रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की 7 अलग-अलग जेलों में बंद 139 कैदियों को मुक्त करने पर अपनी स्वीकृति दी है. उनमें 5 केंद्रीय कारागार, 1 मंडल कारा और 1 खुला जेल सह पुनर्वास कैंप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 139 बंदी शामिल हैं.
आजीवन कारावास की सजा पाए उन बंदियों को जिनकी लंबी सजा अवधि बीत जाने और कारागार में उनके बेहतर आचरण, उनके उम्र और उनके किये गए अपराध की प्रकृति आदि पर राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद ने विचार कर अपनी अनुशंसा सीएम के पास भेजी थी. मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलते ही अब ये सभी बंदी अपने परिवार वालों के साथ रह सकेंगे. इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि यह दर्शाता है कि अपराधी के जीवन में समाज हित में बदलाव लाना ही सजा का ध्येय होता है.
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समाज के लिए सकारात्मक कार्य करें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि रिहा हो रहे बंदी नए सिरे से अपनी जिंदगी को शुरू करते हुए देश, राज्य, समाज और अपने परिवार के प्रति अपनी महती जिम्मेदारी का निर्वहन करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिये शासन एक जिम्मेदारी का अहसास है. रिहा हो रहे बंदी भी अपने जिम्मेदारी बोध के साथ समाज के लिए सकारात्मक कार्य करें.
किस जेल में हैं कितने बंदी
झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की ओर से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार के 62, लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा, हजारीबाग के 26, केंद्रीय कारा, दुमका के 29, केंद्रीय कारा, घाघीडीह, जमशेदपुर के 14, केंद्रीय कारा, मेदिनीनगर, पलामू के 4, मंडल कारा, चाईबासा के 3 और खुला जेल-सह-पुनर्वास कैंप हजारीबाग में 1 आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदी को रिहा करने की स्वीकृति मुख्यमंत्री ने दी है.