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एनसीपी विधायक कमलेश सिंह पर दलबदल का मामला, दोनों पक्षों के आग्रह पर सुनवाई स्थगित

एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह पर झारखंड स्पीकर ट्रिब्यूनल कोर्ट में सुनवाई हुई. ट्रिब्यूनल में दलीलें सुनने के बाद वादी और प्रतिवादी के अधिवक्ताओं के अनुरोध पर सुनवाई को स्थगित कर दिया गया. Hearing on defection against MLA Kamlesh Singh.

Hearing on NCP MLA Kamlesh Kumar Singh in Jharkhand Speaker Tribunal Court
एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह पर झारखंड स्पीकर ट्रिब्यूनल कोर्ट में सुनवाई
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 12, 2023, 1:43 PM IST

Updated : Oct 12, 2023, 3:53 PM IST

रांचीः पलामू के हुसैनाबाद से झारखंड के इकलौते एनसीपी विधायक कमलेश सिंह को लेकर शरद पवार गुट और अजीव पवार गुट आमने सामने आ गये हैं. शरद पवार गुट की ओर से प्रवक्ता सह राष्ट्रीय सचिव जितेंद्र अहवाड ने विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो को पत्र भेजकर कमलेश सिंह पर दलबदल के तहत कार्रवाई करने की मांग की थी.

इसे भी पढ़ें- झारखंड पहुंचा एनसीपी विवाद! हेमंत सरकार को बाय-बाय करने को तैयार NCP विधायक कमलेश सिंह, स्पीकर तक पहुंची चाचा-भतीजा की लड़ाई

इसी शिकायत पर गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष के ट्रिब्यूनल में संविधान के दसवीं अनुसूची के तहत मामले की सुनवाई तय की गई. तय समय के अनुसार GW42 स्थित ट्रिब्यूनल कक्ष में 12.30 बजे सुनवाई शुरू हुई. जिसमें खुद विधायक कमलेश सिंह भी पहुंचे. उनकी दलील थी कि वह सिंगल विधायक हैं, इसलिए उनपर दलबदल का मामला नहीं चल सकता. साथ ही उनके पक्ष में एनसीपी गुट के अजीत पवार ने भी स्पीकर को पत्र भेजकर कहा है कि पार्टी पर अधिकार का मामला चुनाव आयोग में है. इसलिए किसी की तरफ से एनसीपी होने का दावा करना या किसी की सदस्यता को चुनौती देना उचित नहीं है. वहीं शरद पवार की पार्टी की ओर से मुंबई से एक अधिवक्ता आए थे. दोनों की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई के अपराह्न 4.30 बजे का समय तय किया गया. लेकिन वादी और प्रतिवादी के अधिवक्ताओं के अनुरोध पर सुनवाई को स्थगित कर दिया गया.

बता दें कि महाराष्ट्र में चाचा और भतीजा के बीच एनसीपी पर कब्जे को लेकर दरार पड़ गयी है. अजीत पवार भाजपा समर्थन वाली सरकार में शामिल हो गये हैं. वह खुद को असली एनसीपी का अध्यक्ष बताते हैं. लिहाजा, चाचा और भतीजा के बीच का विवाद झारखंड तक पहुंच गया है. दोनों नेता यहां के इकलौते एनसीपी विधायक कमलेश सिंह पर दावा ठोक रहे हैं. हालांकि खुद कमलेश सिंह भी कह चुके हैं कि वह अजीत पवार के साथ हैं. चूकि हेमंत सरकार बनने के समय ही उनकी ओर से समर्थन की घोषणा हुई थी लिहाजा, पार्टी का स्वरूप बदलने के बाद उन्होंने भी अपना स्टैंड बदल लिया है. पिछले दिनों प्रेस कांफ्रेंस कर कमलेश सिंह ने कहा था कि अगर हुसैनाबाद को जिला नहीं बनाया गया तो वह 31 अक्टूबर के बाद हेमंत सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे. अब देखना है कि स्पीकर के ट्रिब्यूनल में अगली सुनवाई के दौरान किस तरह की तस्वीर सामने आती है.

