ETV Bharat / state

छठी जेपीएससी में आरक्षण कोटि के अभ्यर्थियों के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई, अदालत ने पूछा- गैर आरक्षित कैटेगरी में आवंटन कैसे गलत - झारखंड न्यूज

छठी जेपीएससी में आरक्षण कोटि के अभ्यर्थियों के मेरिट को गैर आरक्षित कैटेगरी में आवंटन किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई (Hearing Of Reservation Category Petition) हुई. जिसमें अदालत ने पूछा है कि आवंटन कैसे गलत हुआ है बताएं.

Hearing Of Reservation Category Petition
Jharkhand High Court
author img

By

Published : Jan 3, 2023, 8:09 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगड़ा की अदालत में छठी जेपीएससी में आरक्षण कोटि के अभ्यर्थियों के मेरिट को कंसीडर करते हुए उनका कैडर आवंटन गैर आरक्षित कैटेगरी में किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को (Hearing Of Reservation Category Petition) सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को यह बताने को कहा है कि गैर आरक्षित कैटगरी में आवंटन किया जाना कैसे गलत है. यह बताएं मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए एक 11 जनवरी की तिथि निर्धारित की गई है.

ये भी पढे़ं-झारखंड हाई कोर्ट से पारा शिक्षकों को झटका, समान काम-समान वेतन वाली याचिका खारिज

याचिकाकर्ता चंदन कुमार और गौतम कुमार ने दायर की थी याचिकाः याचिकाकर्ता चंदन कुमार और गौतम कुमार ने छठी जेपीएससी में रिजर्व कैटेगरी के अभ्यर्थियों के मेरिट को कंसीडर करते हुए उनका कैडर आवंटन अनरिजर्व कैटेगरी में किए जाने से संबंधित मामले में अपील याचिका दायर की है. उसी याचिका की सुनवाई मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में हुई. झारखंड हाईकोर्ट ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 11 जनवरी की तिथि निर्धारित की है.

पूर्व में हाईकोर्ट की एकल पीठ कैडर आवंटन को सही ठहराया थाः पूर्व में हाईकोर्ट की एकल पीठ (Single Bench Of High Court) ने जून 2021 में जेपीएससी द्वारा रिजर्व कैटेगरी वाले अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर उनका कैडर आवंटन अनरिजर्व कैटेगरी में किए जाने को सही ठहराया था. वही प्रार्थी का कहना था कि उनका कैडर आवंटन उन्हीं की रिजर्व कैटेगरी में होना चाहिए था. प्रार्थी ने एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रार्थी को बताने को कहा है कि कैसे उनका कैडर आवंटन अनरिजर्व में किया जाना अनुचित है. उधर मामले में जेपीएससी के द्वारा बताया गया है कि नियम के अनुसार ही उनका कैडर आवंटन अनारक्षित कैटेगरी में किया गया है. जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल वालों ने केस की पैरवी की.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगड़ा की अदालत में छठी जेपीएससी में आरक्षण कोटि के अभ्यर्थियों के मेरिट को कंसीडर करते हुए उनका कैडर आवंटन गैर आरक्षित कैटेगरी में किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को (Hearing Of Reservation Category Petition) सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को यह बताने को कहा है कि गैर आरक्षित कैटगरी में आवंटन किया जाना कैसे गलत है. यह बताएं मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए एक 11 जनवरी की तिथि निर्धारित की गई है.

ये भी पढे़ं-झारखंड हाई कोर्ट से पारा शिक्षकों को झटका, समान काम-समान वेतन वाली याचिका खारिज

याचिकाकर्ता चंदन कुमार और गौतम कुमार ने दायर की थी याचिकाः याचिकाकर्ता चंदन कुमार और गौतम कुमार ने छठी जेपीएससी में रिजर्व कैटेगरी के अभ्यर्थियों के मेरिट को कंसीडर करते हुए उनका कैडर आवंटन अनरिजर्व कैटेगरी में किए जाने से संबंधित मामले में अपील याचिका दायर की है. उसी याचिका की सुनवाई मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में हुई. झारखंड हाईकोर्ट ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 11 जनवरी की तिथि निर्धारित की है.

पूर्व में हाईकोर्ट की एकल पीठ कैडर आवंटन को सही ठहराया थाः पूर्व में हाईकोर्ट की एकल पीठ (Single Bench Of High Court) ने जून 2021 में जेपीएससी द्वारा रिजर्व कैटेगरी वाले अभ्यर्थियों को मेरिट के आधार पर उनका कैडर आवंटन अनरिजर्व कैटेगरी में किए जाने को सही ठहराया था. वही प्रार्थी का कहना था कि उनका कैडर आवंटन उन्हीं की रिजर्व कैटेगरी में होना चाहिए था. प्रार्थी ने एकल पीठ के आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रार्थी को बताने को कहा है कि कैसे उनका कैडर आवंटन अनरिजर्व में किया जाना अनुचित है. उधर मामले में जेपीएससी के द्वारा बताया गया है कि नियम के अनुसार ही उनका कैडर आवंटन अनारक्षित कैटेगरी में किया गया है. जेपीएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल वालों ने केस की पैरवी की.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.