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जब हम परिवार के साथ मनाते हैं त्योहार, पुलिस के जवान रहते हैं सुरक्षा में तैनात

दीपावली के दौरान कोई अनहोनी न हो, इसके लिए पुलिस सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में लगी है. दूसरों की दीपावली को सुरक्षित बनाने वाले ये पुलिस के जवान आखिर खुद किस तरह दीपावली मनाते हैं, आइए जानते हैं.

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Published : Oct 25, 2019, 11:27 PM IST

Updated : Oct 26, 2019, 1:56 PM IST

तैनात जवान

रांचीः राजधानीवासी खुशहाल और सुरक्षित दीपावली मना सकें, इसके लिए पुलिस और अग्निशमन विभाग के जवान पूरी सजगता और तत्परता के साथ सुरक्षा के लिए तैनात हैं. ये लोग दीपावली अपने परिवार के साथ न मनाकर शहरवासियों के साथ मनाएंगे. रांची में पदस्थ वैसे जवान जिनके परिवार दूसरे शहरों में रहते हैं, आखिर वे किस तरह दीपावली मनाते हैं, इस दौरान उनके मन में किस तरह की भावनाएं हिलोर मारती हैं, यह जानने के दौरान कई जवानों का दर्द छलक आया लेकिन वे उस दर्द को छुपा गए.

देखें स्पेशल स्टोरी

पुलिस और अग्निशमन विभाग में तैनात जवान दीपावली मनाने के लिए अपने परिवार के पास नहीं जा पाते हैं क्योंकि उनके कंधों पर हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारियां हैं. वे अगर सतर्क और मुस्तैद हैं तभी हम सुरक्षित दीपावली अपने परिवार के साथ मना सकते है. कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी अपने परिवार के साथ इस पर्व की खुशियां साझा करने के बजाय पूरे जिले की सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगे.


ड्यूटी ही सबसे बड़ा त्योहार
रांची पुलिस लाइन में अपने दिनचर्या में व्यस्त वैसे जवान जो दीपावली की छुट्टी पर घर नहीं जा पाए उनसे हमने बात की. इस दौरान सबसे पहले हमारी मुलाकात ट्रैफिक में तैनात जवान प्रदीप साहू से हुई. प्रदीप साहू ने बताया कि इस बार दीपावली में घर नहीं जा पा रहे हैं. अपने परिवार की ख्वाहिशों की यातायात सुरक्षा के सामने बहुत बार आहुति देनी पड़ती है. कर्तव्य के आगे परिवार की ख्वाहिशें कुर्बान करना ही असल तौर पर ड्यूटी है. प्रदीप के अनुसार वे दीपावली के दिन वीडियो कॉल के जरिए अपने परिवार की खुशियों में शामिल होंगे.


ये भी पढ़ें-धनतेरस पर सुरक्षा के हैं पुख्ता इंतजाम, CCTV से हो रही निगरानी, चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात

लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी
झारखंड पुलिस में आरक्षी के पद पर तैनात अनिल और मनोज कहते हैं कि "दीपावली ही नहीं बल्कि लगभग सभी त्योहारों पर पुलिस के जवान ड्यूटी पर रहते हैं. इस वजह से उनको परिवार से दूर रहना पड़ता है. त्योहार पर बच्चे जरूर परेशान रहते हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि त्योहार की खुशी में पूरा परिवार साथ हो, लेकिन जिम्मेदारियों ने हम लोगों को बांध रखा है.” अनिल और मनोज कहते हैं कि इस बार उनके कई साथी दीपावली की छुट्टियों में अपने परिवार के पास गए हैं. अगले साल होली या फिर नए साल पर वे लोग अपने परिवार के साथ होंगे. इस बार उन लोगों ने परिवार वालों के लिए पटाखे और मिठाइयां भेज दी हैं ताकि वे दीपावली खुशी खुशी मना सकें.

