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जेएमएम को वर्ष 2021-22 में सिर्फ एक लाख रुपया चंदा मिला, टीआरएस ने जुटाए 193 करोड़

राजनीतिक दलों ने भारत निर्वाचन आयोग में वर्ष 2021-22 की योगदान रिपोर्ट जमा कर दी है (Contribution Report To ECI ). इसमें कई रोचक जानकारियां सामने आई हैं. झारखंड में सत्तारूढ़ जेएमएम ने रिपोर्ट के माध्यम से दावा किया है कि उसे इस सत्र में सिर्फ एक लाख रुपये चंदा मिला है, जबकि तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस ने 193 करोड़ रुपया चंदा जुटाया है (Political Parties Donations). जानें और दूसरी पार्टियों को कितना मिला चंदा...

JMM donations
जेएमएम को चंदा
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Published : Oct 15, 2022, 7:03 PM IST

रांची/नई दिल्ली: राजनीतिक दलों की योगदान रिपोर्ट (Contribution Report To ECI) से कई हैरान करने वाली जानकारी सामने आ रही है. झारखंड में सत्तारूढ़ जेएमएम ने चुनाव आयोग में सौंपी योगदान रिपोर्ट में बताया है कि उसे वर्ष 2021-22 में सिर्फ एक लाख रुपये चंदा मिला है (Political Parties Donations). योगदान रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ है कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को जिसका नाम अब भारत राष्ट्र समिति कर दिया गया है उसको वर्ष 2021-22 के दौरान लगभग 193 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जबकि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) को 62.90 लाख रुपये मिले.

ये भी पढ़ें-हेमंत सरकार के एक हजार दिनः जानिए किन फैसलों पर मिली वाहवाही और क्या रह गया बाकी

टीआरएस को इलेक्टोरल बॉन्ड से मिला सबसे अधिक चंदाः जनप्रतिनिधित्व कानून कहता है कि किसी राजनीतिक दल का कोषाध्यक्ष या उसके द्वारा अधिकृत कोई अन्य व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में किसी भी व्यक्ति या अन्य संस्थाओं से पार्टी द्वारा प्राप्त 20,000 रुपये से अधिक के योगदान के बारे में एक रिपोर्ट तैयार करेगा. टीआरएस की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पार्टी को ज्यादातर चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये मिला. इसे व्यक्तियों, कंपनियों या संस्थानों से 90 लाख रुपये मिले जबकि विभिन्न चुनावी ट्रस्टों से 40 करोड़ रुपये मिले. इसी तरह, टीआरएस को वर्ष 2021-22 के दौरान चुनावी बांड के माध्यम से 1,53,00,00,000 रुपये प्राप्त हुए.

गुमनाम चंदे पर नकेल की योजनाः वहीं, टीडीपी को वर्ष 2021-22 के दौरान 24 विभिन्न दानदाताओं से 62,90,120 रुपये मिले. राजनीतिक दलों को मिले चंदे में सुधार और पारदर्शिता के उद्देश्य से चुनाव आयोग ने गुमनाम राजनीतिक चंदे को 20,000 रुपये से घटाकर 2,000 रुपये करने का प्रस्ताव पेश किया है. चुनाव आयोग ने हाल ही में केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर जन प्रतिनिधित्व (आरपी) अधिनियम में विभिन्न संशोधनों की सिफारिश की है. यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो 2,000 रुपये से अधिक के सभी दान आयोग को प्रस्तुत की जाने वाली योगदान रिपोर्ट का हिस्सा होंगे.

बसपा ने कितना जुटाया चंदाः इधर, झारखंड में सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की हालिया योगदान रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पार्टी को वर्ष 2021-22 के दौरान केवल 1 लाख रुपया चंदा मिला. इससे पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने चुनाव आयोग को सूचित किया था कि उसे वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान व्यक्तिगत दाताओं और संस्थाओं से 20,000 रुपये से अधिक का कोई दान नहीं मिला है.

रांची/नई दिल्ली: राजनीतिक दलों की योगदान रिपोर्ट (Contribution Report To ECI) से कई हैरान करने वाली जानकारी सामने आ रही है. झारखंड में सत्तारूढ़ जेएमएम ने चुनाव आयोग में सौंपी योगदान रिपोर्ट में बताया है कि उसे वर्ष 2021-22 में सिर्फ एक लाख रुपये चंदा मिला है (Political Parties Donations). योगदान रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ है कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को जिसका नाम अब भारत राष्ट्र समिति कर दिया गया है उसको वर्ष 2021-22 के दौरान लगभग 193 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जबकि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) को 62.90 लाख रुपये मिले.

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टीआरएस को इलेक्टोरल बॉन्ड से मिला सबसे अधिक चंदाः जनप्रतिनिधित्व कानून कहता है कि किसी राजनीतिक दल का कोषाध्यक्ष या उसके द्वारा अधिकृत कोई अन्य व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में किसी भी व्यक्ति या अन्य संस्थाओं से पार्टी द्वारा प्राप्त 20,000 रुपये से अधिक के योगदान के बारे में एक रिपोर्ट तैयार करेगा. टीआरएस की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पार्टी को ज्यादातर चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये मिला. इसे व्यक्तियों, कंपनियों या संस्थानों से 90 लाख रुपये मिले जबकि विभिन्न चुनावी ट्रस्टों से 40 करोड़ रुपये मिले. इसी तरह, टीआरएस को वर्ष 2021-22 के दौरान चुनावी बांड के माध्यम से 1,53,00,00,000 रुपये प्राप्त हुए.

गुमनाम चंदे पर नकेल की योजनाः वहीं, टीडीपी को वर्ष 2021-22 के दौरान 24 विभिन्न दानदाताओं से 62,90,120 रुपये मिले. राजनीतिक दलों को मिले चंदे में सुधार और पारदर्शिता के उद्देश्य से चुनाव आयोग ने गुमनाम राजनीतिक चंदे को 20,000 रुपये से घटाकर 2,000 रुपये करने का प्रस्ताव पेश किया है. चुनाव आयोग ने हाल ही में केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर जन प्रतिनिधित्व (आरपी) अधिनियम में विभिन्न संशोधनों की सिफारिश की है. यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो 2,000 रुपये से अधिक के सभी दान आयोग को प्रस्तुत की जाने वाली योगदान रिपोर्ट का हिस्सा होंगे.

बसपा ने कितना जुटाया चंदाः इधर, झारखंड में सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की हालिया योगदान रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पार्टी को वर्ष 2021-22 के दौरान केवल 1 लाख रुपया चंदा मिला. इससे पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने चुनाव आयोग को सूचित किया था कि उसे वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान व्यक्तिगत दाताओं और संस्थाओं से 20,000 रुपये से अधिक का कोई दान नहीं मिला है.

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