रांची: कैशकांड में फंसे कांग्रेस के तीनों विधायकों के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाना में दर्ज जीरो एफआईआर को कोलकाता ट्रांसफर किया गया था. जिसके खिलाफ दाखिल याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट का बड़ा आदेश आया है. इस आदेश के तहत 2022 में दर्ज इस एफआईआर को सेकंड एफआईआर मानते हुए कोर्ट ने इसे निरस्त कर दिया है.
ये भी पढ़ें: Cash scam in Jharkhand: झारखंड हाई कोर्ट ने स्वीकार की निलंबित कांग्रेस विधायक की अर्जी
कोर्ट ने कहा कि कुमार जयमंगल सिंह ने झारखंड सरकार गिराने की साजिश को लेकर 2021 में भी कोतवाली थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. कोतवाली थाना में दर्ज एफआईआर को न्यायालय ने पहला प्राथमिकी बताया है और अरगोड़ा थाने में दर्ज प्राथमिकी को दूसरा एफआईआर मानते हुए इसे निरस्त कर दिया है. गौरतलब है कि 46 लाख कैश के साथ कोलकाता में पकड़े गए कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगाड़ी के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाना में कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप के द्वारा एफआईआर दर्ज किया गया था.
हाईकोर्ट के फैसले पर इरफान का बयान: इधर झारखंड हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए विधायक इरफान अंसारी ने कहा है कि हम तीनों विधायक के लिए यह नए जीवन की शुरुआत है. जिस तरह से हम तीनों विधायकों पर फर्जी केस किया गया था. कोर्ट ने हमें बाइज्जत बरी कर दिया है. अब मैं पूछना चाहता हूं, उन लोगों से जिन्होंने हम तीनों पर आरोप लगाए थे, कहां चला गया वह आरोप? हम लोग बेकसूर थे, निराधार आरोप था और कोर्ट ने हमें बाइज्जत बेदाग निकालने का काम किया है. मैं कोर्ट का आभार व्यक्त करता हूं. इस तरह की प्रवृत्ति जो विधायक रखते हैं, उनको कम से कम विधायकों पर इस तरह का आरोप नहीं लगाना चाहिए. झूठे आरोप के कारण लगभग 3 महीने हमें मेंटल टॉर्चर किया गया, उसका क्या होगा.
बिना नाम लिए साधा निशाना: इरफान अंसारी ने नाम लिए बगैर विधायक जयमंगल सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता के बीच जो छवि खराब करने का जो प्रयास किया गया, उसका क्या होगा. निश्चित तौर पर मैं कहुंगा कि कोर्ट का जो जजमेंट आया है, उससे हमारा हौसला और मजबूत हुआ है. जनता यह जानती है कि इरफान अंसारी कभी गलत नहीं कर सकता, उसी का परिणाम है कि मैं निर्दोष साबित हुआ हूं.