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स्वतंत्रता दिवस पर सीएम हेमंत सोरेन देंगे सौगात, रोजगार और विदेश में पढ़ाई को लेकर शुरू होंगी नई योजनाएं - झारखंड में मजदूरों को रोजगार मिलेगा

झारखंड में महागठबंधन की सरकार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लोगों को नई योजनाओं की सौगात देगी. एक तरफ सरकार राज्य के प्रतिभाशाली युवकों को विदेशों में पढ़ाई का अवसर देने जा रही है तो दूसरी तरफ श्रमिकों को रोजगार भी मिलेगा.

cm hemant soren
सीएम हेमंत सोरेन
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Published : Aug 14, 2020, 12:32 PM IST

Updated : Aug 14, 2020, 8:36 PM IST

रांची: प्रदेश में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार स्वतंत्रता दिवस के पहले राज्य के लोगों को नई योजनाओं की सौगात देने जा रही है. आधिकारिक सूत्रों की माने तो सरकार मुख्य रूप से शहरी इलाकों में श्रमिकों को रोजगार और राज्य के प्रतिभाशाली युवकों को विदेशों में पढ़ाई का अवसर देने जा रही है. मुख्यमंत्री सचिवालय के सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को मुख्यमंत्री श्रमिक योजना की शुरुआत होगी. जिसके तहत शहरी इलाकों में प्रवासी मजदूरों को मनरेगा की तर्ज पर रोजगार देने की कवायद शुरू की जाएगी. हालांकि काम किस प्रकृति का होगा यह अभी तय नहीं है. इसकी आधिकारिक लॉन्चिंग आज शाम मुख्यमंत्री खुद करेंगे.


विदेश में पढ़ने का सपना होगा पूरा
दूसरी योजना संथाली भाषा के ओलचिकी लिपि के प्रणेता रघुनाथ मुर्मू के नाम से शुरू की जा रही है. यह एक स्कॉलरशिप स्कीम होगी. जिसका लाभ राज्य के प्रतिभाशाली छात्र छात्राओं को मिलेगा. इस स्कीम के तहत टैलेंटेड युवा भारत के बाहर की लगभग ढाई दर्जन यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे. आधिकारिक सूत्रों की माने तो इस मद में राज्य सरकार हर साल लगभग 5 करोड़ रुपए खर्च करने का मन बना रही है. इस बाबत एक ड्राफ्ट राज्य सरकार के पास तैयार करके भेजा गया है.

25-35 साल के युवाओं को मिलेगा लाभ, 25 युवाओं का होगा चयन
स्कॉलरशिप का फायदा वैसे युवाओं को मिलेगा जो झारखंड के स्थानीय होंगे. साथ ही उनकी उम्र 25 से 35 वर्ष के बीच होगी. इतना ही नहीं यह स्कॉलरशिप उच्च स्तरीय शिक्षा यानी कि मास्टर या फिर पीएचडी की डिग्री हासिल करने के लिए दी जाएगी. सरकार के बजट के अनुसार हर साल 25 युवक-युवतियों का चयन किया जाएगा. उनका चयन बाकायदा अलग-अलग चरणों से गुजरने के बाद होगा.

ये भी पढ़ें: झारखंड में कोरोना का बढ़ता प्रकोप, अब तक 20,950 संक्रमित, 209 की मौत

न्यूनतम योग्यता के अलावा अनुभव भी होगा जरूरी
वैसे छात्र जिन्होंने मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक किया हो और कम से कम 55% अंक हासिल किए हो स्कॉलरशिप के लिए योग्य होंगे. साथ ही उन्हें स्नातक या उसके समकक्ष की डिग्री अर्जित करने के बाद संबंधित काम में 3 साल या उससे अधिक का अनुभव हो. इसके अलावा नेतृत्व और सामुदायिक सेवा का भी अनुभव होना चाहिए. सूत्रों की माने तो इसके लिए मार्च महीने में आवेदन लिए जाएंगे और 3 चरणों में सलेक्शन होगा. सबसे पहले तो आवेदक को प्रायरिटी प्रोग्राम का सिलेक्शन करना होगा, जिसके साथ कम से कम 2 रेफरल लेटर जोड़ना होगा. उसे डिग्री के प्रयोजन का डिटेल एप्लीकेशन के साथ जमा करना होगा. आवेदन के सेलेक्शन के बाद आवेदक का बाकायदा साक्षात्कार होगा और तीसरे चरण में एक उच्चस्तरीय पैनल से उनका बकायदा डिस्कशन होगा कि कोर्स पूरा करने के बाद झारखंड के समग्र विकास में वो किस तरह योगदान कर सकेंगे. इतना ही नहीं कोर्स पूरा करने के बाद उन्हें अगले 3 साल तक झारखंड या उससे जुड़े विषयों को लेकर काम करना होगा.

इन यूनिवर्सिटी में मिलेगा पढ़ने का मौका
विदेशों के जिन अग्रणी विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप दी जाएगी, उसमें यूएसए की हार्वर्ड, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, जॉन हापकिंस, कोलंबिया यूनिवर्सिटी समेत ऑस्ट्रेलिया सिंगापुर, यूके कनाडा और नीदरलैंड देशों की अलग-अलग यूनिवर्सिटी शामिल है. जिनमें 21 अलग-अलग विषयों के तहत स्कॉलरशिप दी जाएगी. उन विषयों में एंथ्रोपोलॉजी/सोशियोलॉजी, एग्रीकल्चर, आर्ट एंड कल्चर मैनेजमेंट, क्लाइमेट चेंज, इकोनॉमिक्स, एजुकेशन, फॉरेस्ट कंजर्वेशन एंड इकोलॉजी, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, वुमन इक्वलिटी, जेंडर स्टडीज सस्टेनेबल डेवलपमेंट जैसे विषय शामिल हैं.

