रांची: साल 2023 झारखंड शिक्षा विभाग के लिए कभी खुशी कभी गम जैसा रहा. लंबे समय से चली आ रही पारा शिक्षकों की मांग को पूरा करने का रास्ता विभाग ने तैयार किया. सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2023 के जरिए बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली की तैयारी हो ही रही थी कि 6 अप्रैल 2023 को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के असामयिक निधन विभाग के लिए बड़ा झटका से कम नहीं था.
राज्य सरकार ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन पर दो दिन का राजकीय शोक घोषित की. शिक्षा मंत्री के निधन के बाद विभाग का कामकाज सीधे मुख्यमंत्री के पास चला गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की देखरेख में शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी शिक्षा सचिव के रवि कुमार संभालने में लगे रहे. राज्य सरकार के अन्य विभागों की तूलना में इस विभाग में कार्य बेहतर होता दिखा. विभाग का कमान संभाले शिक्षा सचिव के रवि कुमार शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरने में जुटे रहे.
जेएसएससी के माध्यम से 2016 से चली आ रही हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तेजी से करवाने में विभाग सफल रही जो इस साल के अंत तक जारी रहा. इसी तरह पारा शिक्षकों का आकलन परीक्षा आखिरकार जैक बोर्ड के माध्यम से पहली बार शिक्षा विभाग आयोजित करवाने में सफल रही. पहला आकलन परीक्षा पास करने वाले पारा शिक्षकों के वेतन में सरकार ने वादा के अनुरूप 10 फीसदी की बढोत्तरी की. शिक्षा सचिव के रवि कुमार के अनुसार शिक्षकों की कमी को पूरा करने में विभाग लगी हुई है आनेवाले समय में कुछ और नियुक्तियां होंगी.
नहीं हो सका इस साल भी टेट परीक्षा: हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति के अलावे विभाग द्वारा जेएसएससी से पीजीटी शिक्षकों के करीब 3200 पदों पर परीक्षा आयोजित करवाने में विभाग सफल रही. जिसके परिणाम जल्द ही आने की संभावना है. इन सब के बीच इस साल भी शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने में विभाग विफल रहा. 2016 के बाद से राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं आयोजित हुई है. ऐसे में छात्रों को उम्मीद थी कि 2023 में सरकार वादा अनुरूप शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करेगी, लेकिन यह नहीं हो सका.
शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं आयोजित होने के कारण झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई और अन्य राज्य से टेट पास और सीटेट करने वाले झारखंड के विद्यार्थियों को सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा में आवेदन करने का मौका देने का आदेश दिया. इस आदेश के बाद 26 हजार सहायक आचार्य के पदों को भरने के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा पर संकट के बादल छाने लगे हैं.
शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में उलझा रहा विभाग: विभाग पहली बार लंबे समय के बाद जमे शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अभियान चलाया. इसके तहत प्रत्येक स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों का आकलन कर शिक्षकों के रिक्त पदों पर उन्हें पदस्थापित करने की तैयारी की गई. ऑनलाइन माध्यम से आवेदन भी शिक्षकों से जिला के माध्यम से मांगे गए. कई बार आवेदन की तारीख बढ़ने के बाबजूद साल के अंत तक इसे अंतिम रुप नहीं दिया जा सका.
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विभिन्न जिलों के माध्यम से आवेदन लिए गए, मगर नियुक्ति नहीं हुई. सरकारी स्कूलों में बच्चों के पोशाक की क्वालिटी पर सवाल उठते रहे. हजारीबाग में घटिया पोशाक को लेकर सदन में भी मुद्दा उठा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जांच की मांग की. बच्चों को मिलने वाली मुफ्त किताब इस बार कई महीने बाद स्कूलों तक पहुंची जिस वजह से बच्चों के साथ-साथ शिक्षक परेशान दिखे. तमाम परेशानियों के बावजूद सुखद बात यह रही कि मैट्रिक और इंटर की जैक बोर्ड परीक्षा में लड़कियां आगे रहीं. कोडरमा जिला ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए राज्य के अन्य जिलों के लिए मॉडल पेश करने में सफल रहा.
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