रांचीः राजधानीवासी खुशहाल और सुरक्षित दीपावली मना सकें, इसके लिए पुलिस और अग्निशमन विभाग के जवान पूरी सजगता और तत्परता के साथ सुरक्षा के लिए तैनात हैं. ये लोग दीपावली अपने परिवार के साथ न मनाकर शहरवासियों के साथ मनाएंगे. रांची में पदस्थ वैसे जवान जिनके परिवार दूसरे शहरों में रहते हैं, आखिर वे किस तरह दीपावली मनाते हैं, इस दौरान उनके मन में किस तरह की भावनाएं हिलोर मारती हैं, यह जानने के दौरान कई जवानों का दर्द छलक आया लेकिन वे उस दर्द को छुपा गए.
पुलिस और अग्निशमन विभाग में तैनात जवान दीपावली मनाने के लिए अपने परिवार के पास नहीं जा पाते हैं क्योंकि उनके कंधों पर हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारियां हैं. वे अगर सतर्क और मुस्तैद हैं तभी हम सुरक्षित दीपावली अपने परिवार के साथ मना सकते है. कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी अपने परिवार के साथ इस पर्व की खुशियां साझा करने के बजाय पूरे जिले की सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगे.
ड्यूटी ही सबसे बड़ा त्योहार
रांची पुलिस लाइन में अपने दिनचर्या में व्यस्त वैसे जवान जो दीपावली की छुट्टी पर घर नहीं जा पाए उनसे हमने बात की. इस दौरान सबसे पहले हमारी मुलाकात ट्रैफिक में तैनात जवान प्रदीप साहू से हुई. प्रदीप साहू ने बताया कि इस बार दीपावली में घर नहीं जा पा रहे हैं. अपने परिवार की ख्वाहिशों की यातायात सुरक्षा के सामने बहुत बार आहुति देनी पड़ती है. कर्तव्य के आगे परिवार की ख्वाहिशें कुर्बान करना ही असल तौर पर ड्यूटी है. प्रदीप के अनुसार वे दीपावली के दिन वीडियो कॉल के जरिए अपने परिवार की खुशियों में शामिल होंगे.
ये भी पढ़ें-धनतेरस पर सुरक्षा के हैं पुख्ता इंतजाम, CCTV से हो रही निगरानी, चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात
लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी
झारखंड पुलिस में आरक्षी के पद पर तैनात अनिल और मनोज कहते हैं कि "दीपावली ही नहीं बल्कि लगभग सभी त्योहारों पर पुलिस के जवान ड्यूटी पर रहते हैं. इस वजह से उनको परिवार से दूर रहना पड़ता है. त्योहार पर बच्चे जरूर परेशान रहते हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि त्योहार की खुशी में पूरा परिवार साथ हो, लेकिन जिम्मेदारियों ने हम लोगों को बांध रखा है.” अनिल और मनोज कहते हैं कि इस बार उनके कई साथी दीपावली की छुट्टियों में अपने परिवार के पास गए हैं. अगले साल होली या फिर नए साल पर वे लोग अपने परिवार के साथ होंगे. इस बार उन लोगों ने परिवार वालों के लिए पटाखे और मिठाइयां भेज दी हैं ताकि वे दीपावली खुशी खुशी मना सकें.
घर की याद आती है
रांची पुलिस के अधिकारी और जवानों का मानना है कि शहर में कोई हादसा न हो इसलिए ड्यूटी पर मुस्तैद रहना जरूरी है. हां, ये जरूर है कि इस दौरान घर की याद बहुत आती है. "परिवारवालों की ख्वाहिशें जेहन के सामने रह-रह कर आती हैं लेकिन दिल को तसल्ली देनी पड़ती है, क्योंकि कर्तव्य को पारिवारिक खुशियों पर हावी नहीं होने देते. दर्द तो परिवार के साथ त्योहार न मनाने का रहता है लेकिन हम लोग कर्तव्य को अपना परिवार मानते हैं, इसलिए परिवार भी हमारे दर्द को समझता है."
महिला आरक्षी रुपिका कुमारी कहती है कि "इस बार पापा को गिफ्ट में स्मार्ट फोन देने का सोचा था लेकिन जा नही पाई. अब किसी तरह पापा के पास उनका गिफ्ट पहुचने की कोशिश करुंगी.”
ये भी पढ़ें-धनतेरस आज, जानें पूजा विधि और खरीदारी का शुभ मुहूर्त
साथियों के लिए खुशियां कुर्बान
झारखंड पुलिस लाइन में रसोईया के पद पर तैनात रितेश ग्रुप में अपनी छुट्टियां सिर्फ इसलिए कैंसिल कर दी कि अगर वे छुट्टी पर चले जाते हैं तो दीपावली के दिन जवानों को खाना कौन खिलाएगा. रितेश कहते हैं कि "वह अपनी खुशियों को अपने साथियों के लिए कुर्बान कर चुके हैं क्योंकि अगर वह घर चले जाएंगे तो इन्हें खाना कौन खिलाएगा.”
पूरा पुलिस महकमा एक परिवार
रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता के अनुसार वे जानते हैं कि कई जवान और अधिकारी के परिवार वाले उनके साथ नहीं रहते हैं और दीपावली की छुट्टियां भी उन्हें इसलिए नहीं मिल पाती है क्योंकि वह शहर की सुरक्षा की कमान संभाले रहते हैं. एसएसपी के अनुसार पूरा पुलिस विभाग ही उनका परिवार है. रांची पुलिस लाइन में दीपावली के दिन एक भव्य आयोजन किया जाएगा जिसमें पटाखों के साथ-साथ मिठाइयों का भी इंतजाम होगा ताकि पूरा पुलिस परिवार एक साथ दीपावली मना सके।
जब लोग रांची में दीपावली का जश्न मना रहे होंगे हैं तब रांची पुलिस के जवान हमारी सुरक्षा के लिए सड़कों पर तैनात रहेंगे, ताकि कोई हादसा न हो और खुशियों के साथ दीपावली मनाई जा सके. कर्तव्य और रिश्तों के बीच कश्मकश में ये नौजवान कर्तव्य को अहमियत देते हैं. आमतौर पर हर आम इंसान के मन में पुलिस को लेकर गलत धारणाएं ही बनी रहती है लेकिन एक सकारात्मक बात यह भी है कि पुलिस की वजह से ही हम सुरक्षित है. पुलिस वाले अपने परिवार की खुशियों में शामिल ना होकर हमारी सुरक्षा के लिए सदैव तैनात रहते हैं.