रांची: राज्य के शहरी नगर निकाय क्षेत्रों में होल्डिंग टैक्स की दरों में बदलाव किए गए हैं. राज्य सरकार के फैसले के बाद नगर विकास विभाग ने इस संबंध में सभी नगर निकाय क्षेत्रों को इस पर अमल करने को कहा है. जारी दिशा निर्देश के तहत रांची, कोडरमा सहित कुछ जिलों के नगर निकायों ने होल्डिंग टैक्स में बदलाव करते हुए इसे लागू भी कर दिया है. नगर विकास विभाग ने कैबिनेट की बैठक का हवाला देते हुए होल्डिंग टैक्स के नए फार्मूले की जानकारी नगर निगम और नगर परिषदों को दी है.
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कैसे होगा अब होल्डिंग टैक्स का निर्धारणः अभी तक जो होल्डिंग टैक्स का निर्धारण सर्किल रेट पर होता था, लेकिन नए फैसले के अनुसार प्रमंडल स्तर पर टैक्स का निर्धारण होगा. प्रमंडल के अंतर्गत पड़ने वाले सभी जिलों की जमीन की दर के आधार पर सबसे पहले औसत निकाला जाएगा. औसत निकालने के बाद उस पर टैक्स की गणना की जाएगी. ऐसे में विभिन्न जिलों की जमीन की दरों में भिन्नता होने की वजह से होल्डिंग टैक्स में कमी आएगी.
2022 में सर्किल रेट पर होल्डिंग टैक्स का हुआ था निर्धारणः 2022 में राज्य में सर्किल रेट पर होल्डिंग टैक्स का निर्धारण हुआ था. इससे आवासीय भवनों का टैक्स करीब 30% बढ़ गया था. वहीं व्यवसायिक भवनों का टैक्स 10 गुणा के करीब बढ़ गया था. इससे कहीं न कहीं आम लोगों के साथ-साथ व्यवसायी वर्ग में नाराजगी थी. सरकार के इस फैसले के बाद होल्डिंग टैक्स में करीब 15% की कमी आएगी और लोगों को टैक्स कम भरना होगा.
रांची में 30 प्रतिशत तक होल्डिंग टैक्स में हुई थी बढ़ोतरीः बात यदि रांची की करें तो रांची नगर निगम क्षेत्र में पिछले वर्ष 2022 में होल्डिंग टैक्स में करीब 20 से 30 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई थी.
अब नए सिरे से होल्डिंग टैक्स का होगा निर्धारणः सरकार के इस फैसले के बाद रांची नगर निगम में नए सिरे से होल्डिंग टैक्स का निर्धारण कर लिया है. निर्णय के अनुसार यह निर्णय 2022 से ही प्रभावी होगा, इसलिए प्राप्त होल्डिंग टैक्स की बढ़ी राशि का समायोजन वित्तीय वर्ष 2023-24 में कर दिया जाएगा.
लोगों को नई कर प्रणाली से मिलेगा लाभः वहीं नई टैक्सेशन प्रणाली का लाभ राजधानीवासियों को जल्द मिलना शुरू हो जाएगा. वहीं राज्य सरकार को भारी राजस्व की हानि भी उठानी पड़ेगी. हर साल राज्य सरकार को इस मद में करीब 1200 करोड़ आय होती है. एक अनुमान के तहत इस फैसले के बाद सरकार को करीब 200 करोड़ राजस्व की क्षति होगी.