रांची: झारखंड विधानसभा में बीजेपी विधायकों के हंगामा और समानांतर बजट पढ़ने के बीच वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने राज्य का ₹ 91,277 करोड़ का बजट पेश किया. रामेश्वर उरांव ने अपने बजट में सभी क्षेत्रों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है. स्वरोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि पर अधिक फोकस किया गया है.
पहली बार आउटकम बजट
वित्तीय वर्ष 2021-22 में पहली बार आउटकम बजट पेश किया गया है. 11 विभागों के 21 मांगों के लिए आउटकम बजट पेश किया है. राज्य का सकल बजट 91,277 करोड़ रुपए का है, जिसमें 75,755.01 करोड़ राजस्व व्यय के लिए और 15,521.99 करोड़ पूंजीगत व्यय के लिए प्रस्तावित है. बजट में सामान्य क्षेत्र के लिए 26,734.05 करोड़, सामाजिक क्षेत्र के लिए 33,625 करोड़ रुपए और आर्थिक क्षेत्र के लिए 30,917.23 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान है.
आय के स्रोत
बजट में कर राजस्व से 23,265.42 करोड़, गैर कर राजस्व से 13,500 करोड़, केंद्रीय सहायता से 17,891.48 करोड़, केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 22,050.10 करोड़ रुपए, लोक ऋण से 14,500 करोड़ रुपए, उधार और अग्रिम वसूली से करीब 70 करोड़ रुपए आय होने का अनुमान लगाया गया है. वित्त वर्ष 2021-22 में 10,210.87 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटा का अनुमान लगाया गया है.
कहां कितना खर्च करेगी सरकार
झारखंड सरकार शिक्षा के क्षेत्र में 14.52 प्रतिशत खर्च करेगी. ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सरकार 14.26 प्रतिशत खर्च करेगी, इसके साथ ही स्वास्थ्य एवं पेयजल के लिए 8.55 फीसदी समाज कल्याण सुरक्षा में 8.5 प्रतिशत, पुलिस आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में 8.33 फीसदी, पेंशन में 7.45 प्रतिशत, कृषि, जल संसाधन में 6.28 प्रतिशत, शहरी विकास के लिए 3.10 प्रतिशत, ऊर्जा के लिए 4.78 प्रतिशत खर्च करेगी.
विकास दर 9.5 प्रतिशत की उम्मीद
बजट में सरकार ने साल 2021-22 के लिए 9.5 प्रतिशत विकास दर का अनुमान किया है. 2019-20 में झारखंड का विकास दर 6.7 प्रतिशत रहा था. कोरोना काल में देश के जीडीपी में 7.5 प्रतिशत की गिरावट की तुलना में झारखंड में 6.9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है.
मनरेगा मजदूरी में बढ़ोतरी
झारखंड सरकार ने मनरेगा मजदूरी 31 रुपए बढ़ाई है. अब मनरेगा मजदूरों को 194 रुपए के बदले 225 रुपए मजदूरी मिलेंगे. बजट में ग्रामीण विकास विभाग, जल संसाधन विभाग, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के लिए लगभग 18,653 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो पिछले बजट से 11 प्रतिशत अधिक है. स्वयं सहायता समूहों को राशि उपलब्ध कराने के लिए बजट में कदम उठाए गए है. अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए योजनाएं चलाई जा रही है.
गुरुजी किचन योजना
अर्जुन मुंडा की सरकार में मुख्यमंत्री दाल भात योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत 5 रुपए में खाना मिलता था. इसी योजना की तर्ज पर गुरुजी किचन योजना की शुरूआत की जाएगी. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने अपने बजट भाषण में इसकी जानकारी दी.
ग्रामीण क्षेत्र में फोकस
ग्रामीण विकास के तहत 50 हजार सखी मंडलों को चक्रीय निधि के तहत 449 करोड़ रुपए और 20 हजार सखी मंडल को सामुदायिक निधि के तहत 546 करोड़ रुपए उपलब्ध कराने की योजना है. आजीविका संवर्धन हुनर आभियान के तहत राज्य के 20.08 लाख परिवारों को जोड़ा जाएगा, जिसे अगले साल बढ़ाकर 26 लाख परिवार करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ाने के लिए पलाश ब्रांड, जोहार परियोजना, फुला झानो आशीर्वाद अभियान, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना पर जोर दिया गया है.
कृषि पर जोर
झारखंड कृषि ऋण माफी योजना के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में 1200 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. समेकित बिरसा ग्राम विकास योजना के लिए 31 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. किसान समृद्धि योजना के लिए 45.83 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. झारखंड राज्य उद्यान प्रोत्साहन सोसाइटी के लिए 10 करोड़, शहरी क्षेत्रों में उद्यानिकी फसलों की खेती के लिए 2 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत 50 करोड़ रुपए खर्च करना प्रस्तावित है. बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना के लिए भी विशेष प्रावधान किया गया है.
पशुपालन क्षेत्र को बढ़ावा
मछली पालन और पशुपालन के क्षेत्र में भी विकास के लिए कई योजनाएं चलाने की बात बजट में कही गई है. इसके तहत 2,65,00 मेट्रिक टन मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. मुर्गी और गौ पालन के क्षेत्र को बढ़ा देने के लिए भी विशेष प्रावधान किया गया है.
स्वास्थ्य सुधारने पर जोर
राज्य में कोरोना टीकाकरण के लिए 129 केंद्र बनाए गए हैं. कोविड से निपटने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं किए गए हैं. आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 489 प्राइवेट और 220 सरकारी अस्पतालों को जोड़ा गया है. इस योजना के तहत 88,76,567 गोल्डन कार्ड बनाया गया है. राज्य में 250 नए जन औषधि केंद्र खोलने के लिए एमओयू किए गए हैं. शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल और एमजीएम समेत राज्य के प्रमंडलस्तरीय अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टर और जरूरी मशीन-उपकरण मुहैया कराए जाएंगे.
स्कूलों को बनाया जाएगा आदर्श
सरकार शिक्षा पर कुल बजट का 14.52 प्रतिशत खर्च करेगी. उच्च शिक्षा से ड्रॉपआउट कम करने के उद्देश्य से भारत सरकार को कौशल विद्या अकादमी की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं के लिए कोचिंग एंड एलायड योजना चलाई जाएगी. राज्य में 4,496 स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने की योजना है. 500 प्राथमिक स्कूलों को प्रेरक गुणवत्ता शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना है. बजट में सरकार की ओर से कहा गया है पारा शिक्षकों की समस्या का समाधान एवं नियमित सुनिश्चित करने के लिए सरकार कृत संकल्पित है.