रांची: प्रदेश में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार स्वतंत्रता दिवस के पहले राज्य के लोगों को नई योजनाओं की सौगात देने जा रही है. आधिकारिक सूत्रों की माने तो सरकार मुख्य रूप से शहरी इलाकों में श्रमिकों को रोजगार और राज्य के प्रतिभाशाली युवकों को विदेशों में पढ़ाई का अवसर देने जा रही है. मुख्यमंत्री सचिवालय के सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को मुख्यमंत्री श्रमिक योजना की शुरुआत होगी. जिसके तहत शहरी इलाकों में प्रवासी मजदूरों को मनरेगा की तर्ज पर रोजगार देने की कवायद शुरू की जाएगी. हालांकि काम किस प्रकृति का होगा यह अभी तय नहीं है. इसकी आधिकारिक लॉन्चिंग आज शाम मुख्यमंत्री खुद करेंगे.


विदेश में पढ़ने का सपना होगा पूरा
दूसरी योजना संथाली भाषा के ओलचिकी लिपि के प्रणेता रघुनाथ मुर्मू के नाम से शुरू की जा रही है. यह एक स्कॉलरशिप स्कीम होगी. जिसका लाभ राज्य के प्रतिभाशाली छात्र छात्राओं को मिलेगा. इस स्कीम के तहत टैलेंटेड युवा भारत के बाहर की लगभग ढाई दर्जन यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे. आधिकारिक सूत्रों की माने तो इस मद में राज्य सरकार हर साल लगभग 5 करोड़ रुपए खर्च करने का मन बना रही है. इस बाबत एक ड्राफ्ट राज्य सरकार के पास तैयार करके भेजा गया है.

25-35 साल के युवाओं को मिलेगा लाभ, 25 युवाओं का होगा चयन
स्कॉलरशिप का फायदा वैसे युवाओं को मिलेगा जो झारखंड के स्थानीय होंगे. साथ ही उनकी उम्र 25 से 35 वर्ष के बीच होगी. इतना ही नहीं यह स्कॉलरशिप उच्च स्तरीय शिक्षा यानी कि मास्टर या फिर पीएचडी की डिग्री हासिल करने के लिए दी जाएगी. सरकार के बजट के अनुसार हर साल 25 युवक-युवतियों का चयन किया जाएगा. उनका चयन बाकायदा अलग-अलग चरणों से गुजरने के बाद होगा.

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न्यूनतम योग्यता के अलावा अनुभव भी होगा जरूरी
वैसे छात्र जिन्होंने मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक किया हो और कम से कम 55% अंक हासिल किए हो स्कॉलरशिप के लिए योग्य होंगे. साथ ही उन्हें स्नातक या उसके समकक्ष की डिग्री अर्जित करने के बाद संबंधित काम में 3 साल या उससे अधिक का अनुभव हो. इसके अलावा नेतृत्व और सामुदायिक सेवा का भी अनुभव होना चाहिए. सूत्रों की माने तो इसके लिए मार्च महीने में आवेदन लिए जाएंगे और 3 चरणों में सलेक्शन होगा. सबसे पहले तो आवेदक को प्रायरिटी प्रोग्राम का सिलेक्शन करना होगा, जिसके साथ कम से कम 2 रेफरल लेटर जोड़ना होगा. उसे डिग्री के प्रयोजन का डिटेल एप्लीकेशन के साथ जमा करना होगा. आवेदन के सेलेक्शन के बाद आवेदक का बाकायदा साक्षात्कार होगा और तीसरे चरण में एक उच्चस्तरीय पैनल से उनका बकायदा डिस्कशन होगा कि कोर्स पूरा करने के बाद झारखंड के समग्र विकास में वो किस तरह योगदान कर सकेंगे. इतना ही नहीं कोर्स पूरा करने के बाद उन्हें अगले 3 साल तक झारखंड या उससे जुड़े विषयों को लेकर काम करना होगा.

इन यूनिवर्सिटी में मिलेगा पढ़ने का मौका
विदेशों के जिन अग्रणी विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप दी जाएगी, उसमें यूएसए की हार्वर्ड, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, जॉन हापकिंस, कोलंबिया यूनिवर्सिटी समेत ऑस्ट्रेलिया सिंगापुर, यूके कनाडा और नीदरलैंड देशों की अलग-अलग यूनिवर्सिटी शामिल है. जिनमें 21 अलग-अलग विषयों के तहत स्कॉलरशिप दी जाएगी. उन विषयों में एंथ्रोपोलॉजी/सोशियोलॉजी, एग्रीकल्चर, आर्ट एंड कल्चर मैनेजमेंट, क्लाइमेट चेंज, इकोनॉमिक्स, एजुकेशन, फॉरेस्ट कंजर्वेशन एंड इकोलॉजी, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, वुमन इक्वलिटी, जेंडर स्टडीज सस्टेनेबल डेवलपमेंट जैसे विषय शामिल हैं.

Last Updated : Aug 14, 2020, 8:36 PM IST
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