रांची: राजधानी रांची में स्थापित भारी अभियंत्रण निगम यानी HEC के पुनरुद्धार का मामला सदन में उठा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जिस तरह से शहीदों को याद किया जाता है, उसी तरह से यह एक गौरवशाली प्रतिष्ठान है. इस संस्थान ने देश को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई है. लेकिन भारत सरकार का रवैया अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तो सब कुछ प्राइवेट करना चाहती है. रेल और हवाई अड्डे भी प्राइवेट किए जा रहे हैं. झारखंड एयरपोर्ट को भी पीपीपी मोड पर देने की तैयारी है.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट भवन जाते वक्त कई बार HEC को देखकर सोचने को विवश हो जाता हूं. उन्होंने कहा कि वहीं पर जवाहरलाल नेहरु जी के नाम पर पार्क था. वहां उनकी प्रतिमा लगी थी लेकिन पार्क का हाल बेहाल था. उसको खूबसूरत बनाया गया है. HEC को पुराने स्वरुप में लाने के लिए सरकार अपनी तरफ से तमाम प्रयास करेगी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में स्थित टूरिज्म विभाग के अशोका होटल का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि इस होटल को लेकर बिहार और केंद्र सरकार के साथ मामला अटका हुआ था. उसको सुधारने की तमाम प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. इसके बावजूद अबतक होटल की चाबी नहीं मिली है. केंद्र के मंत्री कब कैबिनेट से पास कराएंगे पता नहीं.
दरअसल, विधायक सरयू राय ने गैर सरकारी संकल्प के तहत सुझाव दिया कि HEC को भारी उद्योग मंत्रालय से हटाकर इसरो के हवाले कर देना चाहिए. गैर सरकारी संकल्प के तहत इस मसले को सरयू राय ने सदन में उठाया. उन्होंने कहा कि इस संस्थान को सामरिक एवं आणविक महत्व का औद्योगिक उपक्रम घोषित कर देना चाहिए. इसके मूल्यवान परिसंपत्ति के आलोक में इसके पुनरुद्धार योजना का क्रियान्वयन करने के लिए भारत सरकार पर दबाव डालना चाहिए.