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बीवी के सामने मिया मैदान में, गिलास लेकर मांग रहा वोट - पंचायत चुनाव 2022 झारखंड

रांची की पिठोरिया पंचायत इन दिनों खासी चर्चा में है. इसकी वजह है पंचायत के वार्ड पार्षद पद पर मिया-बीवी दोनों की दावेदारी, दोनों ही जोरशोर से प्रचार भी कर रहे हैं. पढ़िए ईटीवी भारत संवाददाता विजय गोप की रिपोर्ट.

Husband and wife contesting in Ranchi Pithoria Panchayat in Ward 3 against each other in panchayat election 2022
बीवी के सामने मियां मैदान में, गिलास लेकर मांग रहा वोट
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Published : May 9, 2022, 5:56 PM IST

Updated : May 9, 2022, 7:01 PM IST

रांचीः पंचायत चुनाव 2022 में इस बार अजब-गजब रंग देखने को मिल रहे हैं. इसके लिए राजधानी रांची की पिठोरिया पंचायत भी आजकल चर्चा में है. यहां पिछले दस सालों से पार्षद रहीं बीवी के खिलाफ इस बार मियां भी मैदान में उतर आया है. मिया-बीवी की चुनावी टक्कर में परिवार भी बंट गया है. हालांकि लोकतंत्र के इस महायज्ञ की खूबसूरती यह है कि परिवार के लोग भी खुलकर अलग-अलग राय रख रहे हैं. बेटा मां का समर्थन कर रहा है तो बेटियां पिता का समर्थन कर रहा है.

ये भी पढ़ें-रिटायरमेंट के बाद चुनावी दंगल में उतरी महिला, 28 सालों तक रही शिक्षक


बता दें कि राजधानी रांची से सटे पिठोरिया पंचायत में 13 वार्ड हैं. इस पंचायत का वार्ड नंबर तीन लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस वार्ड में मिया-बीवी ही एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं. दोनों ही अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं. बीवी को चुनाव चिन्ह गैस चूल्हा मिला हुआ है. गैस चूल्हा छाप को लेकर पत्नी रशिदा खातून इन दिनों चुनाव प्रचार करते नजर आती हैं तो दूसरी तरफ अपने चुनावी चिन्ह गिलास छाप को लेकर पति हाफिज अंसारी लोगों से वोट मांग रहे हैं.


पति-पत्नी का चुनाव प्रचारः इससे पहले दस साल से बीवी रशीदा खातून ही इस वार्ड की वार्ड पार्षद हैं वे वार्ड में विकास कार्य कराने का दावा कर रहीं है. रशीदा खातून का दावा है कि उन्होंने खूब काम कराए हैं और आगे के काम की प्राथमिकता बताते हुए वे जीत का दावा कर रहीं हैं तो हाफिज अंसारी का कहना है कि वह भी समाज सेवा के कार्य से जुड़े हुए हैं. लोगों के दुख सुख में आना-जाना रहा है, ऐसे में जनता उन्हें जरूर जीत का ताज पहनाएगी.

देखें पूरी खबर

बच्चे यह सोच रहेः इधर मां-बाप के एक दूसरे के खिलाफ चुनावी ताल ठोंकने का असर बच्चों पर पड़ा है. उनकी राय बंट गई है, उन्हें अलग-अलग खेमे का समर्थन करना पड़ गया है. दोनों बेटियां अपने पिता हाफिज अंसारी का समर्थन करते नजर आ रही हैं तो बेटा खुलकर अपना पत्ता नहीं खोल रहा लेकिन उसका झुकाव मां की तरफ दिख रहा है.