घर की याद आती है
रांची पुलिस के अधिकारी और जवानों का मानना है कि शहर में कोई हादसा न हो इसलिए ड्यूटी पर मुस्तैद रहना जरूरी है. हां, ये जरूर है कि इस दौरान घर की याद बहुत आती है. "परिवारवालों की ख्वाहिशें जेहन के सामने रह-रह कर आती हैं लेकिन दिल को तसल्ली देनी पड़ती है, क्योंकि कर्तव्य को पारिवारिक खुशियों पर हावी नहीं होने देते. दर्द तो परिवार के साथ त्योहार न मनाने का रहता है लेकिन हम लोग कर्तव्य को अपना परिवार मानते हैं, इसलिए परिवार भी हमारे दर्द को समझता है."

महिला आरक्षी रुपिका कुमारी कहती है कि "इस बार पापा को गिफ्ट में स्मार्ट फोन देने का सोचा था लेकिन जा नही पाई. अब किसी तरह पापा के पास उनका गिफ्ट पहुचने की कोशिश करुंगी.”


ये भी पढ़ें-धनतेरस आज, जानें पूजा विधि और खरीदारी का शुभ मुहूर्त

साथियों के लिए खुशियां कुर्बान
झारखंड पुलिस लाइन में रसोईया के पद पर तैनात रितेश ग्रुप में अपनी छुट्टियां सिर्फ इसलिए कैंसिल कर दी कि अगर वे छुट्टी पर चले जाते हैं तो दीपावली के दिन जवानों को खाना कौन खिलाएगा. रितेश कहते हैं कि "वह अपनी खुशियों को अपने साथियों के लिए कुर्बान कर चुके हैं क्योंकि अगर वह घर चले जाएंगे तो इन्हें खाना कौन खिलाएगा.”

पूरा पुलिस महकमा एक परिवार
रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता के अनुसार वे जानते हैं कि कई जवान और अधिकारी के परिवार वाले उनके साथ नहीं रहते हैं और दीपावली की छुट्टियां भी उन्हें इसलिए नहीं मिल पाती है क्योंकि वह शहर की सुरक्षा की कमान संभाले रहते हैं. एसएसपी के अनुसार पूरा पुलिस विभाग ही उनका परिवार है. रांची पुलिस लाइन में दीपावली के दिन एक भव्य आयोजन किया जाएगा जिसमें पटाखों के साथ-साथ मिठाइयों का भी इंतजाम होगा ताकि पूरा पुलिस परिवार एक साथ दीपावली मना सके।

जब लोग रांची में दीपावली का जश्न मना रहे होंगे हैं तब रांची पुलिस के जवान हमारी सुरक्षा के लिए सड़कों पर तैनात रहेंगे, ताकि कोई हादसा न हो और खुशियों के साथ दीपावली मनाई जा सके. कर्तव्य और रिश्तों के बीच कश्मकश में ये नौजवान कर्तव्य को अहमियत देते हैं. आमतौर पर हर आम इंसान के मन में पुलिस को लेकर गलत धारणाएं ही बनी रहती है लेकिन एक सकारात्मक बात यह भी है कि पुलिस की वजह से ही हम सुरक्षित है. पुलिस वाले अपने परिवार की खुशियों में शामिल ना होकर हमारी सुरक्षा के लिए सदैव तैनात रहते हैं.

रांचीः राजधानीवासी खुशहाल और सुरक्षित दीपावली मना सकें, इसके लिए पुलिस और अग्निशमन विभाग के जवान पूरी सजगता और तत्परता के साथ सुरक्षा के लिए तैनात हैं. ये लोग दीपावली अपने परिवार के साथ न मनाकर शहरवासियों के साथ मनाएंगे. रांची में पदस्थ वैसे जवान जिनके परिवार दूसरे शहरों में रहते हैं, आखिर वे किस तरह दीपावली मनाते हैं, इस दौरान उनके मन में किस तरह की भावनाएं हिलोर मारती हैं, यह जानने के दौरान कई जवानों का दर्द छलक आया लेकिन वे उस दर्द को छुपा गए.

देखें स्पेशल स्टोरी

पुलिस और अग्निशमन विभाग में तैनात जवान दीपावली मनाने के लिए अपने परिवार के पास नहीं जा पाते हैं क्योंकि उनके कंधों पर हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारियां हैं. वे अगर सतर्क और मुस्तैद हैं तभी हम सुरक्षित दीपावली अपने परिवार के साथ मना सकते है. कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी अपने परिवार के साथ इस पर्व की खुशियां साझा करने के बजाय पूरे जिले की सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगे.