15 सितंबर को भेजा गया था पत्रः बता दें कि शरद पवार गुट ने हुसैनाबाद से एकमात्र एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह के खिलाफ दलबदल के तहत झारखंड विधानसभा अध्यक्ष से कार्रवाई की मांग की गयी है. 15 सितंबर को शरद पवार गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह सचिव जितेंद्र अहवाड ने स्पीकर रवींद्र नाथ महतो को पत्र भेजकर दलबदल के तहत कार्रवाई की मांग की. इसपर विधायक से स्पीकर सचिवालय की ओर से जवाब भी मांग गया था. इस पत्र के जवाब में विधायक कमलेश सिंह ने कहा कि एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पवार हैं, उन्होंने खुद पत्र भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है. ऐसे में चुनाव आयोग का फैसला आने तक अजीत पवार के अलावा किसी अन्य के द्वारा एनसीपी का होने का दावा करना और मेरी सदस्यता को चुनौती देना उचित नहीं है.

रांचीः पलामू के हुसैनाबाद से झारखंड के इकलौते एनसीपी विधायक कमलेश सिंह को लेकर शरद पवार गुट और अजीव पवार गुट आमने सामने आ गये हैं. शरद पवार गुट की ओर से प्रवक्ता सह राष्ट्रीय सचिव जितेंद्र अहवाड ने विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो को पत्र भेजकर कमलेश सिंह पर दलबदल के तहत कार्रवाई करने की मांग की थी.

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इसी शिकायत पर गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष के ट्रिब्यूनल में संविधान के दसवीं अनुसूची के तहत मामले की सुनवाई तय की गई. तय समय के अनुसार GW42 स्थित ट्रिब्यूनल कक्ष में 12.30 बजे सुनवाई शुरू हुई. जिसमें खुद विधायक कमलेश सिंह भी पहुंचे. उनकी दलील थी कि वह सिंगल विधायक हैं, इसलिए उनपर दलबदल का मामला नहीं चल सकता. साथ ही उनके पक्ष में एनसीपी गुट के अजीत पवार ने भी स्पीकर को पत्र भेजकर कहा है कि पार्टी पर अधिकार का मामला चुनाव आयोग में है. इसलिए किसी की तरफ से एनसीपी होने का दावा करना या किसी की सदस्यता को चुनौती देना उचित नहीं है. वहीं शरद पवार की पार्टी की ओर से मुंबई से एक अधिवक्ता आए थे. दोनों की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई के अपराह्न 4.30 बजे का समय तय किया गया. लेकिन वादी और प्रतिवादी के अधिवक्ताओं के अनुरोध पर सुनवाई को स्थगित कर दिया गया.

बता दें कि महाराष्ट्र में चाचा और भतीजा के बीच एनसीपी पर कब्जे को लेकर दरार पड़ गयी है. अजीत पवार भाजपा समर्थन वाली सरकार में शामिल हो गये हैं. वह खुद को असली एनसीपी का अध्यक्ष बताते हैं. लिहाजा, चाचा और भतीजा के बीच का विवाद झारखंड तक पहुंच गया है. दोनों नेता यहां के इकलौते एनसीपी विधायक कमलेश सिंह पर दावा ठोक रहे हैं. हालांकि खुद कमलेश सिंह भी कह चुके हैं कि वह अजीत पवार के साथ हैं. चूकि हेमंत सरकार बनने के समय ही उनकी ओर से समर्थन की घोषणा हुई थी लिहाजा, पार्टी का स्वरूप बदलने के बाद उन्होंने भी अपना स्टैंड बदल लिया है. पिछले दिनों प्रेस कांफ्रेंस कर कमलेश सिंह ने कहा था कि अगर हुसैनाबाद को जिला नहीं बनाया गया तो वह 31 अक्टूबर के बाद हेमंत सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे. अब देखना है कि स्पीकर के ट्रिब्यूनल में अगली सुनवाई के दौरान किस तरह की तस्वीर सामने आती है.

15 सितंबर को भेजा गया था पत्रः बता दें कि शरद पवार गुट ने हुसैनाबाद से एकमात्र एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह के खिलाफ दलबदल के तहत झारखंड विधानसभा अध्यक्ष से कार्रवाई की मांग की गयी है. 15 सितंबर को शरद पवार गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह सचिव जितेंद्र अहवाड ने स्पीकर रवींद्र नाथ महतो को पत्र भेजकर दलबदल के तहत कार्रवाई की मांग की. इसपर विधायक से स्पीकर सचिवालय की ओर से जवाब भी मांग गया था. इस पत्र के जवाब में विधायक कमलेश सिंह ने कहा कि एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पवार हैं, उन्होंने खुद पत्र भेजकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया है. ऐसे में चुनाव आयोग का फैसला आने तक अजीत पवार के अलावा किसी अन्य के द्वारा एनसीपी का होने का दावा करना और मेरी सदस्यता को चुनौती देना उचित नहीं है.

Last Updated : Oct 12, 2023, 3:53 PM IST
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