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Weather Update Jharkhand: इन जिलों में 11 जुलाई से भारी बारिश के आसार, मौसम केंद्र ने जारी किया येलो अलर्ट

झारखंड में मानसून पूरी तरह से सक्रिय है. इस कारण राजधानी रांची सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में काले बादल छाए हुए हैं. इसके बीच मौसम विभाग ने झारखंड के कई इलाकों में अगले चार दिनों के अंदर भारी बारिश की संभावना जताई है. साथ ही इसको लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया है.

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Heavy Rain Warning In Many Districts Of Jharkhand
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Published : Jul 9, 2023, 2:13 PM IST

रांची: मौसम केंद्र रांची ने राज्य के उत्तर पूर्वी भाग में 11, 12 और 13 जुलाई को भारी वर्षा की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम केंद्र रांची के अनुसार झारखंड के उत्तर पूर्वी जिले जैसे देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा ,पाकुड़ और साहिबगंज में 11, 12 और 13 जुलाई को कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है. भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए मौसम केंद्र ने इसके कृषि क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव आधारित विशेष पूर्वानुमान जारी किया है. अपने पूर्वानुमान में मौसम केंद्र रांची ने क्षेत्र के किसानों से अपने-अपने क्षेत्रों में जल निकासी की उचित व्यवस्था कर लेने और वर्षा के पानी का उपयोग विभिन्न फसलों की बुवाई में करने का आग्रह किया है.

ये भी पढ़ें-खतरनाक नालों के बीच जोखिम भरा जीवन जी राजधानीवासी, लोगों का हाल-बेहाल

भारी वर्षा का कृषि और बागवानी पर क्या पड़ेगा प्रभावः मौसम केंद्र रांची के अनुसार राज्य के उत्तर पूर्वी भाग में भारी बारिश की वजह से कृषि और बागवानी पर खराब प्रभाव पड़ेगा. पौधरोपण को भी नुकसान पहुंचने की संभावना है. इन जिलों के निचले इलाके में जलजमाव भी हो सकता है. इसको देखते हुए मौसम केंद्र रांची ने खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करने, तैयार हो चुके फल और सब्जियों की समय रहते तोड़ाई कर उसे सुरक्षित स्थान पर रखने और जलजमाव वाले क्षेत्र में जाने से बचने की सलाह दी है.

फल और सब्जियों पर पड़ने वाला असरः मौसम केंद्र की ओर से जारी विशेष कृषि बुलेटिन में बताया गया है कि राज्य के उत्तर पूर्वी जिलों में तीन दिनों तक भारी बारिश की वजह से सब्जियों में सड़न, फलों में दाग लगने की समस्या हो सकती है. टमाटर के फल और फूल के झड़ने और फलों का चटकना जैसी समस्याएं हो सकती है.

मौसम केंद्र ने किसानों को दिए ये सुझावः किसान अपने खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें, तैयार हो चुके फल और सब्जियों की तोड़ाई कर उसे सुरक्षित स्थान पर रख दें, खरीफ फसल में रोग के प्रसार को रोकने के लिए गिरे हुए फलों को वहां से हटा दें और किसी भी तरह के छिड़काव के लिए मौसम साफ होने तक का इंतजार करें.

धान की फसल पर भारी बारिश क्या होगा असरः मौसम केंद्र के अनुसार राज्य के उत्तर पूर्वी जिलों में 11 जुलाई से तीन दिनों तक भारी वर्षा की संभावना के मद्देनजर मौसम केंद्र ने धान के बिचड़े में सड़न की संभावना जताई है. ऐसे में किसान अपने बिचड़े वाले खेत में जरूरत से ज्यादा पानी की निकासी की व्यवस्था करें और रोगों के लिए फसल पर निगरानी बनाए रखने की सलाह दी है. इसी तरह दलहन-तिलहन फसलों के लिए भी खेत में पानी न जमने देने की सलाह किसानों को दी गई है.

