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रिम्स की बदहाली मामले पर चीफ जस्टिस ने क्या की मौखिक टिप्पणी? पढ़ें पूरी रिपोर्ट

रिम्स की बदहाली पर हाई कोर्ट ने शुक्रवार को नाराजगी जाहिर की और कहा कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल की ऐसी हालत दुर्भाग्यपूर्ण है. रिम्स और सरकार को यहां की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए गंभीरता से सोचना होगा. स्वत: संज्ञान लिए मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने यह टिप्पणी की.

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रिम्स-हाई कोर्ट
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Published : Jan 29, 2021, 9:47 PM IST

रांचीः रिम्स की बदहाली पर हाई कोर्ट ने शुक्रवार को नाराजगी जाहिर की और कहा कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल की ऐसी हालत दुर्भाग्यपूर्ण है. रिम्स प्रबंधन और सरकार 9 माह से उपकरणों की खरीद की बात कर रही है, लेकिन स्थिति आज भी वैसे ही है. योग्य चिकित्सक नहीं मिलने की बात कह डॉक्टरों के पद को रिक्त रखा जा रहा है. इतने बड़े अस्पताल में सिर्फ 1 सीटी स्कैन मशीन होना रिम्स प्रबंधन की व्यवस्था को बताने के लिए काफी है. रिम्स और सरकार को यहां की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए गंभीरता से सोचना होगा. स्वत: संज्ञान लिए मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने यह टिप्पणी की. अदालत ने रिम्स और सरकार को अगली तिथि पर नियुक्ति, संसाधनों, रिक्त पदों और रिम्स की वित्त नीति पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

जानकारी देते अपर महाधिवक्ता
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि रिम्स में कुछ उपकरणों की खरीद के लिए टेंडर निकाला गया था. लेकिन किसी में सिंगल टेंडर होने और एक भी टेंडर नहीं होने के कारण खरीदारी नहीं हो सकी और दोबारा टेंडर निकाला जा रहा है. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि यह अधिकारियों की लापरवाही है, आखिर रिम्स सरकार पोर्टल जेम से खरीदारी क्यों नहीं करता? जेम से खरीदारी करने पर इस प्रकार की दिक्कत नहीं आती, इससे लगता है कि रिम्स की कोई वित्तीय नीति ही नहीं है.

इसे भी पढ़ें- हाई कोर्ट के नए भवन निर्माण में देरी पर जज ने जताई नाराजगी, 26 फरवरी तक टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश

दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने के निर्देश

रिक्त पदों के मामले में रिम्स की ओर से बताया गया कि जितने भी रिक्त पद हैं उसे भरने की प्रक्रिया जारी है. ट्यूटर के रिक्त पदों पर नियुक्ति का मामला हाई कोर्ट में लंबित है. इस पर अदालत ने कहा कि इस तरह की स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है. संसाधनों की खरीदारी नहीं हो रही है. इस कारण जांच बंद है. अदालत ने रिम्स को यह बताने को कहा है कि कोरोना काल में रिम्स में कौन-कौन से उपकरण खरीदे गए? अब तक सीटी स्कैन एवं पैथोलॉजी की मशीन क्यों नहीं खरीदी गई? इन सभी बिंदुओं पर रिम्स प्रबंधन को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश कोर्ट ने दिया.

रांचीः रिम्स की बदहाली पर हाई कोर्ट ने शुक्रवार को नाराजगी जाहिर की और कहा कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल की ऐसी हालत दुर्भाग्यपूर्ण है. रिम्स प्रबंधन और सरकार 9 माह से उपकरणों की खरीद की बात कर रही है, लेकिन स्थिति आज भी वैसे ही है. योग्य चिकित्सक नहीं मिलने की बात कह डॉक्टरों के पद को रिक्त रखा जा रहा है. इतने बड़े अस्पताल में सिर्फ 1 सीटी स्कैन मशीन होना रिम्स प्रबंधन की व्यवस्था को बताने के लिए काफी है. रिम्स और सरकार को यहां की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए गंभीरता से सोचना होगा. स्वत: संज्ञान लिए मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने यह टिप्पणी की. अदालत ने रिम्स और सरकार को अगली तिथि पर नियुक्ति, संसाधनों, रिक्त पदों और रिम्स की वित्त नीति पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया.

जानकारी देते अपर महाधिवक्ता
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि रिम्स में कुछ उपकरणों की खरीद के लिए टेंडर निकाला गया था. लेकिन किसी में सिंगल टेंडर होने और एक भी टेंडर नहीं होने के कारण खरीदारी नहीं हो सकी और दोबारा टेंडर निकाला जा रहा है. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि यह अधिकारियों की लापरवाही है, आखिर रिम्स सरकार पोर्टल जेम से खरीदारी क्यों नहीं करता? जेम से खरीदारी करने पर इस प्रकार की दिक्कत नहीं आती, इससे लगता है कि रिम्स की कोई वित्तीय नीति ही नहीं है.

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दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने के निर्देश

रिक्त पदों के मामले में रिम्स की ओर से बताया गया कि जितने भी रिक्त पद हैं उसे भरने की प्रक्रिया जारी है. ट्यूटर के रिक्त पदों पर नियुक्ति का मामला हाई कोर्ट में लंबित है. इस पर अदालत ने कहा कि इस तरह की स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है. संसाधनों की खरीदारी नहीं हो रही है. इस कारण जांच बंद है. अदालत ने रिम्स को यह बताने को कहा है कि कोरोना काल में रिम्स में कौन-कौन से उपकरण खरीदे गए? अब तक सीटी स्कैन एवं पैथोलॉजी की मशीन क्यों नहीं खरीदी गई? इन सभी बिंदुओं पर रिम्स प्रबंधन को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश कोर्ट ने दिया.

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