रांची: सांसद संजय सेठ (MP Sanjay Seth) ने हेमंत सरकार के कार्यप्रणाली सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि न्यायालय के आदेश को भी राज्य सरकार गंभीरता से नहीं लेती है. अपने संसदीय कार्यालय में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए संजय सेठ ने कहा कि लगातार सरकार के कार्यप्रणाली को लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी आती रही है इसके बाबजूद सुधरने का नाम सरकार नहीं ले रही है.
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उन्होंने हाल के दिनों में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कुछ मामलों में दिए गए निर्देश और टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सरकार लगता नहीं है कि जनता के प्रति जिम्मेदार है. बिजली को लेकर हाहाकार मचने के बाद भी सरकार सोई रही. जब हमलोगों ने जगाने का प्रयास किया तब जाकर मुख्यमंत्री ने बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिए. संजय सेठ ने हाई कोर्ट द्वारा साहिबगंज टेंडर मैनेज करने के मामले में मंत्री आलमगीर आलम पर की गई टिप्पणी को गंभीर घटना बताते हुए कहा कि मंत्री टेंडर मैनेज करें और मुख्यमंत्री यात्रा निकालते रहें.
मुख्यमंत्री का बयान से गो तश्करी को मिलेगा बढ़ावा: सांसद संजय सेठ ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) के उस बयान की निंदा की है जिसमें उन्होंने कहा कि गौ तस्करों को रोकने का काम पुलिस नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि इससे गौ तस्करी को बढ़ावा मिलेगा जिसे हम हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे. गाय हमारी माता है इसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा.
मेन रोड हिंसा का उदाहरण देते हुए संजय सेठ ने कहा कि इस घटना की जांच की फाइल बंद किए जाने पर मैंने आपत्ति जताई थी. इसके बावजूद भी सरकार सोई रही. हाई कोर्ट ने भी इस पर आपत्ति जता कर कहा है कि क्यों नहीं इस मामले की सीबीआई जांच कराई जाए. सवाल यह है कि रांची में इतनी बड़ी घटना हुई जिसमें 10 से 15 हजार लोग सड़कों पर उतर गए. कहीं न कहीं यह सुनियोजित ढंग से रांची को जलाने का प्रयास था. जिसकी जांच करा कर सरकार को दोषी पर कार्रवाई करनी चाहिए थी.