ड्यूटी ही सबसे बड़ा त्योहार
रांची पुलिस लाइन में अपने दिनचर्या में व्यस्त वैसे जवान जो दीपावली की छुट्टी पर घर नहीं जा पाए उनसे हमने बात की. इस दौरान सबसे पहले हमारी मुलाकात ट्रैफिक में तैनात जवान प्रदीप साहू से हुई. प्रदीप साहू ने बताया कि इस बार दीपावली में घर नहीं जा पा रहे हैं. अपने परिवार की ख्वाहिशों की यातायात सुरक्षा के सामने बहुत बार आहुति देनी पड़ती है. कर्तव्य के आगे परिवार की ख्वाहिशें कुर्बान करना ही असल तौर पर ड्यूटी है. प्रदीप के अनुसार वे दीपावली के दिन वीडियो कॉल के जरिए अपने परिवार की खुशियों में शामिल होंगे.


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लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी
झारखंड पुलिस में आरक्षी के पद पर तैनात अनिल और मनोज कहते हैं कि "दीपावली ही नहीं बल्कि लगभग सभी त्योहारों पर पुलिस के जवान ड्यूटी पर रहते हैं. इस वजह से उनको परिवार से दूर रहना पड़ता है. त्योहार पर बच्चे जरूर परेशान रहते हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि त्योहार की खुशी में पूरा परिवार साथ हो, लेकिन जिम्मेदारियों ने हम लोगों को बांध रखा है.” अनिल और मनोज कहते हैं कि इस बार उनके कई साथी दीपावली की छुट्टियों में अपने परिवार के पास गए हैं. अगले साल होली या फिर नए साल पर वे लोग अपने परिवार के साथ होंगे. इस बार उन लोगों ने परिवार वालों के लिए पटाखे और मिठाइयां भेज दी हैं ताकि वे दीपावली खुशी खुशी मना सकें.

घर की याद आती है
रांची पुलिस के अधिकारी और जवानों का मानना है कि शहर में कोई हादसा न हो इसलिए ड्यूटी पर मुस्तैद रहना जरूरी है. हां, ये जरूर है कि इस दौरान घर की याद बहुत आती है. "परिवारवालों की ख्वाहिशें जेहन के सामने रह-रह कर आती हैं लेकिन दिल को तसल्ली देनी पड़ती है, क्योंकि कर्तव्य को पारिवारिक खुशियों पर हावी नहीं होने देते. दर्द तो परिवार के साथ त्योहार न मनाने का रहता है लेकिन हम लोग कर्तव्य को अपना परिवार मानते हैं, इसलिए परिवार भी हमारे दर्द को समझता है."

महिला आरक्षी रुपिका कुमारी कहती है कि "इस बार पापा को गिफ्ट में स्मार्ट फोन देने का सोचा था लेकिन जा नही पाई. अब किसी तरह पापा के पास उनका गिफ्ट पहुचने की कोशिश करुंगी.”


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साथियों के लिए खुशियां कुर्बान
झारखंड पुलिस लाइन में रसोईया के पद पर तैनात रितेश ग्रुप में अपनी छुट्टियां सिर्फ इसलिए कैंसिल कर दी कि अगर वे छुट्टी पर चले जाते हैं तो दीपावली के दिन जवानों को खाना कौन खिलाएगा. रितेश कहते हैं कि "वह अपनी खुशियों को अपने साथियों के लिए कुर्बान कर चुके हैं क्योंकि अगर वह घर चले जाएंगे तो इन्हें खाना कौन खिलाएगा.”

पूरा पुलिस महकमा एक परिवार
रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता के अनुसार वे जानते हैं कि कई जवान और अधिकारी के परिवार वाले उनके साथ नहीं रहते हैं और दीपावली की छुट्टियां भी उन्हें इसलिए नहीं मिल पाती है क्योंकि वह शहर की सुरक्षा की कमान संभाले रहते हैं. एसएसपी के अनुसार पूरा पुलिस विभाग ही उनका परिवार है. रांची पुलिस लाइन में दीपावली के दिन एक भव्य आयोजन किया जाएगा जिसमें पटाखों के साथ-साथ मिठाइयों का भी इंतजाम होगा ताकि पूरा पुलिस परिवार एक साथ दीपावली मना सके।

जब लोग रांची में दीपावली का जश्न मना रहे होंगे हैं तब रांची पुलिस के जवान हमारी सुरक्षा के लिए सड़कों पर तैनात रहेंगे, ताकि कोई हादसा न हो और खुशियों के साथ दीपावली मनाई जा सके. कर्तव्य और रिश्तों के बीच कश्मकश में ये नौजवान कर्तव्य को अहमियत देते हैं. आमतौर पर हर आम इंसान के मन में पुलिस को लेकर गलत धारणाएं ही बनी रहती है लेकिन एक सकारात्मक बात यह भी है कि पुलिस की वजह से ही हम सुरक्षित है. पुलिस वाले अपने परिवार की खुशियों में शामिल ना होकर हमारी सुरक्षा के लिए सदैव तैनात रहते हैं.

Intro:राजधानीवासी  खुशहाल और सुरक्षित दीपावली मना सकें, इसके लिए  पुलिस और अग्निशमन विभाग में कार्यरत जवान पूरी सजगता और तत्परता के साथ शहर में सुरक्षा के लिए तैनात है । ये लोग अपने दीपावली परिवार के साथ न मनाकर शहरवासियों के साथ मनाएंगे। राजधानी रांची में कार्यरत वैसे पुलिस के जवान जिनके परिवार दूसरे शहरों में रहते हैं और वे दीपावली की छुट्टियों में उन तक नहीं पहुंच पाते है ।आखिर वह किस तरह दीपावली मनाते हैं और इस दौरान उनके मन किस तरह की भावनाएं हिलोर मारती है ।यह जानने के दौरान कई जवानों का दर्द छलक आया लेकिन वे उस दर्द को छुपा ले गए ।

ड्यूटी ही सबसे बड़ा त्योहार - रांची पुलिस

दीपों का त्योहार दीपावली ,दीपावली इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 14 वर्ष के वनवास के बाद श्री राम अयोध्या लौटे थे। श्री राम के आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दियों से पूरी अयोध्या नगरी को जगमग कर दिया था। लेकिन पुलिस और अग्निशमन विभाग में तैनात हमारे जवान दीपावली मनाने के लिए अपने परिवार के पास नहीं जा पाते हैं क्योंकि उनके कंधों पर हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारियां हैं। वे अगर सतर्क और मुस्तैद हैं तभी हम सुरक्षित दीपावली अपने परिवार के साथ मना सकते हैं।कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी अपने परिवार के साथ इस पर्व की खुशियां साझा करने के बजाय पूरे जिले की सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगे। रांची पुलिस लाइन में अपने दिनचर्या में व्यस्त वैसे जवान जो दीपावली की छुट्टी पर घर नहीं जा पाए उनसे जब हमने बात की , इस दौरान सबसे पहले हमारी मुलाकात ट्रैफिक में तैनात जवान प्रदीप साहू से हो गई प्रदीप साहू ने बताया कि इस बार दीपावली में घर नहीं जा पा रहे हैं ।अपने परिवार की ख्वाहिशों की यातायात सुरक्षा के सामने बहुत बार आहुति देनी पड़ती है।कर्तव्य के आगे परिवार की ख्वाहिशें कुर्बान करना ही असल तौर पर ड्यूटी है। प्रदीप के अनुसार वे दीपावली के दिन वीडियो कॉल के जरिए अपने परिवार की खुशियों में शामिल होंगे।

