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एसिड अटैक पीड़िता मामले में जारी समन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई, अदालत ने सरकार और रिम्स से मांगा जवाब - एसिड अटैक पीड़ित के मामले में जारी समन

झारखंड हाईकोर्ट में एसिड अटैक पीड़िता के मामले में रिम्स निदेशक को जारी समन के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. निचली अदालत ने तत्कालीन निदेशक आरके श्रीवास्तव और डॉक्टर आरजी बाखला को समन जारी किया है. इसके खिलाफ इन लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है.

फाइल फोटो- झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Nov 7, 2019, 2:46 AM IST

रांचीः झारखंड हाईकोर्ट में एसिड अटैक पीड़िता के मामले में रिम्स के तात्कालिन निदेशक को जारी समन के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत में हुई. अदालत ने सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा है.

देखें पूरी खबर

अदालत ने पूछा कि मामले में अब तक प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई. जब पीड़िता का इलाज रिम्स में हुआ तो उसकी ओर से इसकी खबर पुलिस को क्यों नहीं दी गई. वहीं, पीड़िता को निर्धारित मुआवजा का लाभ दिया गया या फिर नहीं. अदालत ने 25 नवंबर तक शपथ पत्र दायर कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.

इसमें तत्कालीन रिम्स निदेशक आरके श्रीवास्तव, डॉ आरजी बाखला और बरियातू थाना प्रभारी को प्रतिवाद बनाया गया है. निचली अदालत ने इस पर संज्ञान लेते हुए तत्कालीन निदेशक आरके श्रीवास्तव और डॉक्टर आरजी बाखला को समन जारी किया है. इसके खिलाफ इन लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, इसी मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार और रिम्स से जवाब तलब किया है.

ये भी पढ़ें-50% आबादी, 10% भागीदारी, ऐसी है झारखंड की राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी

क्या है मामला

पलामू की रहने वाली एक महिला पर उसके पति ने ही तेजाब डाला था. जिसके बाद गंभीर हालत में उसे लेस्लीगंज के स्थानीय अस्पताल में पहुंचाया गया. जहां से बेहतर इलाज के लिए उसे रिम्स भेज दिया गया था. वहीं, महिला के परिजनों ने न्याय और बेहतर इलाज के लिए रांची सिविल कोर्ट में याचिका दर्ज कराया था. बता दें कि ईटीवी भारत ने इस खबर को 20 जून 2018 को प्राथमिकता के साथ दिखाने का काम किया था.

रांचीः झारखंड हाईकोर्ट में एसिड अटैक पीड़िता के मामले में रिम्स के तात्कालिन निदेशक को जारी समन के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत में हुई. अदालत ने सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा है.

देखें पूरी खबर

अदालत ने पूछा कि मामले में अब तक प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई. जब पीड़िता का इलाज रिम्स में हुआ तो उसकी ओर से इसकी खबर पुलिस को क्यों नहीं दी गई. वहीं, पीड़िता को निर्धारित मुआवजा का लाभ दिया गया या फिर नहीं. अदालत ने 25 नवंबर तक शपथ पत्र दायर कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.

इसमें तत्कालीन रिम्स निदेशक आरके श्रीवास्तव, डॉ आरजी बाखला और बरियातू थाना प्रभारी को प्रतिवाद बनाया गया है. निचली अदालत ने इस पर संज्ञान लेते हुए तत्कालीन निदेशक आरके श्रीवास्तव और डॉक्टर आरजी बाखला को समन जारी किया है. इसके खिलाफ इन लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, इसी मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार और रिम्स से जवाब तलब किया है.

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क्या है मामला

पलामू की रहने वाली एक महिला पर उसके पति ने ही तेजाब डाला था. जिसके बाद गंभीर हालत में उसे लेस्लीगंज के स्थानीय अस्पताल में पहुंचाया गया. जहां से बेहतर इलाज के लिए उसे रिम्स भेज दिया गया था. वहीं, महिला के परिजनों ने न्याय और बेहतर इलाज के लिए रांची सिविल कोर्ट में याचिका दर्ज कराया था. बता दें कि ईटीवी भारत ने इस खबर को 20 जून 2018 को प्राथमिकता के साथ दिखाने का काम किया था.

Intro:एसिड अटैक पीड़िता के मामले में निदेशक को जारी समन के खिलाफ याचिका पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई , अदालत ने सरकार और रिम्स से मांगा है जवाब


रांची

झारखंड हाईकोर्ट में एसिड अटैक पीड़िता के मामले में रिम्स निदेशक को जारी समन के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई मामले की सुनवाई न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत में हुई अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा है अदालत ने पूछा है कि इस मामले में अब तक आखिर जो प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। अदालत ने यह भी कहा कि जब पीड़िता का इलाज रिम्स में हुआ तो उसकी ओर से इसकी खबर पुलिस को क्यों नहीं दी गई साथी पीड़िता को निर्धारित मुआवजा का लाभ दिया गया या फिर नहीं। मामले पर अदालत ने सुनवाई करते हुए रिम्स से जवाब मांगा है साथी 25 नवंबर तक शपथ पत्र दायर कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।




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आपको बता दें कि ईटीवी भारत ने इस खबर को 20 जून 2018 को प्राथमिकता के साथ दिखाने का काम किया था पलामू की रहने वाली रिंकू देवी ने आपबीती बताते हुए कहां की उसके पति बलराम साहू ने धोखे से मायके से ससुराल ले जाकर बेटे होने के इलाज के बहाने तांत्रिक के पास ले जाने की बात कहकर धोखे से तेजाब से नहला दिया और कहा कि तुम मेरे वंश को आगे नहीं बढ़ा सकती तो तुम्हें जिंदा रहने का कोई अधिकार नहीं है यह का कर आरोपी नहीं पीड़िता को मरा हुआ समझकर जंगल में छोड़ दिया था राहगीरों ने तड़पती अवस्था में लेस्लीगंज के स्थानीय अस्पताल में पहुंचाया। जहां से बेहतर इलाज के लिए रीता को रिम्स भेज दिया गया जिसके के बाद लड़की के पिता बीरबल सामने न्याय और बेहतर इलाज के लिए रांची सिविल कोर्ट में याचिका दर्ज कराया था

जिसमें तत्कालीन रिम्स निदेशक आरके श्रीवास्तव,डॉ आरजी बाखला और बरियातू थाना प्रभारी को प्रतिवाद बनाया गया। निचली अदालत ने इस पर संज्ञान लेते हुए तत्कालीन निदेशक आरके श्रीवास्तव और डॉक्टर आरजी बाखला को समन जारी किया इसके खिलाफ इन लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है इसी मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार और रिम्स से जवाब तलब किया है




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