क्या है प्रत्याशियों का कहनाः इस मामले में पति हाफिज का मासूम सा कहना है कि दस साल पत्नी पार्षद रह चुकी है, हमने रशीदा से कहा कि अब उसे मौका मिलना चाहिए. इसलिए वह चुनाव लड़ना चाहता है. लेकिन वह राजी नहीं हुई. इधर पत्नी रशीदा का कहना है कि उसने दस साल तक काम किया है इसलिए उसे चुनाव लड़ना पड़ रहा है. इन बातों को लेकर सहमति न बन पाने से दोनों चुनाव मैदान में उतर गए. खास बात यह है कि इस वार्ड से यही पति-पत्नी चुनाव मैदान में हैं. इस तरह जीत किसी की हो पार्षद पद तो घर में ही रहेगा.

रांचीः पंचायत चुनाव 2022 में इस बार अजब-गजब रंग देखने को मिल रहे हैं. इसके लिए राजधानी रांची की पिठोरिया पंचायत भी आजकल चर्चा में है. यहां पिछले दस सालों से पार्षद रहीं बीवी के खिलाफ इस बार मियां भी मैदान में उतर आया है. मिया-बीवी की चुनावी टक्कर में परिवार भी बंट गया है. हालांकि लोकतंत्र के इस महायज्ञ की खूबसूरती यह है कि परिवार के लोग भी खुलकर अलग-अलग राय रख रहे हैं. बेटा मां का समर्थन कर रहा है तो बेटियां पिता का समर्थन कर रहा है.

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बता दें कि राजधानी रांची से सटे पिठोरिया पंचायत में 13 वार्ड हैं. इस पंचायत का वार्ड नंबर तीन लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस वार्ड में मिया-बीवी ही एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं. दोनों ही अपनी जीत का दावा भी कर रहे हैं. बीवी को चुनाव चिन्ह गैस चूल्हा मिला हुआ है. गैस चूल्हा छाप को लेकर पत्नी रशिदा खातून इन दिनों चुनाव प्रचार करते नजर आती हैं तो दूसरी तरफ अपने चुनावी चिन्ह गिलास छाप को लेकर पति हाफिज अंसारी लोगों से वोट मांग रहे हैं.


पति-पत्नी का चुनाव प्रचारः इससे पहले दस साल से बीवी रशीदा खातून ही इस वार्ड की वार्ड पार्षद हैं वे वार्ड में विकास कार्य कराने का दावा कर रहीं है. रशीदा खातून का दावा है कि उन्होंने खूब काम कराए हैं और आगे के काम की प्राथमिकता बताते हुए वे जीत का दावा कर रहीं हैं तो हाफिज अंसारी का कहना है कि वह भी समाज सेवा के कार्य से जुड़े हुए हैं. लोगों के दुख सुख में आना-जाना रहा है, ऐसे में जनता उन्हें जरूर जीत का ताज पहनाएगी.

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बच्चे यह सोच रहेः इधर मां-बाप के एक दूसरे के खिलाफ चुनावी ताल ठोंकने का असर बच्चों पर पड़ा है. उनकी राय बंट गई है, उन्हें अलग-अलग खेमे का समर्थन करना पड़ गया है. दोनों बेटियां अपने पिता हाफिज अंसारी का समर्थन करते नजर आ रही हैं तो बेटा खुलकर अपना पत्ता नहीं खोल रहा लेकिन उसका झुकाव मां की तरफ दिख रहा है.

क्या है प्रत्याशियों का कहनाः इस मामले में पति हाफिज का मासूम सा कहना है कि दस साल पत्नी पार्षद रह चुकी है, हमने रशीदा से कहा कि अब उसे मौका मिलना चाहिए. इसलिए वह चुनाव लड़ना चाहता है. लेकिन वह राजी नहीं हुई. इधर पत्नी रशीदा का कहना है कि उसने दस साल तक काम किया है इसलिए उसे चुनाव लड़ना पड़ रहा है. इन बातों को लेकर सहमति न बन पाने से दोनों चुनाव मैदान में उतर गए. खास बात यह है कि इस वार्ड से यही पति-पत्नी चुनाव मैदान में हैं. इस तरह जीत किसी की हो पार्षद पद तो घर में ही रहेगा.

Last Updated : May 9, 2022, 7:01 PM IST
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