पशुओं का भी ख्याल रखना जरूरीः संथाल परगना क्षेत्र के जिलों में 11-12 और 13 जुलाई को भारी बारिश की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग ने संथाल परगना क्षेत्र के पशुपालकों से अपील की है कि वह अपने मवेशियों को इस दौरान खुले में ना छोड़ें. मौसम की स्थिति देखकर ही पशुओं को बाहर मैदान में ले जाएं और मवेशियों के गोहाल को अच्छी तरह से ढक कर रखें.

रांची: मौसम केंद्र रांची ने राज्य के उत्तर पूर्वी भाग में 11, 12 और 13 जुलाई को भारी वर्षा की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है. मौसम केंद्र रांची के अनुसार झारखंड के उत्तर पूर्वी जिले जैसे देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा ,पाकुड़ और साहिबगंज में 11, 12 और 13 जुलाई को कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है. भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए मौसम केंद्र ने इसके कृषि क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव आधारित विशेष पूर्वानुमान जारी किया है. अपने पूर्वानुमान में मौसम केंद्र रांची ने क्षेत्र के किसानों से अपने-अपने क्षेत्रों में जल निकासी की उचित व्यवस्था कर लेने और वर्षा के पानी का उपयोग विभिन्न फसलों की बुवाई में करने का आग्रह किया है.

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भारी वर्षा का कृषि और बागवानी पर क्या पड़ेगा प्रभावः मौसम केंद्र रांची के अनुसार राज्य के उत्तर पूर्वी भाग में भारी बारिश की वजह से कृषि और बागवानी पर खराब प्रभाव पड़ेगा. पौधरोपण को भी नुकसान पहुंचने की संभावना है. इन जिलों के निचले इलाके में जलजमाव भी हो सकता है. इसको देखते हुए मौसम केंद्र रांची ने खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करने, तैयार हो चुके फल और सब्जियों की समय रहते तोड़ाई कर उसे सुरक्षित स्थान पर रखने और जलजमाव वाले क्षेत्र में जाने से बचने की सलाह दी है.

फल और सब्जियों पर पड़ने वाला असरः मौसम केंद्र की ओर से जारी विशेष कृषि बुलेटिन में बताया गया है कि राज्य के उत्तर पूर्वी जिलों में तीन दिनों तक भारी बारिश की वजह से सब्जियों में सड़न, फलों में दाग लगने की समस्या हो सकती है. टमाटर के फल और फूल के झड़ने और फलों का चटकना जैसी समस्याएं हो सकती है.

मौसम केंद्र ने किसानों को दिए ये सुझावः किसान अपने खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें, तैयार हो चुके फल और सब्जियों की तोड़ाई कर उसे सुरक्षित स्थान पर रख दें, खरीफ फसल में रोग के प्रसार को रोकने के लिए गिरे हुए फलों को वहां से हटा दें और किसी भी तरह के छिड़काव के लिए मौसम साफ होने तक का इंतजार करें.

धान की फसल पर भारी बारिश क्या होगा असरः मौसम केंद्र के अनुसार राज्य के उत्तर पूर्वी जिलों में 11 जुलाई से तीन दिनों तक भारी वर्षा की संभावना के मद्देनजर मौसम केंद्र ने धान के बिचड़े में सड़न की संभावना जताई है. ऐसे में किसान अपने बिचड़े वाले खेत में जरूरत से ज्यादा पानी की निकासी की व्यवस्था करें और रोगों के लिए फसल पर निगरानी बनाए रखने की सलाह दी है. इसी तरह दलहन-तिलहन फसलों के लिए भी खेत में पानी न जमने देने की सलाह किसानों को दी गई है.

पशुओं का भी ख्याल रखना जरूरीः संथाल परगना क्षेत्र के जिलों में 11-12 और 13 जुलाई को भारी बारिश की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग ने संथाल परगना क्षेत्र के पशुपालकों से अपील की है कि वह अपने मवेशियों को इस दौरान खुले में ना छोड़ें. मौसम की स्थिति देखकर ही पशुओं को बाहर मैदान में ले जाएं और मवेशियों के गोहाल को अच्छी तरह से ढक कर रखें.

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