रांची: झारखंड में संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ कई जिलों की पुलिस फेल साबित हो रही है. संगठित आपराधिक गिरोह लगातार झारखंड में सिर उठा रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने 19 जुलाई को झारखंड के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. पुलिस मुख्यालय में होने वाली इस बैठक में राज्य के सभी पुलिस विंग के प्रमुख, सभी एडीजी, सभी जिलों के एसपी, सभी रेंज आईजी, डीआईजी शामिल होंगे. डीजीपी पुलिस मुख्यालय में सभी से आमने-सामने बैठकर बातें करेंगे.
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गैंग्स बन गए है बड़ी चुनौती: झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने बुधवार यानी 19 जुलाई को सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है, पुलिस मुख्यालय में होने वाली इस बैठक का मुख्य एजेंडा संगठित आपराधिक गिरोह है. झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने अपनी दो पूर्व बैठकों में सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक को स्पष्ट निर्देश दिया था कि वह हर हाल में संगठित आपराधिक गिरोह पर नकेल कसें. नकेल कसने के लिए एटीएस और सीआईडी को भी खुला छोड़ दिया गया था. लेकिन हुआ ठीक इसका उल्टा. झारखंड के आपराधिक गिरोह लगातार अलग-अलग शहरों में आतंक मचा रहे हैं. सोमवार को तो जेल में बंद गैंगस्टर अमन साव एटीएस डीएसपी नीरज कुमार और एक सब इंस्पेक्टर को ही अपना निशाना बना दिया. अमन के गुर्गों के द्वारा की गई फायरिंग में डीएसपी और सब इंस्पेक्टर दोनों ही घायल हुए हैं, जबकि एटीएस की तरफ से स्थिति यह रही कि कोई भी पुलिसवाला एक गोली तक नहीं चला पाया.
बैठक पूर्व निर्धारित: हालांकि डीजीपी की बैठक 19 जुलाई को पूर्व से निर्धारित है. एक सप्ताह पूर्व राजधानी रांची सहित दूसरे शहरों में हुई फायरिंग की वारदातों की समीक्षा के दौरान ही डीजीपी ने 19 जुलाई को सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को बैठक के लिए मुख्यालय बुलाने का निर्णय लिया था. इसी बीच डीएसपी और सब इंस्पेक्टर पर गोलीबारी की घटना बिगड़ गई ऐसे में 19 जुलाई को होने वाली बैठक बेहद महत्वपूर्ण है. जिन जिलों में संगठित आपराधिक गिरोहों ने आतंक मचा रखा है उन जिलों के पुलिस कप्तानों की क्लास भी लगनी तय है.