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झारखंड में तेज हवा के साथ भारी बारिश की संभावना, बिरसा कृषि विवि ने जारी की एडवाइजरी - BAU Director (Research) Dr. A. Vadud

चक्रवाती तूफान यास के कारण झारखंड में 25 मई से लगातार तीन दिनों तक तेज हवा के साथ भारी बारिश की संभावना है. इसको लेकर बीएयू के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सजग और सावधानी बरतने की सलाह देते हुए एडवाइजरी जारी की है.

Heavy rain expected in Jharkhand for three consecutive days
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने जारी की एडवाइजरी,
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Published : May 25, 2021, 6:38 AM IST

रांचीः चक्रवाती तूफान यास का प्रभाव झारखंड पर भी पड़ेगा. इससे राज्य में 25 मई से लगातार तीन दिनों तक तेज हवा के साथ भारी बारिश की संभावना है. इसको लेकर बीएयू के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सजग और सावधानी बरतने की सलाह देते हुए एडवाइजरी जारी की है.

यह भी पढ़ेंःBAU में विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर वेबिनार का आयोजन, शहद के फायदों पर हुई चर्चा

बीएयू के निदेशक (अनुसंधान) डॉ ए वदूद ने कहा कि किसान अपने खेतों में तैयार सब्जी को तोड़ लें. उन्होंने कहा कि सब्जियों के खेत के साथ-साथ कुछ दिनों पहले बोये गये ओल, अदरख व हल्दी के खेतों में पानी निकास के लिए समुचित व्यवस्था कर लें, ताकि खेतों में जलजमाव की स्थिति नहीं बने.

डॉ वदूद ने कहा है कि जिन किसानों ने गरमा धान और गरमा मूंग की कटाई पूरी कर ली है, वे कटी हुई फसल को सुरक्षित करें. इसके साथ ही भंडारित अनाज और फसल को भीगने से बचाएं. इस दौरान खेतों में लगी फसल पर उर्वरक और कीट की दवाओं का छिड़काव न करें.

रांचीः चक्रवाती तूफान यास का प्रभाव झारखंड पर भी पड़ेगा. इससे राज्य में 25 मई से लगातार तीन दिनों तक तेज हवा के साथ भारी बारिश की संभावना है. इसको लेकर बीएयू के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सजग और सावधानी बरतने की सलाह देते हुए एडवाइजरी जारी की है.

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बीएयू के निदेशक (अनुसंधान) डॉ ए वदूद ने कहा कि किसान अपने खेतों में तैयार सब्जी को तोड़ लें. उन्होंने कहा कि सब्जियों के खेत के साथ-साथ कुछ दिनों पहले बोये गये ओल, अदरख व हल्दी के खेतों में पानी निकास के लिए समुचित व्यवस्था कर लें, ताकि खेतों में जलजमाव की स्थिति नहीं बने.

डॉ वदूद ने कहा है कि जिन किसानों ने गरमा धान और गरमा मूंग की कटाई पूरी कर ली है, वे कटी हुई फसल को सुरक्षित करें. इसके साथ ही भंडारित अनाज और फसल को भीगने से बचाएं. इस दौरान खेतों में लगी फसल पर उर्वरक और कीट की दवाओं का छिड़काव न करें.

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