नई दिल्ली: छठी जेपीएससी के रिवाइज्ड रिजल्ट के मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की ओर से अदालत में बहस हुई, बहस के दौरान दोनों पक्षों के अधिवक्ता अपने-अपने दावे किए, दोनों ओर से बहस जारी रही. अदालत ने अगली सुनवाई के लिए आज (27 जुलाई) की तिथि मुकर्रर की है.
मंगलवाल को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सीटी रवि कुमार की खंडपीठ में मामले पर सुनवाई हुई. रिजल्ट में बाहर किए गए अभ्यर्थियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने रखा पक्ष. मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने पक्ष रखते हुए जेपीएससी के द्वारा रिवाइज रिजल्ट के मार्किंग पैटर्न को सही बताया है. वहीं वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि जेपीएससी ने कई बार अपना स्टैंड बदला है इसलिए पेपर 1 का अंक फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं जुड़ सकता इसके लिए कई बाध्यताएं हैं. वहीं पूरी प्रक्रिया को रद्द करने की मांग कर रहे.
प्रार्थी दिलीप कुमार सिंह की ओर से अधिवक्ता सुभासिक रसिक सोरेन ने पक्ष रखा. पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि मार्किंग पैटर्न में बदलाव मुख्य परीक्षा से ही शुरू किया जाना चाहिए था. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि अदालत के सामने कई सरकारी सर्कुलर नहीं पेश किए गए हैं. अदालत ने उन्हें कल तक का समय दिया है. इधर राज्य सरकार के द्वारा झारखंड हाईकोर्ट के खंडपीठ के फैसले पर सहमति जताई गई है और रिवाइज रिजल्ट को सही ठहराया गया है. इस मामले में कल फिर बहस होगी. फिलहाल रिजल्ट से बाहर हुए अभ्यर्थियों की नजर सुप्रीम कोर्ट से आने वाले आदेश पर टिकी हुई है. देखना अहम होगा कि कल क्या कुछ आदेश होता है.