रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 46 लाख कैश के साथ पकड़े (Hearing on MLA cash scandal) गए कांग्रेस के तीन विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी के मामले में रांची में दर्ज की गई जीरो एफआईआर को कोलकाता स्थानांतरित (Fir transfer kolkata) किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई.
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हाई कोर्ट ने झारखंड और प. बंगाल सरकार से इस मामले में शपथ पत्र दायर करने को कहा है. वहीं कोलकाता पुलिस को मामले की जांच को जारी रखने का निर्देश दिया है. लेकिन कोर्ट ने चार्जशीट दायर करने पर रोक लगा दी है. हाई कोर्ट ने इन तीनों विधायकों के खिलाफ जांच में किसी प्रकार की रोक लगाने से इंकार किया है. मामले की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी.
बता दें कि 3 विधायकों के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाने में विधायक अनूप सिंह की ओर से शिकायत की गई थी. इस पर पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर ली थी, जिसे कोलकाता ट्रांसफर कर दिया गया था. आरोपी विधायकों ने जांच के लिए केस को कोलकाता भेजे जाने के फैसले को निरस्त करने मांग की थी. प्रार्थी विधायकों का कहना था कि झारखंड में जांच होनी चाहिए, कोलकाता में इसकी जांच नहीं होनी चाहिए.
बता दें कि आरोपी विधायकों की बेल पर सुनवाई करते हुए कोलकाता हाई कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को 10 नवंबर को जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है. इससे पहले इन तीनों विधायकों को 46 लाख कैश के साथ 30 जुलाई को पश्चिम बंगाल के हावड़ा में कोलकाता पुलिस ने पकड़ा था. कलकत्ता हाई कोर्ट ने उन्हें पूर्व में कोलकाता में रहने की शर्त पर जमानत दे दी है.