रांची: झारखंड के 18 हजार गृह रक्षकों का आंदोलन पिछले 18 दिनों से जारी है. झारखंड विधानसभा के सामने अपना-अपना हथियार जमा कर राज्य के सभी जिलों के गृह रक्षक अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. 18 हजार होमगार्ड्स के एक साथ जमा होकर आंदोलन करने की वजह से एक तो करोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. वहीं हर दिन लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति भी गड़बड़ा रही है. पिछले 18 दिनों से आंदोलन कर रहे होमगार्ड जवानों के हालात क्या हैं और मांगें नहीं माने जाने के हालात में आंदोलन की रूप रेखा आगे क्या होगी, इन सब पर ईटीवी भारत के टीम ने आंदोलन कर रहे गृह रक्षकों से जानने का प्रयास किया है.
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वादे से मुकरे मुख्यमंत्री
होमगार्ड जवानों का साफ कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तब तक वह आंदोलन करते रहेंगे, जवानों का आरोप है कि जब झारखंड में रघुवर सरकार थी, उस दौरान भी उन्होंने आंदोलन किया था, उस समय झारखंड के वर्तमान सीएम हेमंत सोरेन उनके आंदोलन को सपोर्ट करने के लिए पहुंचे थे और यह भरोसा दिलाया था कि जैसे ही उनकी सरकार बनेगी होम गार्ड्स के सभी मांगों को पूरा किया जाएगा, वर्तमान में हेमंत सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन उन्होंने जो होमगार्ड से वादा किया था अब वे उस वादे से मुकर गए हैं. आंदोलन में बड़ी संख्या में महिला होमगार्ड जवान भी पहुंची हैं. अपने बच्चों को घर में छोड़कर वो आंदोलन कर रही हैं. उनका कहना है कि आंदोलन स्थल पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, न पानी है और ना ही खाने का बंदोबस्त , लेकिन वह सिर्फ इस भरोसे में आंदोलन कर रही है कि सरकार के कानों तक उनकी आवाज जरूर पहुंचेगी.
बिहार की तर्ज पर सुविधा देने की मांग
होमगार्ड्स की तरफ से यह मांग की गई थी कि उन्हें भी बिहार सरकार में होमगार्ड्स को मिलने वाले सभी सुविधाएं दी जाएं. विधानसभा सत्र में यह मांग भी उठा था, लेकिन इस सवाल के जवाब में राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि बिहार सरकार की तर्ज पर होमगार्ड जवानों को भविष्य निधि योजना, कर्मचारी पेंशन योजना, कर्मचारी निक्षेप सहबद्ध बीमा योजना का लाभ देने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है. वहीं, विधानसभा को भेजे गए जवाब में बताया गया है कि होमगार्ड जवानों को पुलिसकर्मियों के समान वेतन देने का आदेश हाई कोर्ट ने दिया था, लेकिन सरकार इस आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय गई थी, जहां मामला विचाराधीन है. बिहार में होमगार्ड जवानों को कर्तव्य भत्ता के रूप में रोजना 774 रुपये का भुगतान होता है. वहीं, झारखंड में होमगार्ड जवानों को 1 अप्रैल 2019 से महज 500 रुपये कर्तव्य भत्ता का भुगतान प्रतिदिन होता है.
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मांगें नहीं मानी गई तो करेंगे आत्मदाह
झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव राजीव तिवारी ने बताया कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वह जेल भरो आंदोलन चलाएंगे उसके बाद भी अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तो होमगार्ड सामूहिक रूप से आत्मदाह करेंगे।
हथियार जमा कर आंदोलन कर रहे जवान
राज्यभर के होमगार्ड जवानों ने गुरुवार से ही ड्यूटी का बहिष्कार कर दिया था. बिहार के तर्ज पर भत्ते और समान काम के लिए आरक्षियों के समान वेतन की मांग को लेकर होमगार्ड के जवान मार्च के पहले हफ्ते से आंदोलनरत हैं. होमगार्ड जवानों ने अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया है. इसी के तहत गुरुवार को जहां राज्यभर के होमगार्ड जवानों ने काम का बहिष्कार कर दिया है. वहीं शुक्रवार को उन्होंने सड़क पर उतर कर सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश की. झारखंड के कई जिलों में आंदोलनरत होमगार्ड जवानों ने राइफल और गोलियां भी जमा करा दी है. कुछ जिलों में होमगार्ड जवानों से राइफल और गोलियां जमा नहीं ली जा रही है. ऐसे में होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन ने यह बयान भी जारी कर दिया है कि अगर पुलिस अधिकारी राइफल और गोलियां जमा नहीं ले रहे हैं, तो अब होमगार्ड के जवान राइफल और गोली साथ लेकर ही प्रदर्शन करेंगे, इसके बाद पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.
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होली की ड्यूटी समेत कई संवेदनशील जगहों पर है तैनाती
होली के दौरान राज्यभर में बड़े पैमानें पर होमगार्ड जवानों की तैनाती होती है, लेकिन आंदोलन के कारण होमगार्ड जवानों से ड्यूटी लेना मुमकिन नहीं हो पाएगा. ऐसे में जिलों के एसपी को विशेष रूप से तैयारी करने का निर्देश दिया गया है. कई जिलों में जेल, बैंक, कोर्ट समेत अन्य प्रमुख जगहों की सुरक्षा में भी होमगार्ड जवानों को लगाया गया है. अब जिलों के एसपी को निर्देशित किया गया है, कि वह होमगार्ड जवानों के नहीं रहने पर विशेष परिस्थिति में सुरक्षा संबंधी इंतजाम करें.
हाई कोर्ट ने दिया था आदेश, लेकिन सुप्रीम कोर्ट गई सरकार
झारखंड हाई कोर्ट ने एक याचिका के सुनवाई के दौरान होमगार्ड जवानों को आरक्षियों के समान कार्य के लिए समान वेतन देने का आदेश साल 2018 में दिया था, लेकिन राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी और हुए सुप्रीम कोर्ट चली गई. ऐसे में होमगार्ड जवानों को यह लाभ नहीं मिल पाया. विधानसभा में हाल ही में सरकार ने यह जवाब भी दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा, बिहार के तर्ज पर भुगतान देने के मामले में भी सरकार फैसला नहीं ले पाई है, बिहार में होमगार्ड जवानों को काफी सुविधाएं मिलती हैं.