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शुक्रवार को लालू यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई, मिलेगा बेल या करना होगा इंतजार

लालू यादव की जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी. लालू के समर्थक और परिवार को लोगों की नजरें कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है.

hearing on Lalu Yadav bail plea in Jharkhand High Court
hearing on Lalu Yadav bail plea in Jharkhand High Court
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Published : Mar 31, 2022, 6:56 PM IST

रांची: बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर कल झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. देखना अहम होगा कि शुक्रवार को लालू प्रसाद को जमानत दी जाती है या फिर और इंतजार करना होगा. लालू प्रसाद के परिजन और समर्थकों की नजर फिलहाल हाई कोर्ट में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई है.

ये भी पढ़ें- जेल में मनेगी लालू की होली, अगली सुनवाई एक अप्रैल को

झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एके सिंह की अदालत में लालू प्रसाद की डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई होगी. याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से दायर याचिका में लालू प्रसाद की बीमारी, उम्र और आधी सजा जेल में काटने का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई है. झारखंड हाई कोर्ट में पूर्व में सुनवाई के दौरान याचिका में आए त्रुटि को दूर करने का निर्देश दिया था. साथ ही सीबीआई को भी जवाब पेश करने को कहा था.

बहुचर्चित चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई है. लालू प्रसाद की ओर से सीबीआई की विशेष अदालत से दी गई सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की गई है. साथ ही जमानत के लिए आइए याचिका दायर की गई है. उसी याचिका पर सुनवाई होनी है.

डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ का घोटाला: डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ के अवैध निकासी मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव को 5 साल की जेल और 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. इस मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लालू यादव को सीधे होटवार जेल भेज दिया गया. जहां से बाद में इलाज के लिए उन्हें रिम्स भेज दिया गया और बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स रेफर कर दिया गया.

ये भी पढ़ें- एयर एंबुलेंस से लालू यादव भेजे गए दिल्ली, समर्थकों ने कहा- जल्द ठीक होकर लौटेंगे

दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ का घोटाला: ये मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का है. सीबीआई कोर्ट ने 24 मार्च 2018 को लालू प्रसाद यादव को इस मामले में अलग अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई थी. इस मामले में 30 लाख का जुर्माना भी लगा.

चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ का घोटाला: चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था. जिसमें कुल 76 आरोपी थे. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 24 जनवरी 2018 को लालू को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई. सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगा.

देवघर कोषागार से 84.5 लाख का घोटाला: देवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उनपर 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था.

चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ का घोटाला: चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में साल 2013 में लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 30 सितंबर 2013 को सभी 45 आरोपियों को दोषी ठहराया था. लालू समेत इन आरोपियों को चाईबासा ट्रेजरी से 37.70 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकालने का दोषी पाया गया था. इस मामले में 3 अक्टूबर 2013 को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. लालू प्रसाद को 5 साल की सजा हुई थी.

रांची: बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर कल झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. देखना अहम होगा कि शुक्रवार को लालू प्रसाद को जमानत दी जाती है या फिर और इंतजार करना होगा. लालू प्रसाद के परिजन और समर्थकों की नजर फिलहाल हाई कोर्ट में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई है.

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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एके सिंह की अदालत में लालू प्रसाद की डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई होगी. याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से दायर याचिका में लालू प्रसाद की बीमारी, उम्र और आधी सजा जेल में काटने का हवाला देते हुए जमानत की गुहार लगाई है. झारखंड हाई कोर्ट में पूर्व में सुनवाई के दौरान याचिका में आए त्रुटि को दूर करने का निर्देश दिया था. साथ ही सीबीआई को भी जवाब पेश करने को कहा था.

बहुचर्चित चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई है. लालू प्रसाद की ओर से सीबीआई की विशेष अदालत से दी गई सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील याचिका दायर की गई है. साथ ही जमानत के लिए आइए याचिका दायर की गई है. उसी याचिका पर सुनवाई होनी है.

डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ का घोटाला: डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ के अवैध निकासी मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू यादव को 5 साल की जेल और 60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. इस मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लालू यादव को सीधे होटवार जेल भेज दिया गया. जहां से बाद में इलाज के लिए उन्हें रिम्स भेज दिया गया और बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एम्स रेफर कर दिया गया.

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दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ का घोटाला: ये मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का है. सीबीआई कोर्ट ने 24 मार्च 2018 को लालू प्रसाद यादव को इस मामले में अलग अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई थी. इस मामले में 30 लाख का जुर्माना भी लगा.

चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ का घोटाला: चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था. जिसमें कुल 76 आरोपी थे. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 24 जनवरी 2018 को लालू को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई. सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगा.

देवघर कोषागार से 84.5 लाख का घोटाला: देवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उनपर 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था.

चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ का घोटाला: चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में साल 2013 में लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 30 सितंबर 2013 को सभी 45 आरोपियों को दोषी ठहराया था. लालू समेत इन आरोपियों को चाईबासा ट्रेजरी से 37.70 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकालने का दोषी पाया गया था. इस मामले में 3 अक्टूबर 2013 को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. लालू प्रसाद को 5 साल की सजा हुई थी.

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