयारी में जुटा है. सतीश ने बताया कि अभी उनकी कंपनी का टर्नओवर करीब एक करोड़ पहुंच चुका है, फिलहाल वह अर्धसैनिक बलों के मेस और कुछ बड़े संस्थानों को सब्जी की सप्लाई करते हैं, अब उनकी कोशिश है कि वह पश्चिम बंगाल में भी अपने कारोबार को ले जाएं, साथ ही देवघर और जमशेदपुर में भी इसे डेवलप करें. फीडको एग्रोटेक के साथ जुड़े एक प्रगतिशील किसान राजेंद्र महतो ने कहा की लॉकडाउन के दौरान सब्जी को बाजार ले जाकर बेचना मुश्किल था, लेकिन सतीश की कंपनी से उन्हें बराबर सहयोग मिलता रहा. उन्होंने कहा कि कई किसानों के सामने नौबत ऐसी आ गई थी कि वह सब्जियां काटकर जानवरों को खिलाने को बाध्य हो गए थे. फीडको एग्रोटेक न सिर्फ किसानों से सब्जी खरीदती है बल्कि मक्का के डंठल को खरीद कर डेयरी को भी सप्लाई करती है, इससे किसानों को अच्छा खासा मुनाफा हो जाता है.

इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से बात की तो उन्होंने कहा कि नए स्टार्टअप को प्रमोट करने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है. इस तरह की कंपनियों को जिस तरह की भी सहयोग की जरूरत होगी उसे मुहैया कराया जाएगा. आपको बता दें कि नए आइडियाज को अमलीजामा पहनाने में इनोवेशन लैब को आईआईएम, अहमदाबाद भी सहयोग करता है.

रांची: कोरोना संक्रमण के दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकल को वोकल बनाकर खुद को आत्मनिर्भर बनाने का जो नारा दिया था, उसको अमलीजामा पहनाने की कवायद इनोवेशन लैब ने शुरू कर दी है. झारखंड सरकार के आईटी विभाग के अधीन संचालित इनोवेशन लैब ने इसके लिए झारखंड की तीन कंपनियों का चयन किया है, जिन्हें भारत के मानचित्र पर स्थापित किया जाएगा. इन तीन कंपनियों के नाम हैं- प्यूरेश मिल्क, फीडको एग्रोकार्ट और ओपन सोर्स कम्युनिटी बिल्डर्स. इनमें से एक कंपनी फीडको एग्रोकार्ट के काम करने के तौर तरीके की पड़ताल ईटीवी भारत की टीम ने रांची के नगड़ी प्रखंड पहुंचकर की है.

ग्राउंड जीरो पर ईटीवी भारत की टीम

ईटीवी भारत से फीडको एग्रोकार्ट कंपनी के संचालक सतीश महतो ने बताया कि पढ़ाई पूरी करने के बाद उनकी दिली तमन्ना थी कि वह कुछ ऐसा करें, जिससे किसानों को फायदा हो, इसके लिए उन्होंने इनोवेशन लैब से 2016 में संपर्क साधा और रास्ता बनता चला गया, आज वह अपनी कंपनी के जरिए रांची जिला के करीब 400 किसानों से जुड़े हुए हैं, उनकी कंपनी किसानों से खेत पर पहुंचकर सब्जी खरीदती है और 25% ज्यादा दाम के साथ उसे मार्केट मेंं सेल करती है.

फीडको एग्रोकार्ट कंपनी के संचालक से बातचीत

कोरोना काल में मिला इसका सबसे ज्यादा फायदा

लॉकडाउन के दौरान जब सब कुछ बंद था और किसानों को घरों से बाहर निकलने पर रोक लगी थी, तब खेतों में ही सब्जियां बर्बाद हो रही थी, लेकिन जो किसान सतीश महतो की कंपनी के साथ जुड़े थे उनकी सब्जियों को उचित दाम मिलता रहा, इससे न सिर्फ किसानों को फायदा हुआ बल्कि कंपनी के कारोबार में 100 फीसद इजाफा भी हुआ. अब क्योंकि लोकल को वोकल बनाने की बात चली है, लिहाजा इनोवेशन लैब इन कंपनियों को एक ब्रांड के रूप में तब्दील करने की तैयारी में जुटा है. सतीश ने बताया कि अभी उनकी कंपनी का टर्नओवर करीब एक करोड़ पहुंच चुका है, फिलहाल वह अर्धसैनिक बलों के मेस और कुछ बड़े संस्थानों को सब्जी की सप्लाई करते हैं, अब उनकी कोशिश है कि वह पश्चिम बंगाल में भी अपने कारोबार को ले जाएं, साथ ही देवघर और जमशेदपुर में भी इसे डेवलप करें. फीडको एग्रोटेक के साथ जुड़े एक प्रगतिशील किसान राजेंद्र महतो ने कहा की लॉकडाउन के दौरान सब्जी को बाजार ले जाकर बेचना मुश्किल था, लेकिन सतीश की कंपनी से उन्हें बराबर सहयोग मिलता रहा. उन्होंने कहा कि कई किसानों के सामने नौबत ऐसी आ गई थी कि वह सब्जियां काटकर जानवरों को खिलाने को बाध्य हो गए थे. फीडको एग्रोटेक न सिर्फ किसानों से सब्जी खरीदती है बल्कि मक्का के डंठल को खरीद कर डेयरी को भी सप्लाई करती है, इससे किसानों को अच्छा खासा मुनाफा हो जाता है.

इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से बात की तो उन्होंने कहा कि नए स्टार्टअप को प्रमोट करने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है. इस तरह की कंपनियों को जिस तरह की भी सहयोग की जरूरत होगी उसे मुहैया कराया जाएगा. आपको बता दें कि नए आइडियाज को अमलीजामा पहनाने में इनोवेशन लैब को आईआईएम, अहमदाबाद भी सहयोग करता है.

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