बाइट - प्रदीप साहू , ट्रैफिक जवान ,रांची

जब लोग रांची में दीपावली का जश्न मना रहे होंगे हैं तब रांची पुलिस के जवान हमारी सुरक्षा के लिए सड़कों पर तैनात रहेंगे ,ताकि कोई हादसा न हो और खुशियों के साथ दीपावली मनाई जा सके।लेकिन कर्तव्य और रिश्तों के बीच कश्मकश में ये नौजवान कर्तव्य को अहमियत देते हैं।झारखंड पुलिस में आरक्षी के पद पर तैनात अनिल और मनोज कहते हैं कि दीपावली ही क्या लगभग सभी त्योहारों पर पुलिस के जवान के ड्यूटी पर रहते हैं, जिसकी वजह से उनको परिवार से दूर रहना पड़ता है।त्योहारों पर बच्चे ज़रूर परेशान रहते हैं क्योंकि उनकी उमीदें रहती है कि परिवार का मुखिया उनके साथ खुशिओं में शरीक रहे। लेकिन ज़िम्मेदारियों ने हम लोगों को बांध रखा है। अनिल और मनोज कहते हैं कि इस बार उनके कई साथी दीपावली की छुट्टियों में अपने परिवार के पास गए हैं ।अगले साल होली या फिर नए साल पर वे लोग अपने परिवार के साथ दीवारों में शरीक होंगे इस बार उन लोगों ने परिवार वालों के लिए पटाखे और मिठाइयां भेज दी हैं ताकि वे दीपावली खुशी खुशी मना सकें।

बाइट - अनिल और मनोज ,आरक्षी ,झारखंड पुलिस

रांची पुलिस के वेस्ट तमाम अधिकारी और जवानों का मानना है कि रजधानी में कोई हादसा न हो इसलिए सुरक्षाकर्मी लोगों की सुरक्षा और उनकी ख़ुशी के लिए मुस्तैद रहते हैं।हां, ये ज़रूर है कि इस दौरान घर की याद बहुत आती है। परिवार वालों की ख्वाहिशें ज़हन के सामने रह-रह कर आती हैं लेकिन दिल को तसल्ली देनी पड़ती है। क्योंकि कर्तव्य को पारिवारिक खुशियों पर हावी नहीं होने देते। दर्द तो परिवार के साथ त्योहार न मनाने का रहता है लेकिन हम लोग कर्तव्य को अपना परिवार मानते हैं। इसलिए परिवार भी हमारे दर्द को समझता है।महिला आरक्षी रुपिका कुमारी कहती है कि इस बार पापा को गिफ्ट में स्मार्ट फोन देने का सोचा था ,पर जा नही पाई।किसी तरह पापा के पास उनका गिफ्ट पहुचने की कोशिश करूंगी।
बाइट - धर्मनाथ महतो ,जवान ,झारखंड पुलिस
बाइट- रुपिका कुमारी , महिला आरक्षी

झारखंड पुलिस लाइन में रसोईया के पद पर तैनात रितेश ग्रुप में अपनी छुट्टियां सिर्फ इसलिए कैंसिल कर दी कि अगर वे छुट्टी पर चले जाते हैं तो दीपावली के दिन उनके जवानों को खाना कौन खिलाएगा। रितेश कहते हैं कि वह अपनी खुशियों को अपने साथियों के लिए कुर्बान कर चुके हैं क्योंकि अगर वह घर चले जाएंगे तो इन्हें खाना कौन खिलाएगा।

बाइट- रितेश गोप ,रसोइया ,पुलिस लाइन रांची।

रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता के अनुसार वे जानते हैं कि कई जवान और अधिकारी के परिवार वाले उनके साथ नहीं रहते हैं और दीपावली की छुट्टियां भी उन्हें इसलिए नहीं मिल पाती है क्योंकि वह शहर की सुरक्षा की कमान संभाले रहते हैं।एसएसपी के अनुसार पूरा पुलिस हीी उनका परिवार है। रांची पुलिस लाइन में दीपावली के दिन एक भव्य आयोजन किया जाएगा जिसमें पटाखों के साथ-साथ मिठाइयों का भी इंतजाम होगा ताकि पूरा पुलिस परिवार एक साथ दीपावली बना सके।

बाइट- अनीश गुप्ता ,एसएसपी रांची

आमतौर पर हर आम इंसान के मन में पुलिस को लेकर गलत धारणाएं ही बनी रहती है ।लेकिन एक पॉजिटिव बात यह भी है कि पुलिस की वजह से ही वह सुरक्षित है ।पुलिस वाले अपने परिवार की खुशियों में शामिल ना होकर हमारी सुरक्षा के लिए सदैव तैनात रहते हैं।

( स्पेशल रिपोर्ट है कृपया डेस्क से ही पैकेज बनवा दिया जाए)Body:1Conclusion:2
Last Updated : Oct 26, 2019, 1:56 PM IST
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