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पूर्व मंत्री एनोस एक्का मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

पूर्व मंत्री एनोस एक्का मामले (Hearing on Enos Ekka Case) में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई. ईडी और प्रार्थी दोनों का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

Hearing on Enos Ekka Case
Hearing on Enos Ekka Case
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Published : Oct 18, 2022, 8:12 PM IST

रांची: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री एनोस एक्का की सजा के खिलाफ दायर अपील याचिका पर 18 अक्टूबर को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई (Hearing on Enos Ekka Case). झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश गौतम चौधरी की अदालत ने मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने मामले में ईडी और प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया.

इसे भी पढ़ें: अधिवक्ता राजीव कुमार ने जमानत याचिका पर शीघ्र सुनवाई का किया आग्रह, विशेष अदालत ने नहीं दी थी बेल

अदालत ने क्या कहा: सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से कहा गया कि निचली अदालत ने एनोस एक्का जो सजा दी है वह सही है. वहीं प्रार्थी की ओर से खुद को निर्दोष बताते हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले से बरी करने का आग्रह किया गया. मालूम हो कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एनोस एक्का को ईडी कोर्ट ने अप्रैल 2020 में सात साल की सजा सुनायी थी. कोर्ट ने उन पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

2009 में दर्ज की गई प्राथमिकी: पूर्व मंत्री एनोस पर 20 करोड़ 31 लाख 77 हजार रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. लॉकडाउन के कारण चार बार सजा के एलान की तिथि बढ़ानी पड़ी थी. ईडी ने अक्टूबर 2009 में एनोस एक्का के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. मामले में ईडी ने 56 गवाहों के बयान दर्ज कराये. जबकि एनोस एक्का ने अपने पक्ष में 71 गवाहों को पेश किया था.

पत्नी मेनन एक्का को भी हुई है सजा: वहीं एनोस एक्का, उनकी पत्नी मेनन एक्का की आय से अधिक संपत्ति मामले में मिली सजा को भी हाई कोर्ट में चुनौती दी गयी है. इस मामले में 8 नवंबर को सुनवाई होगी. 25 फरवरी 2020 को सीबीआई के विशेष जज एके मिश्रा की अदालत ने एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन को 7 साल की सजा सुनायी थी. इसके खिलाफ भी हाइकोर्ट में अपील दायर कर चुनौती दी गयी है.

रांची: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री एनोस एक्का की सजा के खिलाफ दायर अपील याचिका पर 18 अक्टूबर को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई (Hearing on Enos Ekka Case). झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश गौतम चौधरी की अदालत ने मामले की सुनवाई की. कोर्ट ने मामले में ईडी और प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया.

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अदालत ने क्या कहा: सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से कहा गया कि निचली अदालत ने एनोस एक्का जो सजा दी है वह सही है. वहीं प्रार्थी की ओर से खुद को निर्दोष बताते हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले से बरी करने का आग्रह किया गया. मालूम हो कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एनोस एक्का को ईडी कोर्ट ने अप्रैल 2020 में सात साल की सजा सुनायी थी. कोर्ट ने उन पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

2009 में दर्ज की गई प्राथमिकी: पूर्व मंत्री एनोस पर 20 करोड़ 31 लाख 77 हजार रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. लॉकडाउन के कारण चार बार सजा के एलान की तिथि बढ़ानी पड़ी थी. ईडी ने अक्टूबर 2009 में एनोस एक्का के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. मामले में ईडी ने 56 गवाहों के बयान दर्ज कराये. जबकि एनोस एक्का ने अपने पक्ष में 71 गवाहों को पेश किया था.

पत्नी मेनन एक्का को भी हुई है सजा: वहीं एनोस एक्का, उनकी पत्नी मेनन एक्का की आय से अधिक संपत्ति मामले में मिली सजा को भी हाई कोर्ट में चुनौती दी गयी है. इस मामले में 8 नवंबर को सुनवाई होगी. 25 फरवरी 2020 को सीबीआई के विशेष जज एके मिश्रा की अदालत ने एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन को 7 साल की सजा सुनायी थी. इसके खिलाफ भी हाइकोर्ट में अपील दायर कर चुनौती दी गयी है.

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