रांचीः झारखंड में विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. सरकार को घेरने घेरने के लिए विपक्ष ने तगड़ी रणनीति बनाई है. लेकिन हालात जो दिख रहे हैं, उसमें विपक्षी दलों को कुछ करने की जरूरत ही नहीं पड़ रही है. यहां तो अपने ही बिजली गिरा रहे हैं.
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झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में अपने ही हेमंत सोरेन के लिए मुसीबत की वजह बनते जा रहे हैं. बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने अपने जनप्रतिनिधि की हत्या के बाद आरोप लगा दिया कि कानून-व्यवस्था राज्य में बची नहीं है. 60-40 का खेल राज्य में चल रहा है.
बजट सत्र के पहले दिन जिस तरीके से अंबा प्रसाद ने आरोप लगाया वह अभी चर्चा में ही था कि दूसरे दिन लोबिन हेंब्रम ने हेमंत सरकार पर जमकर हमला बोल दिया. नाराजगी इतनी ज्यादा थी कि अपनी पार्टी और अपनी ही सरकार पर कह दिए हेमंत तो उनकी सुनते नहीं, हद तो यह है कि वह गुरु जी की भी नहीं सुनते. भाई हेमंत सोरेन सीएनटी, एसपीटी एक्ट आदिवासियों का मुद्दा और आदिवासियों के हित की बात कंधे पर कांवर लेकर पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि आदिवासियों की पूरी जिम्मेदारी कंधे पर उठा रखे हैं. गुरुजी भी यही चाहते थे. जिसके लिए झारखंड बना जो झारखंड का मूल है उसे हेमंत ही नहीं कर रहे हैं.
यह तो झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का आगाज है अंजाम अभी बाकी है, क्योंकि अभी तो अपने ही हमलावर हैं. अभी विपक्ष के तेवर झेलना बाकी है. अब देखने वाली बात यह होगी कि हेमंत सरकार नीतियों के साथ जवाब देती है या फिर सबकुछ छोड़ कर चुपचाप किसी किनारे से निकल लेती है, क्योंकि जवाब नहीं आया तो सदन में हंगामा तो होगा ही, जनता तब भी टकटकी लगाए बैठी थी आज भी बैठी रहेगी सरकार क्या करेगी इंतजार सबको है.