रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बजट पर सरकार की तरफ से जवाब पेश करते हुए सदन में कहा की कई राज्यों ने 50% से ज्यादा आरक्षण की व्यवस्था की थी लेकिन हाई कोर्ट में मामले निरस्त हो गये. अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है. यह विषय चंद राज्यों का नहीं है. झारखंड सरकार में आरक्षण की सीमा बढ़ाना चाहती है इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में बात रखी जाएगी.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह बात प्रदीप यादव के सुझाव के बाद साझा की. इसी बीच झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि राज्य सरकार को बिजली बिल के माफी की भी घोषणा करनी चाहिए. ऐसा होने से राज्य में एक अच्छा संदेश जाएगा. इस पर मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि यह मामला उनके संज्ञान में है. विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है ताकि इस पर निर्णय लिया जा सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड बनने के बाद ज्यादा समय तक सत्ता भाजपा के हाथ में रही. पिछले 5 वर्षों में पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने राज्य का सत्यानाश कर दिया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसी भी घोषणा से पहले कार्य योजना में विश्वास रखती है. वर्तमान सरकार 5 साल की योजना पर नहीं बल्कि लॉन्ग टर्म योजना बनाकर आगे पढ़ने की तैयारी कर रही है.