रांची: कांके विधानसभा से भाजपा विधायक समरी लाल के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका (Petition challenging election of MLA Samri Lal) पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत में मामले को लेकर दोनों पक्षों को सुनने के दौरान गवाहों की गवाही दर्ज की गई. अदालत ने समरी लाल को गवाहों की सूची कम करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश गौतम चौधरी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान विधायक समरी लाल की ओर से गवाह की गवाही दर्ज कराई गई विधायक की ओर से गवाहों की लंबी सूची दी गई है. अदालत ने उन्हें गवाहों की सूची कम करने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा कि अगर वह गवाहों की सूची कम नहीं करते हैं तो अदालत इस पर उचित निर्णय लेगी.
याचिकाकर्ता की ओर से क्या कहा गया: याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत से गुहार लगाई कि विधायक समरी लाल ने भ्रष्ट आचरण अपनाकर जीत दर्ज की है. इसलिए उनकी सदस्यता को समाप्त कर दी जाए. उन्होंने कहा कि उनकी जो जाति प्रमाण पत्र है, वह सही नहीं है. फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर उन्होंने जीत दर्ज किया है. इसलिए उनकी सदस्यता को समाप्त कर दी जाए. प्रार्थी की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि विधायक की ओर से जानबूझकर गवाहों की एक लंबी सूची दी गई है, जिसकी आवश्यकता नहीं है.
विधायक की ओर से दलील का विरोध हुआ: वहीं विधायक की ओर से अधिवक्ता ने इस दलील का विरोध किया. मालूम हो कि राजधानी रांची के कांके विधानसभा क्षेत्र से विधायक समरी लाल चुनाव जीते हैं. विधानसभा चुनाव में प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश बैठा ने उनके चुनाव को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उसी याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई.